Halim Seeds: अनहेल्दी खान पान और खराब जीवन शैली के कारण महिलाओं में पीसीओएस की समस्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। यह महिलाओं के लिए काफी गंभीर समस्या होती है। इसे हम पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के नाम से जानते हैं। इसमें अंडाशय असामान्य रूप से पुरुष हार्मोन उत्पन्न करते हैं।इसमें पीरियड साइकिल खराब हो जाता है। वजन बढ़ने लगता है। हेयर फॉल होने के साथ ही सेक्सुअल हेल्थ भी बुरी तरह से प्रभावित होता है।
यहां तक की इससे बांझपन का खतरा भी काफी ज्यादा बढ़ जाता है। हालांकि इस समस्या के लिए ट्रीटमेंट भी उपलब्ध है। लेकिन आप इसे नेचुरल तौर पर कंट्रोल करना चाहती हैं तो हलीम के बीज को डाइट में शामिल कर सकती हैं। इस बारे में डायटीशियन लवनीत बत्रा जानकारी दे रही हैं। आइए जानते हैं पीसीओएस में हलीम के बीज कैसे फायदेमंद साबित हो सकता हैं।
हलीम के बीज में पाए जाने वाले पोषक तत्व
आपको बता दें कि हलीम के बीज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इनमें प्रोटीन, फाइबर, पोटेशियम, विटामिन ए, विटामिन ई, विटामिन सी पाए जाते हैं।
पीसीओएस में हलीम के बीज से कितना फायदा होता है?
- हलीम के बीच में फाइटोएस्ट्रोजन होते हैं जो शरीर में हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं। पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं अगर हलीम के बीजों का सेवन करें तो एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टरॉन के स्तर को रेगुलेट करने में मदद मिल सकता है। ऐसे हार्मोन संतुलन को बढ़ावा मिलता है। इससे पीरीयड्स रेगुलर होता है।
- पीसीओएस में इन्सुलिन रेजिस्टेंस की समस्या हो जाती है। वहीं हलीम के बीज डाइटरी फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, जो इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकते हैं। हलीम के बीजों को डाइट में शामिल करने से ब्लड शुगर लेवल को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है।
- पीसीओएस में सूजन की समस्या हो जाती है। वहीं हलीम के बीच में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
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- हलीम के बीजों के सेवन से वजन घटाने में भी मदद मिलती है। हलीम के बीजों में प्रोटीन और फाइबर पाए जाते हैं, जिसके कारण लंबे वक्त तक भूख नहीं लगती है और ओवर ईटिंग से बचने से वजन घटाने में मदद मिलती है।
- पीसीओएस में हलीम के बीजों का सेवन करने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है। खून की कमी दूर होती है । इसमें फोलेट होता है जिससे फर्टिलिटी बढ़ती है और कंसीव करने में मदद मिलती है।
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