हमारा शरीर तरह-तरह के संकेतों से हमें स्वास्थ्य के बारे में बताता रहता है। मगर कई लोग इसे अनदेखा करते हैं और फिर समस्या गंभीर होने पर उन्हें पछतावा होता है।
अब लिवर को ही लीजिए, यह एक महत्वपूर्ण ऑर्गन है जो शरीर को ठीक तरह से काम करने में मदद करता है। लिवर जब खराब होने लगता है या इसमें फैट जमने लगे, तो फैटी लिवर की शिकायत हो सकती है और आगे चलकर यह सिरोसिस ( Liver Cirrhosis) का रूप ले सकती है।
जाने-माने डॉक्टर सौरभ सेठी, इंस्टाग्राम में अक्सर लिवर और अन्य पेट संबंधी समस्याओं के बारे में बताते हैं। वह एक लिवर स्पेशलिस्ट हैं और लिवर से जुड़ी समस्याएं और उनके निवारण शेयर करते हैं।
अपने एक पोस्ट में उन्होंने बताया कि हमारा शरीर वॉर्निंग साइन्स देता है, जिससे हमें यह अंदाजा हो जाता है कि लिवर की दिक्कत हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने तीन ऐसे फूड्स भी बताएं जिनसे लिवर को रिपयेर करने में मदद मिल सकती हैं। इस लेख में चलिए उन वॉर्निंग साइन्स और लिवर के लिए बढ़िया फूड्स कौन-से हैं, जानें।
फैटी लिवर अक्सरधीरे-धीरे विकसित होता है, इसके शुरुआती चरणों में आपको इसके बारे में पता भी नहीं रहेगा। हालांकि, जैसे-जैसे स्थिति बढ़ती है, शरीर वॉर्निंग साइन्स देने लगता है। इन संकेतों को जल्दी पहचानना आपके लिए फायेमंद हो सकती है। फैटी लिवर के मेन वॉर्निंग साइन्स इस प्रकार हैं:
सबसे आम लक्षणों में से एक लगातार थका हुआ महसूस करना है। लिवर शरीर को डिटॉक्स करने और ऊर्जा पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब लिवर पर फैट का बोझ होता है, तो इन फंक्शन्स को करने की इसकी क्षमता कम हो जाती है, जिससे आपको हर वक्त थकान होती है।
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फैटी लिवर पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द या बेचैनी पैदा कर सकता है, जहां लिवर स्थित होता है। यह बेचैनी हल्के दर्द से लेकर तेज दर्द तक हो सकती है, जो लिवर डैमेज की सीमा पर निर्भर करता है।
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लिवर का एक फंक्शन यह है कि वह शरीर की फैट को मेटाबॉलाइज करने की क्षमता को प्रभावित करता है। जब फैट लिवर में जमने लगता है, तो यह फंक्शन धीमा हो जाता है। इसके कारण अचानक से वेट गेन हो सकता है। यह अब्डॉमिनल फैट ऊपर की ओर नजर आता है।
जैसे-जैसे लिवर का फंक्शन बिगड़ता है, पेट में लिक्विड जमा हो सकता है, जिससे पेट फूल सकता है। फैटी लिवर के टॉप फेज में पैरों में सूजन और पेट का फूलना शामिल है।
त्वचा और आंखों का पीला पड़ना, जिसे पीलिया के रूप में जाना जाता है। यह दर्शाता है कि लिवर बिलीरुबिन को फिल्टर करने के लिए संघर्ष कर रहा है, जो एक वेस्ट है। यह शरीर द्वारा पुरानी लाल रक्त कोशिकाओं को तोड़ने पर बनता है। पीलिया लीवर डिजीज का एक गंभीर संकेत है।
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कुछ खाद्य पदार्थ सूजन को कम करके, डिटॉक्सिफिकेशन में सहायता करके और फैट के जमने को रोककर लिवर के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। चुकंदर, बेरीज और ब्रोकली अपने पोषक तत्वों से भरपूर प्रोफाइल के कारण फैटी लिवर वाले व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हैं।
चुकंदर में एंटीऑक्सीडेंट, विशेष रूप से बीटालेन भरपूर मात्रा में होते हैं, जो उन्हें उनका ब्राइट लाल रंग देते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट लिवर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जो आगे लिवर को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है। चुकंदर में नाइट्रेट भी होते हैं, जो लिवर में रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार करते हैं, जिससे शरीर को डिटॉक्सिफिकेशन करने की इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
चुकंदर में फाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है, जो पाचन में सहायता करता है और लिवर में फैट के निर्माण को कम करने में मदद करता है। अपने आहार में चुकंदर का रस या भुने हुए चुकंदर को शामिल करने से आपके लिवर को आवश्यक पोषक तत्व मिल सकते हैं जो डिटॉक्सिफिकेशन को बढ़ावा देते हैं और इसे ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं।
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ब्लूबेरी, असाई बेरी, ब्लैकबेरी और रास्पबेरी जैसे बेरीज एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, खासकर एंथोसायनिन, जिसमें शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और लिवर-प्रोटेक्टिव गुण होते हैं। बेरीज लिवर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने, फैट के जमाव को कम करने और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद करते हैं, जो अक्सर फैटी लिवर वाले व्यक्तियों में कम हो जाती है।
ये छोटे फल फाइबर से भी भरपूर होते हैं, जो बेहतर पाचन को बढ़ावा देते हैं और शरीर में फैट के अब्सॉर्बशन को कम करते हैं। अपने आहार में विभिन्न प्रकार के बेरीज को शामिल करने से लिवर के स्वास्थ्य में काफी सुधार हो सकता है और फैटी लिवर को रोका जा सकता है।
ब्रोकली पोषक तत्वों का एक पावरहाउस है और विशेष रूप से लिवर के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। यह क्रूसिफेरस सब्जी सल्फोराफेन से भरपूर होती है, जो एक ऐसा कंपाउंड है जो लिवर की डिटॉक्सिफिकेशन रिएक्शन को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। ब्रोकली का सेवन करने से लिवर में फैट के निर्माण को रोकने और लिवर कैंसर के विकास के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
ब्रोकली में कई तरह के विटामिन, खनिज और फाइबर भी होते हैं जो स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण लिवर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं, जिससे यह लिवर के फंक्शन को बेहतर बनाता है।
अगर आप भी वॉर्निंग साइन्स को पहचानें और अपने स्वास्थ्य की देखभाल करें। किसी भी तरह का संकेत मिलने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपने आहार को पौष्टिक बनाएं।
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Image Credit: Freepik
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