मुजफ्फरपुर की लीची क्यों है मशहूर, जानें क्या है इसका इतिहास

वैसे तो भारत के कई राज्यों और शहरों में लीची की अच्छी खेती होती है, लेकिन इस सभी में सबसे ज्यादा मुजफ्फरपुर की लीची फेमस है। चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

 
Why is Muzaffarpur famous for litchi

यह तो हम सभी को पता है कि बिहार की राजधानी पटना है, लेकिन पटना से ज्यादा बिहार के इस शहर की लीची बहुत लोकप्रिय है। लीची के कारण मुजफ्फरपुर को बिहार की अघोषित राजधानी कह सकते हैं। मुजफ्फरपुर की लीची बिहार, दिल्ली, झारखंड या भार में ही नहीं विदेशों में भी फेमस है। मुजफ्फरपुर की लीची को देश और दुनिया के कोने-कोने तक एक्सपोर्ट किया जाता है। जिस प्रकार आम को फलों का राजा कहते हैं, उसी तरह लीची को फलों की रानी का दर्जा दिया गया है। लीची एक ऐसा फल है, जो सफेद रंग के गूदा और रस से भरपूर होता है। फल का स्वाद इतना जबरदस्त होता है, कि हर कोई इसे खाना पसंद करते हैं। बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर की शाही लीची बहुत फेमस है, जिसके लोग दीवाने हैं। शाही के अलावा मुजफ्फरपुर की बेदामी और चाइना लीची भी बहुत मशहूर है, लेकिन शाही लीची की बीत ही कुछ और है।

क्या है लीची का इतिहास?

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लीची फल का इतिहास करीब 2000 साल पुराना है। इस फल को हजारों साल पहले चीन या चाइना में उगाया जाता था। भारत में लीची का आगमन 1800 साल बाद हुआ। भारत में बिहार के मुजफ्फरपुर में लीची की सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। भारत और चीन के अलावा लीची की खेती अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, मेडागास्कर और दक्षिण अफ्रीका में भी किया जाता है। 18वीं शताब्दी के शुरुआत से अमेरिका, भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, वियतनाम, ब्राजील ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, मेडागास्कर और दक्षिण अफ्रीका में लीची के उत्पादन का शुरुआत हो गया था। शाही लीचीको लोगों ने इतना ज्यादा पसंद किया कि इसने मार्केट में अलग दबदबा बनाया और इसकी खेती बड़े पैमाने में होने लगी। भारत में लीची चीन से आई थी, अब भारत दुनिया दूसरा ऐसा देश है, जहां लीची की सबसे ज्यादा खेती होती है। भारत में बिहार के मुजफ्फरपुर में अकेले ही सिर्फ 12000 हेक्टेयर में लीची की खेती होती है।

मुजफ्फरपुर में ही क्यों होती है लीची की सबसे ज्यादा खेती?

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लीची की बेहतर पैदावार और उत्पादन के लिए 5-7 PH मान वाली बलुई दोमट मिट्टी को सबसे अच्छा माना गया है। बिहार में लीची की खेती नदियों के किनारे या आसपास के क्षेत्रों में होती है। बिहार में लीची के बागान (लीची के किस्म) सबसे ज्यादा गंगा, गंडक, बूढ़ी गंडक के किनारे पर हैं, जहां की मिट्टी, पानी और वातावरण लीची के अच्छी पैदावार के लिए बेस्ट हैं।

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Image Credit: Freepik

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