क्या आप भी काला तिल और कलौंजी को समझती हैं एक? जानें अंतर

भारत देश अपनी संस्कृति परंपरा के अलावा खान-पान और मसालों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। लेकिन आज भी हमारे किचन में कई ऐसे मसाले हैं, जिन्हें हम कई बार एक ही समझ लेते हैं। हालांकि वास्तविकता वह एक-दूसरे से काफी अलग होते हैं।
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भारत अपने सुगंधित और समृद्ध मसालों के लिए प्रसिद्ध है जो दुनिया भर के व्यंजनों को स्वाद का विस्फोट प्रदान करते हैं। मसालों की अपनी विस्तृत किस्मों के साथ,भारत अब मसालों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का एक महत्वपूर्ण निर्यातक है। भारत अपनी विरासत और परंपरा के अलावा विविध व्यंजनों के लिए दुनियाभर में मशहूर है। खानपान की महक और स्वाद इन सुगंधित मसालों के मिश्रण की देन है।

इन मसालों में एक नहीं बल्कि तमाम वैरायटी हैं, जिनमें से कई मसाले ऐसे हैं, जो लोगों को एक जैसे लगते हैं। हम बात कुछ अलग मसालों की नहीं बल्कि उन्हीं मसालों की कर रहे हैं, जो हमारे किचन में आसानी से मिल जाते हैं। इसके बावजूद हम इन्हें एक ही समझें। लेकिन वास्तव में यह स्वाद से लेकर गुणों में एक-दूसरे से काफी अलग हैं। इस लेख में आज हम आपको रसोईघर में इस्तेमाल होने वाले कलौंजी और काले तिल के बीच के अंतर के बारे में बताने जा रहे हैं।

कलौंजी और काला तिल में क्या अंतर है? (Difference Between Kala til And Kalonji)

विविध व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाला कलौंजी और काले तिल को अधिकतर लोग एक ही समझते हैं क्योंकि यह दोनों दिखने में एक जैसे लगते हैं। लेकिन इनके गुण एक-दूसरे से अलग हैं। चलिए जानते हैं कि इन दोनों की पहचान कैसे करें और यह किन वजह से एक-दूसरे से अलग है।

कलौंजी (Kalonji)

Kalonji

कलौंजी भारतीय घरों में इस्तेमाल होने वाला मसाला है। इंग्लिश में इसे ब्लैक सीड्स कहते हैं। इसका बोटैनिकल नाम ‘निजेला सेटाइवा’ है, जो लैटिन शब्द नीजर से बना है। ये Ranunculaceae परिवार से ताल्लुक रखता है। छोटा सा ये बीज स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है।

ये तमाम पोषण तत्वों जैसे अमीनो एसिड, प्रोटीन,आयरन, सोडियम, कैल्शियम, पोटैशियम और फाइबर से भरपूर होती है। कलौंजी की आकृति काला तिल के आकार में होती हैं। लेकिन इसका स्वाद तीखा होता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल अचार बनाने में किया जाता है। साथ ही करेला और तोरई की कलौंजी यानी भरूआ बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

काला तिल (Black Sesame Seeds)

Black Sesame Seeds

बाजार में दो प्रकार का तिल मिलता है, जिसमें से एक सफेद और एक काले रंग का होता है। इन तिल का इस्तेमाल लड्डू बनाने के लिए करते हैं। काला तिल में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, कॉपर, मैंगनीज, फाइबर, कार्ब्स और हेल्दी फैट्स पाए जाते हैं। यह दिखने में छोटे, चमकदार काले रंग के बीज होते हैं। इसका यूज आमतौर पर डेजर्ट, डिशेज और गार्निश करने के लिए किया जाता है।

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Image credit- Freepik

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