फैटी लीवर डिजीज लीवर फेल्योर की एक बड़ी वजह है। मोटे तौर पर देखें तो फैटी लीवर दो तरह के होते हैं, एक alcohol-induced और दूसरा nonalcoholic fatty liver disease.Nonalcoholic fatty liver disease आमतौर पर उन महिलाओं में देखने को मिलती है जो मोटापे की शिकार हैं, जिनकी जीवनशैली आराम वाली है या जो बहुत बड़ी मात्रा में प्रोसेस्ड डाइट लेती हैं।
फैटी लीवर चाहें जिस भी टाइप का हो, उसे सही तरह की डाइट से ठीक किया जा सकता है । जैसा कि इसके नाम से जाहिर है, फैटी लीवर डिजीज होने पर लीवर में बहुत ज्यादा फैट इकट्ठा हो जाता है। हेल्दी बॉडी में लीवर टॉक्सिन्स दूर करने में मदद करता है और बाइल प्रोड्यूस करता है, जो डाइजेशन में मदद करता है। फैटी लीवर डिजीज होने पर लीवर डैमेज हो जाता है और उसकी कार्यक्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है। आइए जाने ऐसी फूड डाइट जो आपको फैटी लीवर को ठीक करने में मदद करती है-
अध्ययन बताते हैं कि कॉफी पीने वालों को कॉफी ना पीने वालों की तुलना में लीवर के डैमेज होने की समस्या अपेक्षाकृत कम होती है। कॉफी पीने से abnormal liver enzymes के स्तर में कमी आती है, जिससे लीवर डिजीज होने का खतरा कम हो जाता है।
ब्रोकोली, पालक, अंकुरित अनाज, kale जैसे फूड आइटम्स वजन घटाने में मददगार होने के साथ-साथ फैट बनने में भी कमी लाते हैं। Soy protein जो टोफू जैसे फूड आइटम्स में पाया जाता है, भी फैट बिल्डअप को घटाता है, साथ ही टोफू लो फैट होने के साथ हाई प्रोटीन भी देता है।
फैटी फिश जैसे कि salmon, sardines, tuna और trout में omega-3 fatty acids बड़ी मात्रा में होता है। इससे लीवर फैट के असंतुलन को कम करने और जलन कम करने में मदद मिलती है।
Whole grains से मिलने वाला carbohydrates आपकी बॉडी को एनर्जी देता है। इसमें मिलने वाला फाइबर आपको भरा-भरा होने का अहसास देता है। इससे आपको वजन मेंटेन करने में भी आसानी होती है।
वॉलनट्स में omega-3 fatty acids अच्छी मात्रा में होते हैं। रिसर्च में यह बात सामने आई है कि फैटी लीवर डिजीज से प्रभावित लोगों ने जब वॉलनट्स खाए तो उनके लीवर फंक्शन में सुधार दिखाई देने लगा।
हेल्दी फैट्स अवोकाडो में अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। अध्ययन बताते हैं कि इनमें ऐसे केमिकल होते हैं, जो लीवर डैमेज होने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं। इनमें फाइबर भी अच्छी-खासी मात्रा में होता है, जिससे वजन कंट्रोल करने में आसानी होती है।
ऑलिव ऑयल में omega-3 fatty acids अच्छी मात्रा में होते हैं। रिसर्च में यह बात साबित हुई है कि ऑलिव ऑयल के इनटेक से एंजाइम लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
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