शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई तरह के विटामिन्स व मिनरल्स की जरूरत होती है। इन्हीं में से एक है पोटेशियम। इसे सबसे महत्वपूर्ण खनिजों में से एक माना गया है और यह शरीर के हर सेल में मौजूद होता है। बता दें कि पोटेशियम की गिनती शरीर के चार मुख्य इलेक्ट्रोलाइट्स में होती है। यही कारण है कि पोटेशियम शरीर में वाटर बेलेंस के साथ-साथ रक्तचाप को भी नियंत्रित करने में मदद करता है।
पोटेशियम की भूमिका सिर्फ यहीं तक नहीं है। यह प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के पाचन में भी भूमिका निभाता है। मसल्स स्ट्रेंथ से लेकर नर्व फंक्शनिंग आदि में भी इसकी जरूरत होती है। लेकिन कभी-कभी कुछ एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन, दस्त या उल्टी, मैग्नीशियम का स्तर कम होने, अत्यधिक पसीना और फोलिक एसिड की कमी से भी पोटेशियम का स्तर कम हो सकता है। जब शरीर में पोटेशियम कम होता है तो शरीर में कुछ बदलाव नजर आते हैं। जिसके बारे में आज हम आपको इस लेख में बता रहे हैं-
जब शरीर में पोटेशियम का स्तर कम होता है, तो यह आपकी मसल्स हेल्थ पर नेगेटिव असर डालता है। यह मसल्स फंक्शनिंग में बाधा पैदा करता है और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है। जिसके कारण व्यक्ति को मांसपेशियों में अकड़न, दर्द और कमजोरी का अहसासहो सकता है। यदि आपकी मांसपेशियां बिना किसी स्पष्ट कारण के कमजोर और थका हुआ महसूस करती हैं, तो आपको अपने पोटेशियम स्तर की जांच करानी चाहिए।
अगर आप हमेशा ही खुद को थका-थका महसूस करते हैं। यहां तक कि बिना कोई काम किए या फिर कठिन परिश्रम के बिना आपको हरवक्त थकान का अहसास होता है तो यह शरीर में पोटेशियम की कमी के कारण हो सकता है। शरीर में प्रत्येक कोशिका को कार्य करने के लिए पोटेशियम की सही मात्रा की आवश्यकता होती है, लेकिन जब शरीर में पोटेशियम का स्तर कम होता है तो इससे कोशिकाओं के साथ-साथ अंगों के कामकाज पर भी प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार, व्यक्ति को थकान और सामान्य कमजोरी हो सकती है। हालांकि, थकान कई स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी हो सकती है, इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से एक बार परामर्श अवश्य ले लें।
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अगर आप पिछले कुछ वक्त से कब्ज की समस्या का सामना कर रहे हैं तो यह शरीर में पोटेशियम की कमी के कारण भी हो सकता है। पोटेशियम एक ऐसा मिनरल है, जो पाचन तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। पोटेशियम का लेवल कम होने से पेट और आंतों की मसल्स सही तरह से काम नहीं कर पाती हैं, जिसके कारण पाचन में समस्या होती है और व्यक्ति को कब्ज की शिकायत हो सकती है। हो सकता है कि आपको कब्ज के अलावा पेट में सूजन, दर्द और ऐंठन का अहसास भी हो।
पोटेशियम बेहतर मानसिक स्वास्थ्य और मस्तिष्क के कार्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह एक न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिनके परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन जब पोटेशियम का स्तर कम होता है तो व्यक्ति को कई तरह के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों जैसे भ्रम होना, मूड स्विंग्स यहां तक कि अवसाद की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। साल 2009 में जनरल हॉस्पिटल साइकियाट्री में प्रकाशित एक अध्ययन में यह पाया गा कि हाइपोकैलिमिया अर्थात् पोटेशियम के कम स्तर के परिणामस्वरूप अवसाद हो सकता है।
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तो अब आप भी इन संकेतों को नजरअंदाज ना करें और पोटेशियम की कमी को जल्द से जल्द दूर करने का प्रयास करें।
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