नॉन-स्टिक पैन या तवे का इस्तेमाल जबसे किचन में होने लगा है, काम बड़ा स्मूद तरीके से निपट जाता है। लोहे की तवे की तरह रोटियां चिपकती नहीं। पैन में कम से कम तेल में भी सब्जी पक जाती है। सही मायने में नॉन-स्टिक बर्तन किसी हीरो से कम नहीं हैं, जो किचन के काम को इतना एफिशियंट बना देते हैं।
हम इन बर्तनों पर आंख मूंदकर भरोसा करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि जिस तवे पर आप रोज खाना बना रही हैं, वो अब आपकी सेहत के लिए खतरा बन सकता है?
जी हां, नॉन-स्टिक तवे की भी एक उम्र होती है। समय के साथ इसकी कोटिंग घिसने लगती है, जिससे वह न सिर्फ चिपकने लगता है, बल्कि उसमें से टॉक्सिक केमिकल्स भी निकलते हैं। माना जाता है कि नॉन-स्टिक बर्तनों को 2-3 साल में जरूर बदल देना चाहिए, लेकिन इससे पहले यदि वे खराब हो जाएं, तो उन्हें किचन का हिस्सा न बनाएं।
अगर आपका तवा भी अब पहले जैसा नहीं रहा, तो जरा सतर्क हो जाएं। आइए जानें ऐसे साफ संकेत जो बताते हैं कि अब समय आ गया है अपने पुराने नॉन-स्टिक तवे को रिटायर करने का।
नॉन-स्टिक तवे की सबसे बड़ी पहचान होती है उसकी स्मूद सतह, जिस पर खाना बिना चिपके बनता है। लेकिन अगर उस सतह पर खरोंच आने लगे या कोटिंग जगह-जगह से उखड़ने लगे, तो ये एक बड़ा अलार्म है। टेफ्लॉन या किसी भी नॉन-स्टिक कोटिंग के छोटे-छोटे टुकड़े अगर खाने में मिल जाएं, तो वह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा, कोटिंग के हटने से तवा चिपकने लगता है और खाना बनाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे तवे को इस्तेमाल में लाना हानिकारक हो सकता है।
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नॉन-स्टिक तवा इसलिए खास होता है क्योंकि उसमें कम तेल में भी पराठे, चीले या डोसे बिना चिपके बन जाते हैं। लेकिन अगर तवे पर खाना बार-बार चिपकने लगा है, और उलटने पर पराठा तवे पर ही फटने लगे, तो ये इस बात का संकेत है कि उसकी कोटिंग अब काम नहीं कर रही। ऐसा तवा आपकी रसोई की बजाय अब कचरे की टोकरी में होना चाहिए।
अगर नॉन-स्टिक तवा पहले जैसा चमकदार काला दिखने की बजाय अब भूरा, नीला या काला हो गया है और उस पर जले हुए दाग हटने का नाम नहीं ले रहे, तो यह कोटिंग के कमजोर हो जाने का संकेत है। ऐसे तवे की सतह पर ग्रीस और जलने की परतें जम जाती हैं, जिससे खाना ठीक से नहीं पकता और स्वाद भी बिगड़ जाता है। लगातार बर्तन धोने वाले स्क्रब से साफ करने पर भी अगर रंग नहीं जाए और दाग बने रहें, तो समझ जाइए कि अब नए तवे की जरूरत है।
अगर आपका नॉन-स्टिक तवा बिना तेल डाले या खाना डाले ही गर्म करने पर धुआं छोड़ने लगे, तो यह एक स्पष्ट संकेत है कि उसकी कोटिंग अब खराब हो चुकी है। एक सही नॉन-स्टिक तवा धुआं नहीं छोड़ता जब तक वह बहुत अधिक गर्म न हो। इससे खाना न केवल खराब होगा, बल्कि आपकी सेहत भी जोखिम में आ सकती है। ऐसे तवे से तुरंत छुटकारा पाएं।
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पुराना तवा समय के साथ-साथ अपना आकार खो देता है। कई बार तवा बीच से धंस जाता है या किनारों से उठ जाता है। इससे उसमें हीट अच्छे से नहीं फैलती और खाना सही तरीके से नहीं बन पाता। उदाहरण के लिए, रोटियां एक तरफ से जल जाएंगी और दूसरी तरफ कच्ची रह जाएंगी। तवे का शेप बिगड़ना न केवल खाना पकाने में परेशानी लाता है, बल्कि यह इस बात का भी संकेत है कि अब तवा बेकार हो चुका है।
अगर आपके किचन में रखे नॉन-स्टिक तवे या पैन पर ऐसे साइन नजर आते हैं, तो उन्हें तुरंत बदलने की आवश्यकता है। हमें उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। इसे लाइक करें और फेसबुक पर शेयर करना न भूलें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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