यह तो हम सभी जानते हैं कि हेल्दी रहने के लिए पर्याप्त पोषण प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसके लिए अधिकतर लोग विटामिन्स और मिनरल्स पर अधिक फोकस करते हैं। इन्हें माइक्रो न्यूट्रिएंट्स या फिर सूक्ष्म पोषक तत्व भी कहा जाता है। विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों की मदद से व्यक्ति इन्हें अपनी डाइट में शामिल करता है।
बता दें कि सभी खाद्य पदार्थों में मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं। मैक्रोन्यूट्रिएंट्स वसा, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन हैं। ये पोषण के मुख्य तत्व हैं। आपके शरीर को हर दिन महत्वपूर्ण मात्रा में इन सभी की आवश्यकता होती है। वहीं, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स विटामिन और मिनरल्स हैं।
वे मैक्रोन्यूट्रिएंट्स की तरह ही महत्वपूर्ण हैं। यदि आप कुछ सूक्ष्म पोषक तत्वों का पर्याप्त मात्रा में सेवन नहीं करते हैं, तो आप कुपोषण के कारण कई तरह ही स्वास्थ्य समस्याओं से घिर सकते हैं। इससे जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स भी हैं, जिनसे अधिकतर लोग अनजान ही होते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको इन्हीं फैक्ट्स के बारे में बता रहे हैं-
जब विटामिन और खनिजों की बात आती है, तो जरूरी नहीं कि अधिक बेहतर हो। कुछ लोग सोचते हैं कि अगर वह इसका अधिक मात्रा में सेवन करेंगे तो उन्हें अतिरिक्त लाभ मिलेगा। जबकि ऐसा नहीं है। अधिक मात्रा में लेने पर कई सूक्ष्म पोषक तत्व विषाक्त हो जाते हैं।
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इसके अलावा, वाटर सॉल्यूबल बी और सी विटामिन को जब आप बहुत अधिक लेते हैं तो वह उत्सर्जित हो जाते हैं। इसलिए सबसे अच्छा यह है कि ओवरबोर्ड न जाएं। हमेशा अपने शरीर के जरूरत के अनुसार ही माइक्रोन्यूट्रिएंट्स लें।
कुछ लोग हेल्दी रहने के विटामिन व मिनरल्स से जुड़े कुछ सप्लीमेंट्स का सेवन करना शुरू कर देते हैं। लेकिन, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स को भोजन के माध्यम से प्राप्त करना सबसे अच्छा माना जाता है, गोलियों से नहीं। मल्टीविटामिन विभिन्न प्रकार के स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाने की जगह नहीं ले सकते हैं।
दरअसल, खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों का एक मैट्रिक्स होता है, जैसे कि इसमें फाइबर और हेल्दी फैट आदि होते हैं, जो आपको सप्लीमेंट्स नहीं दे सकते हैं। इसलिए, कभी भी खुद से कोई मल्टीविटामिन लेना शुरू ना करें, क्योंकि किसी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की अधिकता भी आपको नुकसान पहुंचा सकती है। इसके अलावा, केवल डॉक्टर की सलाह और उनके द्वारा निर्देशित मात्रा में मल्टीविटामिन लें।
विटामिन को अमूमन दो टाइप्स में विभाजिन किया जाता है। उनकी घुलनशीलता के आधार पर, विटामिन को फैट सॉल्यूबल विटामिन और वाटर सॉल्यूबल विटामिन में बांटा जाता है। जहां, विटामिन ए, डी और ई फैट सॉल्यूबल विटामिन हैं, वहीं विटामिन बी और सी की गिनती वाटर सॉल्यूबल विटामिन में होती है।
यह सच है कि विटामिन-डी का मुख्य स्रोत धूप है। लेकिन यह विटामिन डी का एकमात्र स्त्रोत नहीं है, जैसा कि अधिकतर लोग मानते हैं। अन्य खाअंडे की जर्दी, चिकन ब्रेस्ट, बीफ, लीवर, मछली, कॉड लिवर ऑयल, मशरूम, सोया दूध, गाय का दूध, पनीर और अनाज शामिल हैं।
विटामिन्स की तरह मिनरल्स भी बेहतर स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है। यहां तक कि मानव शरीर में हर जीवित कोशिका के लिए मिनरल्स आवश्यक पोषक तत्व हैं। व्यक्ति को इनकी बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है और ये प्लांट और एनिमल फूड सोर्स दोनों में पाए जाते हैं। सबसे आवश्यक मिनरल्स कैल्शियम, सोडियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम और पोटेशियम हैं।
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अधिकतर लोग सोडियम को लेकर गलत धारणा रखते हैं और इसे सेहत के लिए अच्छा नहीं मानते हैं। जबकि, सोडियम एक आवश्यक खनिज है, जो रक्तचाप को रेग्युलेट करनेऔर ब्लड वॉल्यूम को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। साथ ही, नसों और मांसपेशियों के समुचित कार्य में भी सोडियम महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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