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lord ganesha mundkatiya temple worshipped without head in uttarakhand

उत्तराखंड की इस जगह पूजे जाते हैं बिना सिर वाले गणपति, हर मुराद होती है पूरी

भारत में एक से एक पवित्र और प्रसिद्ध गणेश मंदिर हैं जहां भक्त सच्चे मन से जाते हैं, तो उनकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। उत्तराखंड में मौजूद बिना सिर वाले गणपति का मंदिर भी काफी फेमस है।  
Editorial
Updated:- 2023-08-02, 16:06 IST

Lord Ganesha Temple Worshipped Without Head: भारत की संस्कृति और अध्यात्म की चर्चा सिर्फ एक गांव, शहर या राज्य में नहीं, बल्कि विश्व के कई देशों में फेमस है।

अरुणाचल प्रदेश से लेकर गुजरात तक और जम्मू-कश्मीर के लेकर कन्याकुमारी तक ऐसे हजारों प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनके बारे में कुछ न कुछ दिलचस्प कहानियों के बारे में सुनते रहते हैं।

उत्तराखंड की हसीन वादियों में एक भगवान गणेश जी एक ऐसी मूर्ति है, जहां बिना सिर वाले गणपति की पूजा होती है। इस आर्टिकल में हम आपको इस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।

सिर वाले गणपति मंदिर का नाम क्या है?

 

उत्तराखंड की हसीन वादियों में मौजूद बिना सिर वाले गणपति के जिस मंदिर का जिक्र कर रहे हैं उसका नाम 'मुंडकटिया मंदिर' है। यह पवित्र और प्राचीन मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। 

मुंडकटिया मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह देश का एकलौता मंदिर है जहां श्री गणेश जी बिना सिर के रूम में विराजमान है। यहां हर समय भक्तों की भीड़ मौजूद रहती है। कहते हैं जो भी भक्त सचे मन से इस मंदिर का दर्शन करने पहुंचता है उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।

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मुंडकटिया मंदिर की पौराणिक कथा 

lord ganesha mundkatiya temple

मान्यता के अनुसार एक दिन मां पार्वती गौरी कुंड में नहाने के लिए जा रही थीं तब उन्होंने भगवान गणेश को को बाहर खड़े रहने को बोला और कहा कि कोई भी अंदर नहीं आना चाहिए। (बिजली महादेव मंदिर)

जब गणेश भगवान द्वार पर खड़े थे तो कुछ समय बाद भावागन शिव पहुंच गए और अंदर जाने लगे। जब भगवान शिव अंदर जा रहे थे अभी गणेश जी ने अंदर जाने से रोक दिया। इससे भगवान शंकर गुस्सा हो उठे और गणेश जी का सिर धड़ से अलग का कर दिया। इसके बाद से जिस स्थान पर उनका शरीर गीरा उस स्थान पर बिना सिर वाले गणपति की पूजा होने लगी।

मुंडकटिया मंदिर के आसपास घूमने की जगहें 

 

मुंडकटिया मंदिर:- मुंडकटिया मंदिर के आसपास घूमने के लिए एक से एक बेहतरीन जगहें मौजूद हैं। सबसे पहले आप गौरी कुंड घूमने जा सकते हैं। गौरी कुंड हिन्दुओं के लिए काफी पवित्र स्थान माना जाता है।

त्रियुगीनारायण मंदिर:- रुद्रप्रयाग में स्थित त्रियुगीनारायण मंदिर काफी प्राचीन और पवित्र मंदिर माना जाता है। ऐसे में मुंडकटिया मंदिर की यात्रा में आप इस मंदिर का भी दर्शन कर सकते हैं। (उत्तराखंड में घूमने की जगह)

नेचर का लुत्फ उठाएं:- मुंडकटिया मंदिर जिस स्थान पर स्थापित है उस स्थान के आसपास बेहतरीन नेचर का लुत्फ उठा सकते हैं। ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और हरियाली ही हरियाली का दीदार कर सकते हैं।

 

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मुंडकटिया मंदिर कैसे पहुंचें?

how to reach lord ganesha mundkatiya temple worshipped without head in uttarakhand

मुंडकटिया मंदिर पहुंचना बहुत आसान है। 

  • बस से कैसे पहुंचें:- दिल्ली, देहरादून, ऋषिकेश या फिर हरिद्वार से बस लेकर मुंडकटिया मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले सोनप्रयाग पहुंचना होगा और सोनप्रयाग से टैक्सी लेकर मंदिर पहुंच सकते हैं।
  • ट्रेन से कैसे पहुंचें:- ट्रेन से जाने के लिए सबसे पास में ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है। यहां से बस या टैक्सी लेकर सोनप्रयाग और फिर सोनप्रयाग से मुंडकटिया मंदिर पहुंच सकते हैं। देहरादून रेलवे स्टेशन से भी जा सकते हैं।
  • हवाई यात्रा से कैसे पहुंचें:- सबसे पास में जॉली ग्रांड एयरपोर्ट है। यहां से सोनप्रयाग और फिर सोनप्रयाग से गाड़ी ता टैक्सी लेकर मुंडकटिया मंदिर पहुंच सकते हैं।

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