देश-भर में चैत्र नवरात्रि का त्यौहार जोरों पर है। ऐसे में देवी दुर्गा के कई भक्त देवी का आशीर्वाद पाने के लिए नौ दिनों का व्रत रखते हैं। इस दौरान सभी लोग नॉर्मल नमक, दाल, गेंहू के आटे, चावल जैसी चीजों को खाने परहेज करते हैं और फल, दूध, मखाने आदि का सेवन करते हैं। इस तरह डाइट में कई तरह के बदलाव होते हैं।
हालांकि, व्रत के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह लिवर डिटॉक्सिफिकेशन और वजन कम करने में मदद करता है और इससे चेहरे पर ग्लो आता है। लेकिन, खाली पेट तले हुए फूड्स का सेवन करने से कब्ज और एसिडिटी जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
इसके अलावा, अगर आप अनहेल्दी स्नैक्स नहीं खाते हैं, तो भी खाली पेट गैस्ट्रिक एसिड के अधिक बनने से गैस्ट्राइटिस हो सकता है। व्रत के दौरान लिक्विड की कमी और अन्य अनहेल्दी आदतें भी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का कारण बन सकती है।
एसिड के लेवल में अचानक बदलाव से एसिडिटी और कब्ज जैसी पेट से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। इसके अलावा, कंसंट्रेशन कम होने लगता है, जिससे आप सही तरीके से काम नहीं कर पाते। लेकिन, कुछ आसान स्टेप्स को फॉलो करके आप नौ दिन व्रत के बाद होने वाली एसिडिटी और कब्ज की परेशानी से बच सकते हैं। इन टिप्स के बारे में हमें सोनाक्षी जोशी, राजधानी फूड्स की न्यूट्रिशनिस्ट सोनाक्षी जोशी बता रही हैं।
डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पानी पिएं
जब हम भूखे होते हैं, तब हमारा पेट पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए महत्वपूर्ण एसिड छोड़ता है। जब आप व्रत कर रहे होते हैं, तब पेट के ये एसिड गैस छोड़ना शुरू कर देते हैं क्योंकि भोजन नहीं होता है। पेट के एसिड के लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पिएं।
पानी का पीएच लेवल भी पेट से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, हमारा शरीर 70% पानी से बना है। इस प्रकार पूरे दिन सही मात्रा में पानी पीना शरीर के कामों के लिए जरूरी होता है, विशेष रूप से भारत जैसे गर्म मौसम में। एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि गुनगुना पानी को एक साथ पीने से सूजन और बेचैनी हो सकती है। इसलिए दिनभर में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पिएं।
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हेल्दी लिक्विड्स
पेट को ठीक रखने के लिएहेल्दी लिक्विड्स का सेवन करें। नारियल पानी एसिडिटी को बहुत अच्छे तरीके से कम करता है, जो न सिर्फ पेट के पीएच लेवल को बैलेंस करता है, बल्कि शरीर से हानिकारक टॉक्सिन्स को भी बाहर निकालता है। इसलिए व्रत करने वाले लोगों को दिन में कम से कम एक बार नारियल पानी जरूर पीना चाहिए।
इसके अलावा, छाछ में कूलिंग गुण भी होते हैं, जो पेट आराम देते हैं। इसके अलावा, कैफीन सिर्फ पेट में एसिड लेवल को बढ़ाता है, इसलिए चाय या कॉफी को खाली पेट नहीं पीना चाहिए।
सही समय पर सही फल खाएं
फल फाइबर और पानी से भरपूर होते हैं। इसलिए फल खाने से आपको दो फायदे हो सकते हैं। फाइबर भूख को रोकने और भोजन को पचाने में मदद करता है।
हालांकि, यदि आप खाली पेट सेब या खट्टे फल खाते हैं, तो ये डाइजेस्टिव सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है और पाचक रसों में तेजी से बढ़ा सकते हैं। तरबूज जैसे फलों में 90% पानी होता है, जो आपको हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। केले आपकी डाइट के लिए एक और अच्छा विकल्प हैं। पोटेशियम से भरपूरहोने के कारण यह एसिडिटी को कम करते हैं।
अन्य उपाय
कई भक्त पूरे दिन में सिर्फ एक बार भोजन करते हैं। दिनभर के व्रत के बाद ज्यादा खाना आसान होता है, लेकिन यह पेट को खराब कर सकता है और एसिडिटी का कारण बन सकता है। व्रत के दौरान खुद पर नियंत्रण रखना जरूरी होता है, इसलिए आपको इस समय के दौरान कम मात्रा में खाना चाहिए।
निष्कर्ष
इन चीजों के अलावा, तले हुए फूड्स को खाने से बचना चाहिए। हालांकि, तले हुए आलू के चिप्स, टिक्की और अन्य हाई कैलोरी फूड्स खाने में अच्छे लगते हैं, लेकिन बहुत अधिक खाने से बचें। साबुदाना खिचड़ी और भुने हुए मखाना फाइबर युक्त, हेल्दी और स्वादिष्ट नाश्ते के विकल्प हैं जो पाचन में मदद करते हैं और कब्ज को प्रभावी ढंग से रोकते हैं।
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