
भारत में सर्दियां सिर्फ ठंडी हवाओं और गरम चाय का मौसम नहीं हैं, बल्कि ये देश की संस्कृति, परंपरा और रंगों का मौसम भी है। ठंड के मौसम में देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसे मेले लगते हैं, जहां लोक संस्कृति, हस्तकला, संगीत, नृत्य और खानपान का अनोखा संगम देखने को मिलता है। इस मौके पर न सिर्फ देश के लोगों की भीड़ देखने को मिलती है, बल्कि विदेशों से भी भारी संख्या में लोग आते हैं।
आज का हमारा लेख भी इसी विषय पर है। हम आपको बताएंगे कि भारत में ठंड के मौसम में ऐसे कौन-कौन से मेले लगते हैं, जिन्हें आपको एक बार जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए। आइए जानते हैं-

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गुजरात के कच्छ में लगने वाला रण उत्सव भारत का सबसे फेमस मेला है। ये सर्दियों के मौसम में लगता है। सफेद रेगिस्तान में रात को चमकता चांद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रौनक इसे जादुई बना देती है। यहां पारंपरिक गुजराती संगीत, लोक नृत्य, हैंडमेड कारीगरी और स्वादिष्ट गुजराती व्यंजन देखने और चखने को मिलते हैं। मेले का मुख्य आकर्षण धोरडो की टेंट सिटी है, जहां रहने की खास व्यवस्था की जाती है। ऊंट की सवारी और सनराइज का शानदार नजारा देखने को मिलता है।
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राजस्थान के पुष्कर में हर साल लगने वाला ऊंट मेला दुनियाभर में काफी ज्यादा फेमस है। यहां हजारों ऊंटों की सजावट, ऊंट दौड़, लोक नृत्य और पारंपरिक संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दौरान राजस्थान की संस्कृति अपने पूरे रंग में नजर आती है। विदेशी पर्यटक भी यहां बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
ओडिशा का फेमस कोणार्क डांस फेस्टिवल हर साल दिसंबर में आयोजित किया जाता है। ये मेला भारतीय शास्त्रीय नृत्य और संगीत को करीब से समझने का बेहतरीन मौका देता है। यहां स्थानीय हस्तशिल्प और स्वादिष्ट ओडिया व्यंजन भी देखने-खाने को मिलते हैं।

बिहार का सोनपुर मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है। यहां घुड़दौड़, सर्कस शो, सांस्कृतिक कार्यक्रम, डॉग शो और गंगा आरती का खास आयोजन होता है। ये मेला न केवल व्यापारियों के लिए बल्कि आम लोगों के लिए भी मनोरंजन का केंद्र है।
नागालैंड का हॉर्नबिल फेस्टिवल सिर्फ एक मेला नहीं, बल्कि नागा जनजाति की संस्कृति और परंपरा का उत्सव है। यहां लोक नृत्य, पारंपरिक खेल, हैंडमेड ज्वेलरी और लोकल कुजीन का आनंद लिया जा सकता है। ये फेस्टिवल खासकर फोटोग्राफर्स के के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं।
वाराणसी में हर साल सर्दियों के दौरान लगने वाला मगफेयर आध्यात्मिकता और आस्था से जुड़ा मेला है। ये गंगा नदी के किनारे आयोजित किया जाता है और देशभर से श्रद्धालु यहां आते हैं। इस दौरान कथा, भजन-संध्या और हस्तकला प्रदर्शनी का आयोजन होता है। ये मेला धार्मिक अनुभव के साथ-साथ स्थानीय कला और परंपरा से भी रूबरू कराता है।
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तो अगर आप भी ठंड के मौसम में मेला देखने की प्लानिंग कर रहीं हैं, तो इन जगहों पर जा सकती हैं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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