Mukti Dham Mukam: बिश्नोई समाज के लिए क्यों खास है मुक्ति धाम मुकाम मंदिर, दर्शन मात्र से होती हैं मुरादें पूरी

Bishnoi Temple: राजस्थान में स्थित मुक्ति धाम मुकाम मंदिर बिश्नोई समाज के लिए बेहद पवित्र स्थल माना जाता है। आइए इस मंदिर का इतिहास और महत्व के बारे में जानते हैं।
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Mukti Dham Mukam Bishnoi Temple: भारत में आजकल कोई धार्मिक स्थल सबसे अधिक चर्चा के केंद्र में बना हुआ है, तो उसका नाम है मुक्ति धाम मुकाम मंदिर।

मुक्ति धाम मुकाम मंदिर एक पवित्र और प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर माना जाता है, जो बिश्नोई समाज के लोगों के लिए सबसे अधिक पवित्र और प्रसिद्ध स्थल है। आजकल यह मंदिर एक्टर सलमान खान और लॉरेंस बिश्नोई के चल रहे विवाद को लेकर खूब चर्चा में है।

इस आर्टिकल में हम आपको मुक्ति धाम मुकाम मंदिर कहां है? मंदिर का इतिहास क्या है? और इससे जुड़ी पौराणिक चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके अलावा, यह भी बताएंगे कि मुकाम मंदिर कैसे पहुंच सकते हैं।

मुक्ति धाम मुकाम मंदिर कहां है? (Where is mukti dham mukam bishnoi temple)

Where is mukti dham mukam bishnoi temple

मुक्ति धाम मुकाम मंदिर की पौराणिक कहानी बताने से पहले आपको यह बता दें कि बिश्नोई समाज का यह प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर राजस्थान के बीकानेर जिले में तलवा गांव के पास में मौजूद है।

मुक्ति धाम मुकाम मंदिर बीकानेर मुख्य शहर से करीब 78 किमी की दूरी पर है। इसके अलावा, राजस्थान की राजधानी जयपुर से यह मंदिर करीब 295 किमी की दूरी पर मौजूद है।

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मुक्ति धाम मुकाम मंदिर का इतिहास (Mukti dham mukam temple history)

Mukti dham mukam temple history

मुक्ति धाम मुकाम मंदिर बिश्नोई समाज का एक बड़ा और मुख्य मंदिर माना जाता है। कहा जाता है कि इस समाज के लोग हमेशा जानवरों और पर्यावरण से प्यार करते हैं। यहां भगवान गुरु जम्बेश्वर की पवित्र समाधि है।

मुकाम मंदिर के बारे में कहा जाता है कि गुरु जम्बेश्वर यहां करीब 1540-1593 ई. तक रहे और इसी बीच उन्होंने बिश्नोई संप्रदाय की स्थापना की। वह एक ऊंची चोटी पर विराजमान रहते थे और पूजा-पाठ करते थे।

मुक्ति धाम मुकाम मंदिर की पौराणिक कथा (Mukti dham mukam temple myth)

Mukti dham mukam temple myth

मुक्ति धाम मुकाम मंदिर की पौराणिक कथा काफी रोचक है। कहा जाता है कि गुरु जम्भोजी समाधि लेने वाले थे, तब उन्होंने खेजड़ी के पेड़ की तरफ संकेत करते हुए अनुयायियों से कहा था कि 'खेजड़ी के पास 24 हाथ खोदने पर भगवान शिव का त्रिशूल और धुना मिलेगा', और तुम मेरी वहीं समाधि बनाना।

कहा जाता है कि आज भी मंदिर में वह त्रिशूल और धुन्ना मौजूद है। आज की तारीख में यहां हर दिन हजारों बिश्नोई समाज के लोग दर्शन और पूजा-पाठ के लिए पहुंचते हैं। यहां फाल्गुन अमावस्या और आसोज अमावस्या के दौरान मेला लगता है और मेला के समय लाखों की संख्या में लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

मुक्ति धाम मुकाम मंदिर दर्शन का समय (Mukti dham mukam temple timing)

Mukti dham mukam temple time

मुक्ति धाम मुकाम यानी बिश्नोई मंदिर भक्त और पर्यटकों के लिए हर रोज सुबह 4 बजे से लेकर रात 8 बजे तक खुला रहता है। यहां सुबह और शाम भव्य आरती होती है, जिसमें हजारों भक्त शामिल होते हैं। आपको यह भी बता दें कि मंदिर परिसर में जाने के लिए कोई टिकट नहीं लगता है।

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मुक्ति धाम मुकाम मंदिर कैसे पहुंचें? (How to reach (Mukti dham mukam temple)

मुक्ति धाम मुकाम मंदिर पहुंचना बहुत ही आसान है। अगर आप फ्लाइट से जाना चाहते हैं, तो सबसे पास में बीकानेर एयरपोर्ट है, जो मंदिर से करीब 110 किमी है। इसके अलावा, इस मंदिर के सबसे पास में नोखा रेलवे स्टेशन है, जो लगभग 10 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा यह मंदिर राजस्थान के लगभग हर बड़े शहरों से सड़क माध्यम से भी जुड़ा हुआ है।

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