Buttermilk In Summer Diet: एक दिन में कितनी बार छाछ पी सकते हैं? इन लोगों हो सकता है नुकसान

गर्मी में छाछ एक बेहतरीन कूलिंग ड्रिंक है, जो शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ पाचन सुधारने में भी मदद करती है। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स पेट को हेल्दी रखते हैं और इम्यून सिस्टम मजबूत बनाते हैं। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि इसे पीने से नुकसान भी हो सकते हैं?
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Is Buttermilk Good For Health: गर्मी का मौसम आते ही शरीर में हीट बढ़ने लगती है, जिससे थकावट, डिहाइड्रेशन और चिड़चिड़ापन महसूस होने लगता है। ऐसे समय में ठंडी-ठंडी ड्रिंक्स ही शरीर को राहत देती हैं और एनर्जी भी बनाए रखती हैं। नारियल पानी, बेल शरबत, जलजीरा, आम पना और खासतौर पर छाछ सब गर्मी में शरीर को ठंडा रखने के लिए बेहतरीन माने जाते हैं।

छाछ लाइट होती है, जो पेट को बहुत ज्यादा भरे बिना उसकी हीट को बाहर निकालने में मदद करती है। छाछ पाचन को भी स्वस्थ रखती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एक दिन में कितनी बार छाछ पीनी चाहिए और क्या हर किसी के लिए छाछ फायदेमंद होती है?

छाछ न सिर्फ शरीर को कूलिंग इफेक्ट देती है, बल्कि पाचन में सुधार, हाइड्रेशन और इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मददगार होती है। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स पेट की सेहत को दुरुस्त रखते हैं। हालांकि, जरूरत से ज्यादा छाछ पीना कभी-कभी नुकसान भी पहुंचा सकता है। खासकर कुछ खास स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों को इससे बचना चाहिए।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि छाछ को कब, कितनी मात्रा में और किन परिस्थितियों में पीना चाहिए। साथ ही यह भी बताएंगे कि किन लोगों को छाछ से नुकसान हो सकता है। आइए समझते हैं छाछ पीने के सही तरीके और सावधानियों के बारे में विस्तार से।

छाछ में क्या-क्या पोषक तत्व होते हैं? (Nutritional Value In Buttermilk)

benefits of buttermilk

छाछ कैल्शियम, पोटेशियम, विटामिन-बी 12, राइबोफ्लेविन और प्रोबायोटिक्स से भरपूर होती है। यह फैट में कम और न्यूट्रिएंट्स में ज़्यादा होती है। इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है जिससे पाचन में सुधार होता है।

छाछ पीने के क्या हैं फायदे? (Benefits Of Buttermilk)

पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद

छाछ हमारे पेट के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है क्योंकि इसमें प्रोबायोटिक तत्व होते हैं। ये अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे पाचन ठीक रहता है और कब्ज की परेशानी कम होती है। जब पेट ठीक तरह से काम करता है, तो शरीर खाने से जरूरी पोषक तत्वों को अच्छे से ले पाता है और शरीर का विकास भी बेहतर होता है। प्रोबायोटिक्स पेट को साफ रखने में मदद करते हैं और इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाते हैं।

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शरीर को हाइड्रेट रखती है

गर्मी या ज्यादा पसीने के समय छाछ पीना शरीर को ठंडा और तरोताजा रखता है। यह शरीर में पानी की कमी नहीं होने देती और शरीर के कामकाज को सही तरीके से चलने में मदद करती है। अगर शरीर में पानी की कमी हो जाए, तो थकान लगती है और शरीर से गंदगी बाहर निकालना भी मुश्किल हो जाता है। छाछ में विटामिन-B12 होता है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा देने में मदद करता है। इसमें मौजूद कुछ शुगर और विटामिन मिलकर शरीर को एक्टिव बनाते हैं।

इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है

buttermilk intake daily limit

छाछ में मौजूद प्रोबायोटिक्स हमारे शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत को बढ़ाते हैं। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और छोटी-मोटी बीमारियों से बचाव होता है।

