खिचड़ी के बिना क्‍यों अधूरा है मकर संक्रांति का त्‍योहार, जानें

मकर संक्रांति के त्‍योहार में खिचड़ी क्‍यों खाई जाती है? इसके पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व के बारे में जानने के लिए यह आर्टिकल पढ़ें। 

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भारत त्‍योहारों का देश है, यहां हर त्‍योहार को काफी धूमधाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति भी भारत का प्रमुख पर्व है जिसे सभी प्रान्तों में अलग-अलग नाम व भांति-भांति के रीति-रिवाजों द्वारा भक्ति एवं उत्साह के साथ धूमधाम से मनाया जाता है। तमिलनाडु में इसे पोंगल नाम से मनाया जाता है जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे सिर्फ संक्रांति ही कहते हैं। मकर संक्रांति पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहते हैं। मकर संक्रान्ति के त्योहार को फसलों एवं किसानों के त्योहार के नाम से जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि इस दिन किसान अपनी अच्छी फसल के लिए भगवान को धन्यवाद देकर उनकी दया भाव को सदैव लोगों पर बनाए रखने का आशीर्वाद मांगते हैं। मकर संक्रांति के त्योहार पर हर घर में कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं जिनमें से सबसे खास खिचड़ी है।

खिचड़ी बनाने और खाने का अपना ही खास महत्व है। इसलिए इस त्‍योहार को कई जगहों पर खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन उड़द, चावल, तिल, चिवड़ा, गौ, स्वर्ण, ऊनी वस्त्र, कम्बल आदि दान करने का अपना महत्त्व है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि खिचड़ी को संक्रांति के त्योहार में क्‍यों बनाया या खाया जाता है? मकर संक्रांति पर आप किस प्रकार की खिचड़ी बना सकती हैं, इसके पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को पढ़ें।

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पौराणिक महत्व

ऐसा कहा जाता है कि खिचड़ी हिंदू भगवान गोरखनाथ का पसंदीदा भोजन था, जो एक हिंदू योगी, संत थे और भारत में नाथ हिंदू मठ आंदोलन के प्रभावशाली संस्थापक थे। उनकी मूर्ति भी उत्तर प्रदेश के गोरखनाथ मंदिर में स्थापित है। देवता को मकर संक्रांति के त्योहार पर चावल, दाल और हल्‍दी से बनी खिचड़ी दी जाती है, ताकि वह आगे की फसल के लिए आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।

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सांस्कृतिक महत्व

मकर संक्रांति उत्तर का एक विशेष फसलों का त्योहार है और इसे कई तरह के व्यंजन तैयार करके मनाया जाता है। खिचड़ी आमतौर पर ताजे चावल और दाल के साथ बनाई जाती है जो इसे एक विशेष व्यंजन बनाती है। यह जीवन और पुनर्जनन की प्रक्रिया को दर्शाता है जो आगे नए फसल वर्ष की शुरुआत को इंगित करता है। खिचड़ी का मुख्‍य तत्‍व चावल और पानी चंद्रमा के प्रभाव में होता है और खिचड़ी में डाली जाने वाली उड़द की दाल का संबंध शनि देव, हल्‍दी का संबंध गुरु और हरी सब्जियों का संबंध बुध ग्रह और घी का संबंध सूर्य देव से होता है। इसके अलावा घी से शुक्र और मंगल भी प्रभावित होते हैं। इसलिए मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने से आरोग्‍य बढ़ता है।

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खिचड़ी के प्रकार

मकर संक्रांति के दिन यूपी में मूंग दाल की खिचड़ी बनाई जाती है। राजस्थान और गुजरात में बाजरे की खिचड़ी बनाई जाती है। जबकि पश्चिम बंगाल में मूंग दाल को फ्राई करके खिचड़ी बनाई जाती है। तमिलनाडु में मकर संक्रांति के दिन चावल, मूंग दाल, दूध और गुड़ मिलाकर पोंगल नामक पकवान तैयार किया जाता है। मूंग दाल खिचड़ी से मिक्स दाल खिचड़ी तक, आप मकर संक्रांति पर बना सकती हैं। आप एक्‍स्‍ट्रा स्वाद के लिए इसमें भुनी हुई मूंगफली और नारियल के टुकड़े डालकर साबूदाना खिचड़ी बना सकती हैं। आप सर्दियों में इसमें एक्‍स्‍ट्रा पोषण पाने के लिए पालक को मिला सकती हैं। आप स्‍वाद और सेहत को बढ़ाने के लिए खिचड़ी में अपनी पसंद की सब्जी भी डाल सकती हैं।

खिचड़ी बनाने का तरीका

सामग्री

  • चावल- 1 कप
  • मूंग की दाल- 1 कप,
  • मटर- 1/2 कप
  • गोभी- 1/2 कप
  • आलू- 1 छोटा
  • टमाटर- 1 छोटा
  • हरी मिर्च- 2
  • हल्दी पाउडर- चुटकीभर
  • हींग- 1 छोटा चम्मच
  • जीरा- 1 छोटा चम्मच
  • गर्म मसाला- 1 छोटा चम्‍मच
  • नमक- स्‍वादानुसार
  • घी- 1 छोटा चम्‍मच
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रेसिपी

  • सबसे पहले चावल और मूंग दाल को साफ करके धो लें।
  • मीडियम आंच में एक प्रेशर कूकर में घी गरम करें।
  • घी गर्म होने के बाद जीरे का तड़का लगाएं। फिर हरी मिर्च, हल्दी और हींग डालकर 1 मिनट तक पकाएं।
  • फिर इसमें मटर, आलू, गोभी और कटा हुआ टमाटर डालकर कुछ मिनट तक भूनें।
  • इसके बाद इसमें दाल और चावल डालकर मिक्स करें।
  • फिर इसमें सूखे मसाले डालकर कूकर बंद करके 2 सीटी लगा लें। कुछ देर बाद जब प्रेशर निकल जाए तो खिचड़ी को सर्व करें।
  • गर्मागर्म खिचड़ी का मजा दही, अचार, चटनी या रायते के साथ लें।

खिचड़ी का पोषण मूल्य

खिचड़ी न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि पेट पर भी हल्की होती है। चावल और दाल का कॉम्बिनेशन पचाने में आसान है, जिससे यह हमारे पाचन तंत्र के लिए एक सुपरफूड है। खिचड़ी परोसते समय ऊपर से घी डाला जाता है तो अधिक पोषण देती है। यह इम्‍यूनिटी को मजबूत करती है और आपके शरीर को मामूली बीमारियों से भी बचाती है। खिचड़ी पोषक तत्वों के सही संतुलन के साथ एक पौष्टिक भोजन है क्योंकि यह आपके शरीर को कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, आहार फाइबर, विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम प्रदान करती है।

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