भारत सरकार ने मांगुर मछली को बैन किया है। यह मछली, मूल रूप से अफ्रीका से लाई गई है और बैन करने के बाद भी भारत में अवैध रूप से इसे पाली जा रही थी। मांगुर मछली के पालन से पर्यावरण और स्थानीय मछलियों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। साथ ही इसके सेवन से भी मानव शरीर को कई तरह के स्वास्थ्य संबंधि दिक्कतों से गुजरना पड़ता है। मांगुर मछली के पालन से होने वाले इन नुक्सान को देखते हुए सरकार ने इसे भारत में बैन किया है।
सरकार ने क्यों लगाया मांगुर मछली पर बैन?
पर्यावरणीय खतरा
आक्रामक प्रजाति:
मांगुर मछली एक आक्रामक प्रजाति है जो जल में रहने वाली स्थानीय और अन्य मछलियों की प्रजातियों के लिए खतरनाक है। यह अन्य मछलियों के अंडे और छोटे मछलियों को खा जाती है, जिससे उनकी संख्या में भारी गिरावट होती है।
जीवित रहने की क्षमता:
कठिन परिस्थितियों (जैसे कम पानी, धूप आदि) में भी यह मांगुर मछली जीवित रह सकती है, जिससे यह तेजी से फैलती है और अन्य मछलियों के प्राकृतिक आवास को नुकसान पहुंचाती है।
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स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे
प्रदूषित पालन:
मांगुर मछली को अक्सर प्रदूषित और खराब पानी में पाला जाता है, क्योंकि ये किसी भी कठिन परिस्थिति में जीवत रह सकती हैं। गंदे और प्रदूषित पानी में पलने के कारण इसमें हानिकारक रसायन और जीवाणु जमा हो जाते हैं। ऐसे में इस मछली के सेवन से मानव स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
एंटीबायोटिक्स का उपयोग:
मांगुर मछली के अवैध पालन में एंटीबायोटिक्सऔर अन्य रसायनों का अत्यधिक उपयोग होता है, जो कि इस मछली को खाने वालों के लिए हानिकारक हो सकता है।
मांगुर मछली को बैन करने के कानूनी और आर्थिक पहलू
अवैध व्यापार:
मांगुर मछली का पालन और व्यापार अवैध घोषित किया गया है। इसके बावजूद भी कई जगहों पर इसका अवैध पालन जारी है, जिससे सरकार को कड़े कदम उठाने पड़े हैं।
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स्थानीय उद्योग पर प्रभाव:
मांगुर मछली के अवैध व्यापार से स्थानीय मछली (मछली से बनाएं ये स्नैक्स) पालन उद्योग को नुकसान हो रहा है। मांगुर मछली का दाम अन्य से कम है, इसलिए ज्यादातर लोग इसे खरीदते हैं, जिससे आर्थिक नुकसान हो रहा है।
वाटर इकोसिस्टम पर प्रभाव
इकोसिस्टम बैलेंस:
मांगुर मछली की उपस्थिति से जल निकायों में इकोसिस्टम का संतुलन बिगड़ रहा है। यह मछली पानी में रहने वाली अन्य मछलियों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को खत्म कर देती है, साथ ही अन्य मछलियों के बच्चे और अंडे को खा लेती है, जिससे स्थानीय मछलियों का जीवन खतरे में पड़ जाता है।
सरकार ने इन समस्याओं से निपटने और स्थानीय जल निकायों और इकोसिस्टम को संरक्षित करने के उद्देश्य से मांगुर मछली पर प्रतिबंध लगाया है। इसका उद्देश्य पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना और जनस्वास्थ्य की रक्षा करना है।
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Image Credit: Freepik
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