जिस तरह हम अपने शरीर की बाहरी सफाई का ख्याल रखते हैं, ठीक उसी तरह शरीर के भीतर की क्लीनिंग करना भी उतना ही आवश्यक है। आमतौर पर, शरीर के भीतर की गंदगी को बाहर निकालने के लिए बॉडी डिटॉक्स वाटर का इस्तेमाल किया जाता है। लोग यह समझते हैं कि डिटॉक्स वाटर सिर्फ वेट लॉस में मदद करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। यह मेटाबॉलिज्म को बूस्टअप करने के साथ-साथ शरीर में मौजूद किसी भी तरह के टॉक्सिन को बाहर करते हैं, जिसके कारण आपको बहुत से हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं।
आजकल लोग कई अलग-अलग इंग्रीडिएंट्स की मदद से डिटॉक्स वाटर बनाते हैं, लेकिन फिर भी डिटॉक्स वाटर का सेवन करने के बाद भी उन लोगों को वह लाभ नहीं मिल पाते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि आप डिटॉक्स वाटर को सही तरह से नहीं लेते हैं। दरअसल, डिटॉक्स वाटर को लेने का भी अपना एक तरीका होता है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डायटीशियन रितु पुरी आपको बॉडी डिटॉक्स वाटर को सही तरह से लेने के तरीके के बारे में बता रही हैं-
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अगर आप डिटॉक्स वाटर का मैक्सिमम लाभ उठाना चाहते हैं, तो ऐसे में आपको इसे दिन की शुरूआत में खाली पेट ही लेना चाहिए। दरअसल, जब आप इसे खाली पेट लेते हैं, तो उस समय आपका पेट पहले से ही क्लीन होता है और आपका आखिरी मील कम से कम आठ घंटे पहले लिया हुआ होता है, जिससे डिटॉक्स वाटर लेने से इससे बॉडी को एक अच्छा स्टार्ट मिलता है। डिटॉक्स वाटर अमूमन पोटेशियम और विटामिन सी रिच होते हैं। यह दो ऐसे पोषक तत्व है, जो बॉडी से टॉक्सिन को रिलीज करने में मदद करते हैं और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट अप करता है।
कुछ लोग ऐसे डिटॉक्स वाटर भी लेते हैं, जिन्हें वह पूरा दिन कंज्यूम करते हैं। अगर आपके डायटीशियन ने ऐसा कोई डिटॉक्स वाटर आपको बताया है, तो आप उसे अवश्य लें। लेकिन फिर भी आप यह ध्यान दें कि आप खाने के साथ इसे बिल्कुल ना लें। कोशिश करें कि आपके मील्स और डिटॉक्स वाटर के बीच कम से कम आधे घंटे का गैप अवश्य हो। ऐसा इसलिए जरूरी है, क्योंकि आप अपनी मील से भी कई तरह के पोषक तत्व प्राप्त करते हैं और जब आप मील के साथ डिटॉक्स वाटर लेते हैं, तो उसका उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता है।
जब भी आप डिटॉक्स वाटर लेते हैं, तो इस बात का यह ध्यान रखें कि आप उसे फ्रेश ही बनाएं। कई बार लोग बड़े जार में पानी डालकर उसमें कुछ इंग्रीडिएंट्स डाल देते हैं और उसका सेवन दो-तीन दिन तक करते हैं, लेकिन ऐसा करने से बचें। यह आपको लाभ के स्थान पर नुकसान पहुंचा सकता है।
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जब आप डिटॉक्स वाटर ले रहे हैं, तो पानी के तापमान का ध्यान रखना भी आवश्यक है। डिटॉक्स वाटर के लिए गर्म या गुनगुना पानी इस्तेमाल करना काफी अच्छा माना जाता है। हालांकि, मौसम के मिजाज को देखते हुए आप रूम टेंपरेचर पर भी पानी ले सकते हैं। लेकिन ठंडा पानी लेने से परहेज करें, क्योंकि यह आपको उतना अच्छा लाभ नहीं पहुंचाएगा, जितना कि आपको चाहिए।
कुछ लोग जल्द व बेहतर रिजल्ट पाने के लिए अपने प्लेन पानी से डिटॉक्स वाटर को स्विच कर देते हैं। आप ऐसा कर सकते हैं, लेकिन आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि सादा पानी भी आपके लिए उतना ही जरूरी है। आप दिन में एक लीटर तक डिटॉक्स वाटर ले सकते हैं। लेकिन इसके अलावा आप सादा पानी भी पीएं।
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