रेल परिवहन का एक महत्वपूर्ण साधन है। आज देश के एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक लोग रेल की मदद लेते हैं। मध्यमवर्गीय लोगों के लिए यह एक सस्ता और अधिक तेज साधन है। रेल यात्रा को अधिक सुखद बनाने के लिए थोड़ी-थोड़ी दूरी पर रेलवे स्टेशन बनाए जाते हैं, जिन्हें एक नाम दिया जाता है। यूं तो उस स्थान के नाम पर रेलवे स्टेशन का नाम होता है।
लेकिन भारत के अलग-अलग राज्यों में कुछ ऐसे रेलवे स्टेशन भी हैं, जिनका नाम क्रांतिकारियों या स्वतंत्रता सैनानियों के नाम पर रखा गया है। दरअसल, देश की आजादी में कई लोगों ने अपना अभूतपूर्व योगदान दिया, लेकिन फिर भी लोग इनके बारे में बहुत कम ही जानते हैं।
लेकिन यह रेलवे स्टेशन ऐसे ही सैनानियों व उनके त्याग को हमेशा जिंदा रखने में मदद करते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ भारत में स्थित कुछ ऐसे ही रेलवे स्टेशन के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें स्वतंत्रता सैनानियों के नाम पर रखा गया है-
बेलानगर रेलवे स्टेशन, कोलकाता
कोलकाता स्थित बेलानगर रेलवे स्टेशन का नाम बेला बोस के नाम पर रखा गया है। बेला बोस का जन्म नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। वह नेताजी की भतीजी थीं। बेला बोस एक समर्पित आत्मा थीं जो हमेशा छाया में रहना पसंद करती थीं और जनता के उत्थान के लिए काम करती थीं।
उन्होंने 1936 में इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) के खुफिया प्रमुख हरिदास मित्रा से शादी की। बेला बोस को आईएनए टीम के सदस्यों की सुरक्षा की देखभाल करने का जिम्मा सौंपा गया था, जिन्हें नेताजी ने समय-समय पर पूर्वी एशिया से भारत में घुसपैठ करने के लिए भेजा था।
उन्होंने क्रांतिकारियों को सुरक्षित आश्रयों में भी पहुंचाया। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों के सुरक्षित मार्ग की व्यवस्था करने के लिए बहुत जोखिम उठाया, जो ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में उतरे थे। स्वतंत्रता के बाद, बेला किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हुईं। इसके बजाय, उन्होंने अपनी नवगठित टीम झांसी रानी के माध्यम से अपना सामाजिक कार्य जारी रखा। उन्होंने जुलाई 1952 में उन्होंने अंतिम सांस ली।
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पंडित राम प्रसाद बिस्मिल रेलवे स्टेशन, उत्तर प्रदेश
पं राम प्रसाद बिस्मिल रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुरजिले में एक छोटा रेलवे स्टेशन है। स्टेशन का नाम एक महान स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल के नाम पर रखा गया है। स्टेशन में दो प्लेटफार्म हैं। राम प्रसाद ’बिस्मिल का जन्म 1897 में हुआ था। वह प्रमुख भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे। वह वे मैनपुरी षड्यन्त्र व काकोरी-काण्ड जैसी प्रमुख घटनाओं में शामिल थे। मात्र 30 वर्ष की आयु में उन्हें ब्रिटिश सरकार ने फांसी दे दी।
सुनाम उधम सिंह वाला स्टेशन, पंजाब
सुनाम उधम सिंह वाला स्टेशन पंजाब के संगरुर राज्य में स्थित है। पहले इस स्टेशन का नाम केवल सुनाम था, लेकिन बाद में इसका नाम सुनाम उधम सिंह वाला स्टेशन रख दिया गया। सुनाम उधम सिंह वाला का स्टेशन कोड नाम 'एसएफएमयू' है। सुनाम उधम सिंह वाला जंक्शन से गुजरने वाली ट्रेनों की कुल संख्या 53 है।
वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन, झांसी
1880 के अंत में अंग्रेजों द्वारा निर्मित झांसी रेलवे स्टेशन देश के उत्तर से दक्षिण को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण जंक्शन है।पहले इसे झांसी रेलवे स्टेशन था, लेकिन अब इसका नाम वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन रख दिया गया। रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवम्बर 1828 में हुआ था। उनका बचपन का नाम मणिकर्णिका(जाने क्या हैं मणिकर्णिका घाट के रहस्य) था। उन्होंने अपनी झांसी की रक्षा के लिए महज 29 वर्ष की उम्र में अंग्रेज साम्राज्य की सेना से युद्ध किया और रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुईं।
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Image Credit- Wikimedia, railyatri
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