क्या आपने डॉकी का नाम सुना है, यहां का नजारा देखकर दिल खुश हो जाएगा आपका

मेघालय में एक ऐसी ही जगह है जिसे देखने के बाद आपकी आंखे फटी रह जाएगी। क्योंकि इस जगह का नाम डॉकी है। 

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मेघालय भारत का एक ऐसा राज्य है जहां हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। इस राज्य का प्राकृतिक वातावरण देखकर आप धन्य हो जाएंगे। क्योंकि यहां चाहे झरने हों या आदिवासियों द्वारा बनाया गया पुल, मेघालय में कुछ ऐसे नजारे हैं जिन्हें देखने के बाद वास्तव में आपके होश उड़ जाएंगे।

लेकिन मेघालय में एक ऐसी ही जगह है जिसे देखने के बाद आपकी आंखे फटी रह जाएगी। क्योंकि इस जगह का नाम है डॉकी। अगर आप इसे दूर से देखेंगे, तो ऐसा लगेगा जिसे कोई बड़ा शीशा जमीन पर रखा गया है।

डॉकी क्या है?

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डॉकी एक नदी है, जिसका पानी इतना साफ है कि आप इसमें आप आसमान के बादलों का नजारा देख सकते हैं। इसका मतलब है कि आपको इसमें बादलों का प्रतिबिंब दिखाई देगा। ऐसे बहुत कम लोग होंगे, जो मेघालय गए हों और उन्होंने डॉकी में नौकायन ना किया हो। (यहां कर सकते हैं नाव की सवारी)

यहां नौकायन करने का अलग ही आनंद है। ऐसा मजा आपको और कहीं भी नौकायन करने में नहीं आएगा। जो लोग अब तक मेघालय नहीं गए हैं, उन्हें एक बार इस सुंदर जगह को देखने जरूर आना चाहिए।

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कहां है डॉकी

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मेघालय राज्य में शिलांग से 100 किमी दूर यह नदी स्थित है। इसे उमंगोट नदी के नाम से भी जाना जाता है। यह नदी एक छोटे से शहर डॉकी से होकर बहती है। इस नदी का रंग हरा होता है, जिसकी वजह से यह और ज्यादा सुंदर लगती है।

इसमें अगर आप बोटिंग करेंगे, तो आपको ऐसा लगेगा, जैसे बोट पानी में नहीं हवा में चल रही है। दूर से देखने वाले लोगों को भी कुछ ऐसा ही अहसास होगा। दरअसल, ऐसा इसलिए क्योंकि पानी इतना ज्यादा साफ है कि नाव के नीचे के पानी की परत आसानी से दिखाई नहीं देती।(नोएडा के पास खूबसूरत वादियां)

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डॉकी मेघालय में पश्चिम जयंती पहाड़ियों की गोद में स्थित एक शहर है। इस नदी का स्थान मेघालय की जयंती और खासी पहाड़ियों के बीच में है। शिलांग से 100 किमी ड्राइव के बाद आप पहुंच जाएंगे।

यह नदी भारत और बांग्लादेश की सीमा से सटे मेघालय के मावलिननॉन्ग गांव से होकर बहती है। इस मावलिननॉन्ग गांव को एशिया के सबसे स्वच्छ गांव का नाम भी दिया गया है।

2003 में, गांव का नाम गॉड्स ओन गार्डन रखा गया। इस क्षेत्र में आप खासी जनजाति द्वारा बनाया गया जीवित जड़ पुल भी देख सकते हैं।खासी जनजाति मेघालय में रहने वाली एक जनजाति है।

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बोटिंग प्राइस

  • नाव की लागत: 300 रुपये
  • समय: सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक

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Image Credit- Freepik

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