एसिडिटी में राहत देती है

जिन लोगों को पेट में जलन या एसिडिटी की दिक्कत होती है, उनके लिए छाछ बहुत फायदेमंद है। इसका ठंडा और क्षारीय (alkaline) स्वभाव पेट की जलन को शांत करता है और आराम देता है।

एक दिन में कितनी बार छाछ पीना सही होता है? (Buttermilk Intake Daily Limit)

आयुर्वेदाचार्य हरिकृष्ण वैद्य के अनुसार, 'गर्मियों में एक व्यक्ति को दिन में 1 से 2 गिलास छाछ पीनी चाहिए। सुबह या दोपहर के भोजन के साथ एक गिलास। शाम को अगर बहुत गर्मी हो या भूख कम लग रही हो, तो एक हल्का गिलास।' इसके अतिरिक्त आपके शरीर की जरूरत के अनुसार आपको छाछ का सेवन करना चाहिए।

किन लोगों को नहीं पीना चाहिए छाछ? (Who Should Not Drink Buttermilk)

who should not drink buttrmilk

छाछ आमतौर पर सेहतमंद लोगों के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन कुछ स्वास्थ्य स्थितियों में इसका सेवन नुकसानदायक हो सकता है:

  • सर्दी-जुकाम या साइनस की समस्या वालों को अधिक छाछ नहीं पीना चाहिए। छाछ की ठंडी तासीर बलगम बढ़ा सकती है, जिससे सर्दी और जुकाम लंबे समय तक बना रह सकता है।
  • जोड़ों के दर्द या गठिया रोगियों को भी नहीं छाछ ज्यादा नहीं पीनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ठंडी चीजें हड्डियों और जोड़ के दर्द को बढ़ा सकती हैं।
  • पेट में एसिडिटी या अल्सर हो तो छाछ पीने से बचना चाहिए। कुछ लोगों में छाछ से जलन या गैस बढ़ सकती है, खासकर अगर छाछ में मसाले डाले गए हों।
  • दूध से एलर्जी या लैक्टोज इन्टॉलरेंस हो, तो भी छाछ नहीं पीनी चाहिए। ऐसे लोग अगर छाछ पीते हैं तो उन्हें एलर्जी, गैस या पेट दर्द की समस्या हो सकती है।
  • रात में छाछ पीने से बचें, क्योंकि रात को शरीर की मेटाबॉलिक प्रक्रिया धीमी होती है, ऐसे में छाछ पचने में दिक्कत कर सकती है।

छाछ पीने का सही समय क्या है? (What Is The Right Time To Drink Buttermilk )

  • दोपहर के भोजन के साथ इसे पी सकते हैं। इससे खाना जल्दी और अच्छे से पचता है।
  • गर्मियों में धूप से लौटने के बाद छाछ पीना अच्छा रहता है। शरीर को इंस्टेंट ठंडक और हाइड्रेशन मिलता है। हालांकि, धूप से आने के तुरंत बाद छाछ न पिएं। 5-10 मिनट रुककर छाछ का सेवन करें।
  • भारी खाना खाने के बाद आप छाछ पी सकते हैं। अगर पेट भारी लग रहा हो तो छाछ से पाचन ठीक होता है।

ध्यान रखें ये जरूर टिप्स-

buttermilk side effects

  • हमेशा ताजा छाछ ही पिएं। पुरानी छाछ से खटास बढ़ जाती है और गैस की समस्या हो सकती है।
  • ज्यादा ठंडी या फ्रिज से निकली छाछ तुरंत न पिएं। पहले थोड़ा सामान्य तापमान पर आने दें।
  • अगर मसालेदार छाछ नहीं पसंद है तो आप सिर्फ काला नमक और थोड़ा जीरा पाउडर डालकर भी पी सकते हैं।
  • जिन लोगों को गैस या अपच की समस्या है, वे छाछ में हींग, पुदीना या अजवाइन मिलाकर पिएं, तो उन्हें राहत मिल सकती है।


गर्मी की तपिश से राहत पाने के लिए छाछ को सही मात्रा में, सही समय पर और सही तरीके से पीने से यह एक रामबाण घरेलू उपाय बन सकती है। इन बातों का ध्यान रखें और अपने शरीर की सुनें, तो आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे।

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Image Credit: Freepik

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