पूरे दिन भर काम करने के बाद अगर आपके सिर में दर्द होने लगे तो यकीनन चिड़चिड़ाहट होगी ही। सिरदर्द नॉर्मल है या फिर माइग्रेन इसे भी कई लोग समझ नहीं पाते हैं। दरअसल, हमारी लाइफस्टाइल कुछ ऐसी हो गई है कि कई लोगों को माइग्रेन ट्रिगर होने लगता है। कई लोग इसे ठीक करने के लिए भारी पेन किलर्स खाते हैं। यकीनन माइग्रेन का कोई परमानेंट इलाज नहीं हो सकता, लेकिन इसे कम करने और ट्रिगर ना होने देने के लिए कुछ तरीके आजमाए जा सकते हैं।
आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इससे जुड़ी जानकारी शेयर की है। उन्होंने किचन के ऐसे तीन इंग्रीडिएंट्स बताए हैं जो माइग्रेन को कम करने में बहुत मददगार साबित हो सकते हैं।
1. भीगी हुई किशमिश
माइग्रेन को कम करने के लिए भीगी हुई किशमिश बहुत ही अच्छी साबित हो सकती है।
कब खाएं?
- रात भर भीगी हुई 10-15 किशमिश आप भिगोकर खा सकती हैं। आप इसके पहले सिर्फ हर्बल टी ही पिएं या फिर खाली पेट इसे खाएं।
- ये माइग्रेन का दर्द खत्म करने के लिए बहुत ही कारगर साबित हो सकती है।
- इसे लगातार कम से कम 12 हफ्तों तक खाना चाहिए।
क्या होता है इससे?
- ये शरीर के पित्त दोष को कम करने में मदद करती है। इसी के साथ, वात दोष भी कम होता है।
- इससे एसिडिटी, जी-मिचलाना, चिड़चिड़ाहट, एक तरफ होने वाला सिरदर्द आदि कम होता है।
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2. जीरा-इलायची की चाय
माइग्रेन की समस्या कम करने के लिए जीरा-इलायची की चाय बहुत ही अच्छी साबित हो सकती है। माइग्रेन के लक्षण बहुत ही ज्यादा तीव्र हो सकते हैं और आपकी दैनिक लाइफ में परेशानी पैदा कर सकते हैं।
कब पिएं?
- आप सुबह खाली पेट इसे पिएं।
- 1 छोटा चम्मच जीरा और 1-2 इलायची पानी में 3 मिनट के लिए बॉइल करें।
- इसके बाद इसे आप पी लें।
- वैसे इसे रात में सोते समय भी पिया जा सकता है।
क्या होता है इससे?
- ये ना सिर्फ माइग्रेन बल्कि पेट से जुड़ी कई समस्याओं को भी ठीक करता है।
- इससे आपका डाइजेशन भी ठीक रहता है।
- ये स्ट्रेस और जी-मिचलाने की समस्या को भी ठीक रखती है।
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3. गाय का घी
गाय का घी ना सिर्फ बहुत ही अच्छा प्रोटीन है बल्कि ये पित्त दोष को बैलेंस करने वाला एक बहुत ही अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है। गाय का घी कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है।
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कैसे करें इस्तेमाल?
- घी कौ आप किसी भी तरह से खा सकती हैं। इसे रोटी, चावल या फिर सब्जियों के साथ खाया जा सकता है।
- इससे न्यासा किया जा सकता है यानी शुद्ध देसी घी के दो ड्रॉप्स नॉस्ट्रिल्स में डाले जा सकते हैं।
- घी के साथ आयुर्वेदिक दवाएं भी ली जा सकती हैं जैसे ब्राह्मी, शंखपुष्पी, यष्टिमधु आदि।
ये ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि माइग्रेन के लक्षण दिखने पर उससे जुड़ी सही सलाह डॉक्टर से लेनी बहुत जरूरी है। अगर आपको आयुर्वेदिक नुस्खे ठीक लगते हैं तब ही उन्हें ट्राई करें और उसके लिए भी किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें। ये ध्यान रखें कि माइग्रेन जैसी समस्या को हल करने के लिए हेल्दी डाइट, ब्रीदिंग एक्सरसाइज आदि बहुत जरूरी होती है।
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