इंदौर, मध्य प्रदेश का सबसे खूबसूरत और बड़ा शहर माना जाता है। इसे फूड सिटी के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन इंदौर सिर्फ खाने के लिए ही नहीं बल्कि यहां समृद्ध ऐतिहासिक स्थल भी हैं। आप इंदौर में अद्भुत जगहें देख सकते हैं जिन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। लेकिन कुछ ऐसी जगहें, जहां लोग जाने से बचते हैं। ये जगह इंदौर के म्यूजियम। अक्सर कई लोगों को म्यूजियम बोरिंग लगते हैं, इसलिए वह म्यूजियम का नाम सुनते ही इससे बचने की कोशिश करने लगते हैं। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं, तो इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद ऐसा नहीं सोचेंगे।
केंद्रीय संग्रहालय, इंदौर
यह इंदौर के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। यह इंदौर में जनरल पोस्ट ऑफिस के पास स्थित है। सांस्कृतिक खजानों से भरी यह जगह तरह-तरह के कलाकृतियों का शानदार संग्रह है। आपको यहां इतिहास की सुंदर झलक देखने को मिलेगी। प्राचीन सिक्कों और मूर्तियों से लेकर पुराने हथियार और पेंटिंग जैसी चीजें आपको घंटों तक यहां रूकने के लिए मजबूर कर देगी। इतिहास में रुचि रखने वालों को यहां से वापस आने का मन नहीं है। यह संग्रहालय 2 मंजिला है। यहां आपको युद्ध, सम्राट और ब्रिटिश संस्कृति के प्रभाव के बारे में सीखने के लिए बहुत कुछ मिलेगी। इंदौर में जब किसी सबसे बड़े और अच्छे म्यूजियम की बात होती है, तो इसका नाम सबसे पहले आता है।
- समय- सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक
- सोमवार के दिन बंद रहता है।
कान्हा संग्रहालय
यह मंडला में स्थित एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संग्रहालय है। वैसे तो यह एक छोटा संग्रहालय है, लेकिन .यहां आपको वन्य जीवन के बारे में जानने का मौका मिलेगा। यह इंदौर के अन्य म्यूजियम से सबसे अलग है। यहां मौजूद चीजें आपको किसी और म्यूजियम में देखने को नहीं मिलेगी। यहां बंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुए, भालू, बारहसिंगा और भारतीय जंगली कुत्तों जैसे अन्य जानवरों के बारे में जानने का मौका मिलेगा।
- समय- सुबह 10:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक
- रविवार के दिन बंद
- एंट्री टिकट- वयस्क 100 रुपये
- बच्चों के लिए 60 रुपये
गांधी हॉल, इंदौर
यह संग्रहालय जितना ऐतिहासिक है, उतना ही सुंदर भी है। इसे इंदौर के उन ऐतिहासिक स्थलों में से एक है जो कला प्रेमियों को पसंद आते हैं। यहां हॉल में आपको इतनी सारी चीजें देखने को मिलेगा कि आपका वापस आने का मन नहीं होगा। इस संग्रहालय का उद्देश्य समृद्ध इतिहास और संस्कृति के बारे में शिक्षित करना है।
मूल रूप से किंग एडवर्ड हॉल कहलाने वाला यह लाल बलुआ पत्थर का ढांचा ब्रिटिश राज की याद दिलाता है। हवेली जैसी इमारत में एक पुस्तकालय भी है, जहाँ आप विभिन्न विषयों पर किताबें पढ़ सकते हैं।
- समय- सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक
- रविवार के दिन बंद
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image credit- freepik
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