सिंघाड़े के आटे का इस्तेमाल आप सभी ने कभी न कभी जरूर किया होगा। आमतौर पर व्रत में इस्तेमाल किया जाने वाला सिंघाड़े का आटा स्वाद से भरपूर तो होता ही है, साथ ही ये सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। यह शरीर में खनिज और पोषक तत्वों की आपूर्ति तो करता ही है, इसके अलावा शरीर की कई समस्याओं से भी निजात दिलाता है।
आइए जानी मानी डॉक्टर आकांक्षा अग्रवाल (BHMS), नई दिल्ली से जानें किस तरह से सिंघाड़े का आटा हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है और क्यों इसे अपनी डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए ?
सिंघाड़े का आटा अनाज नहीं बल्कि फलाहर की श्रेणी में आता है लेकिन यह शरीर को इंस्टेंट एनर्जी प्रदान करता है। यह आयरन, कैल्शियम, जिंक और फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्वों को बढ़ाने वाले अच्छे कार्बोहाइड्रेट और ऊर्जा का उत्कृष्ट स्रोत है। उपवास के दौरान, आपकी ऊर्जा का स्तर कम होना स्वाभाविक है, क्योंकि आपके भोजन के सेवन की प्रकृति आपके नियमित दिनों से अलग होती है। इसलिए इस आटे का सेवन किसी न किसी रूप में जरूर करना चाहिए।
सिंघाड़ा फाइबर में उच्च होता है इसी वजह से सिंघाड़े का आटा भी फाइबर से युक्त होता है। फाइबर को पचाने में सबसे लंबा समय लगता है। इसलिए इसके सेवन के काफी देर बाद तक पेट भरा हुआ महसूस होता है और ज्यादा भूख नहीं लगती है। इसके सेवन के बाद आप भोजन की अति से बचे रहते हैं जिससे वजन नियंत्रित रहता है।
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सिंघाड़े के आटे में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है और यह आवश्यक पोषक तत्वों और विटामिन से समृद्ध होता है। एक रिसर्च के अनुसार पता चला है, कि यह आटा एंटीऑक्सिडेंट और खनिजों की अपनी गिनती के मामले में भी कम नहीं है। यह आटा विटामिन बी 6, पोटेशियम, तांबा, राइबोफ्लेविन, आयोडीन और मैंगनीज से भरा होता है। आयोडीन और मैंगनीज आपकी थायरॉयड समस्याओं की भी जांच करने में मदद करते हैं। यह आटा एंटीऑक्सिडेंट का पावरहाउस है जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
सिंघाड़े के आटे में पोटेशियम स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम कर सकता है, जो दोनों हृदय रोग से जुड़े हैं। अध्ययनों में पाया गया है कि जो लोग पोटेशियम के बड़े हिस्से का उपभोग करते हैं, उनमें स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप का खतरा काफी कम हो जाता है।
सिंगाड़े का आटा अपने उच्च फाइबर गुणों की वजह से भोजन आसानी से पचाने में सहायक होता है। यह बड़ी आंत के माध्यम से भोजन को स्थानांतरित करने में मदद करके पाचन में सहायता करता है। फाइबर भी पानी को अवशोषित करता है, जो मल को नरम करता है और उन्हें अधिक सुचारू रूप से पारित करने की अनुमति देता है। इसी वजह से इस आटे को अपनी डाइट में शामिल करने से कब्ज की समस्या दूर होती है।
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इस आटे में मौजूद कैल्शियम तत्व हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में सहायता करते हैं। इसके इस्तेमाल से हड्डियों सम्बन्धी कई समस्याएं जैसे ऑर्थराइटिस का खतरा कम हो जाता है और ये हड्डियों को खोखलेपन से भी बचाता है।
स्वास्थ्य संबंधी कई गुणों से भरपूर होने की वजह से सिंघाड़े के आटे को अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए। लेकिन अन्य कोई स्वास्थ्य समस्या होने पर इसे डाइट में शामिल करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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Image Credit: freepik and shutterstock
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