क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड को देवभूमि क्यों कहा जाता है?

आज हम आपको बताएंगे कि उत्तराखंड को देवभूमि क्यों कहा जाता है। इसके पीछे क्या कारण हैं। तो चलिए जानते हैं इस बारे में।

  • Hema Pant
  • Editorial
  • Updated - 2022-01-06, 20:12 IST
reason behind why uttarakhand is called devbhoomi

सुंदरता के लिहाज से देखा जाए तो पूरा उत्तराखंड ही बेहद खूबसूत है। चारों तरफ हरियाली और ऊंचे-ऊंचे बर्फ से ढके पहाड़ इस राज्य की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। इसके साथ ही यहां आपको कई भव्य मंदिर भी देखने को मिलेंगे। लेकिन अक्सर लोगों को आपने यह कहते हुए जरूर सुना होगा कि उत्तराखंड देवभूमि है। यानि उत्तराखंड में भगवान का निवास है। ऐसा क्यों कहा जाता है क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है। शायद नहीं, तो आज हम आपको उत्तराखंड को देवभूमि कहे जाने की पीछे का कारण बताएंगे। चलिए जानते हैं इसके बारे में।

महान नदियों कीउत्पत्ति

uttrakhand history

भारत विविधताओं का देश हैं। यहां आपको रीति-रिवाजों से लेकर खान-पान तक हर चीज अलग-अलग देखने को मिलेगी। साथ ही भारत देश प्राकृति संसाधनों का भी भंडार है। क्योंकि हम भारतवासी नदियों को मां का दर्जा देते हैं, इसलिए नदियां हमारे लिए बेहद मायने रखती है। यहां आपको गंगा से लेकर सरस्वती नदी का संगम देखने को मिलेगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड देवभूमि से होकर कई नदियां गुजरती हैं। इसके साथ ही गंगा जमुना और सरस्वती नदी का उद्धम भी उत्तराखंड से ही होता है। इसके अलावा यहां आकर कई नदियां एक-दूसरे से मिलती भी हैं।

तप के लिए है खास स्थान

why uttrakhand is called devbhoomi

उत्तराखंड को शुरुआत से ही तप करने के लिए सबसे खास स्थान माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पाण्डवों से लेकर कई महान राजाओं ने तप करने के लिए इस भूमि को ही चुना था। सिर्फ यही नहीं ध्यान लगाने के लिए कई ज्ञानी माहत्मा और माहर्षि भी इस जगह पर आते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं कई साधुओं ने इस भूमि पर तप कर सीधा भगवान की प्राप्ति की है।

ऐसा कहा जाता है कि महाभारत के निशान भारत के अतिंम गांव माणा में दिखाई देते हैं। भारत के लोगों में यह बात बेहद प्रचलित है कि पांडवों ने अपनी स्वर्ग यात्रा के दौरान माणा गांव को पार किया था। यह गांव चमोली जिले में स्थि है। साथ ही भगवान शिव का ससुराल भी उत्तराखंड के दक्ष प्रजापति नगर में है।

इसे भी पढ़ें:भारत के इस आखिरी गांव से है स्वर्ग जाने का रास्ता, जानें इस गांव के बारे में


चार धाम हैं उत्तराखंड में

why uttrakhand is called devo ki bhoomi

ऐसा कहा जाता कि मरने से पहले अगर चार धाम की यात्रा कर ली तो जिंदगी सफल हो जाती है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री मंदिर और गंगोत्री मंदिर चार पवित्र धाम है। साथ ही यह सभी धाम उत्तराखंड में स्थित है। बता दें कि केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में मंदाकिनी नदी के पास गढ़वाल हिमालय श्रृंखला पर स्थित है।

हर साल लाखों की संख्या में लोग इस भव्य मंदिर के दर्शन करते जाते हैं। वहीं बद्रीनाथ मंदिर विष्णु को समर्पित है, जो बद्रीनाथ शहर में स्थित है और यह उत्तराखंड के चमोली जिले के अंतर्गत आता है। यमुनोत्री मंदिर उत्तरकाशी जिले में स्थित है और यह मंदिर देवी यमुना को समर्पित है। इसके अलावा गंगोत्री मंदिर देवी गंगा को समर्पित है जो उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री शहर में स्थित है।

इसे भी पढ़ें:जानें उत्तराखंड के उस गांव के बारे में जहां विदेशी लोगों का जाना है बैन

पर्यटन के लिहाज से

uttrakhand himalaya view

पर्यटन के लिहाज से भी पूरा उत्तराखंड खास माना जाता है। ऋषिकेश से लेकर औली तक यहां घूमने के लिए कई बेहतरीन जगहें हैं। आपको अपनी जिंदगी मेंएक बार जरूर उत्तराखंड की खूबसूरती से रूबरू होना चाहिए। यहां चारो ओर हरियाली और बर्फ से ढके पहाड़ आपका मन मोह लेंगे। साथ ही भव्य मंदिर से लेकर नदियों तक सारी विविधताओं को समेटे यह राज्य हर किसी के घूमने की लिस्ट में पहले नंबर पर आता है।

उम्मीद है कि आपको हमारा ये आर्टिक पसंद आया होगा। ट्रैवल से जुड़े ऐसे ही आर्टिकल पढ़ने के लिए कमेंट कर जरूर बताएं और जुड़े रहे हमारी वेबसाइट हरजिंदगी से।

Image Credit: freepik.com & google.com

Recommended Video

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP