herzindagi
lohit river origin and history

बेहद खास है लोहित नदी, उद्गम स्थल और इतिहास के बारे में जानें

Lohit River Origin: देश में बहने वाली हजारों नदियों में शामिल लोहित नदी बेहद भी खास नदी मानी जाती है। दर्जन से भी अधिक शहर और गांव इस नदी का पानी जीवन यापन के लिए इस्तेमाल करते हैं।  
Editorial
Updated:- 2023-07-23, 10:00 IST

Lohit River Origin In Hindi: प्राचीन काल से भारतीय नदियों का महत्व देश में बहुत ही खास रहा है। जब भी किसी शहर और गांव को खेती करने या अन्य पीने के लिए जरूरत पड़ती है तो नदी का पानी ही इस्तेमाल किया जाता है।

गंगा, कावेरी, युमना, चिनाब और रावी आदि नदियों का पानी कई राज्यों के लिए बेहद ही खास है, क्योंकि इन नदियों के किनारे-किनारे स्थित शहर पानी का इस्तेमाल जीवन यापन के लिए करते हैं। 

लोहित नदी भी भारत की एक खास और महत्वपूर्ण नदी मानी जाती है। इस आर्टिकल में हम आपको लोहित नदी का उद्गम स्थल और इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं। 

लोहित नदी का उद्गम स्थल क्या है?

lohit river origin

लोहित नदी देश के नॉर्थ ईस्ट राज्य अरुणाचल प्रदेश और असम में बहने वाली एक प्रमुख नदी है। यह नदी पूर्वी तिब्बत से निकलती है। लोहित नदी अरुणाचल प्रदेश में 200 किमी तक बहने के बाद असम में पहुंचती है। असम में बहने के बाद यह ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है। लोहित नदी की लम्बाई 2677 किमी है।

इसे भी पढ़ें: भारत के इन 5 धार्मिक नदियों के बारे में कितना जानती हैं आप

लोहित नदी को खून की नदी क्यों कहा जाता है?

lohit river also known as

शायद आपको मालूम हो, अगर नहीं मालूम हो तो आपको बता दें कि लोहित नदी को कई लोग 'खून की नदी' के नाम से भी जानते हैं। कहा जाता है कि मानसून के समय यह नदी तीव्र वेग से बहती है और इस दौरान अपने अंदर कई चीजों को समाहित कर लेती है। कई लोगों का मानना है कि इसकी लाल मिट्टी के कारण ही इसे लोहित नाम पड़ा था। लोहित नदी को ज़ायू नदी के नाम से भी जाना जाता है। (भारत की सबसे पहली नदी)

लोहित नदी अरुणाचल प्रदेश और असम के लिए बेहद खास है

about lohit river origin and history

अरुणाचल प्रदेश और असम राज्य लोहित नदी पर बहुत ही आश्रित रहता है। कहा जाता है अरुणाचल प्रदेश के कई शहर और गांव लोहित नदी का पानी ही इस्तेमाल करते हैं। इसी तरह असम के कई शहर और गांव सिंचाई और पीने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इन दोनों की राज्यों में बहने वाली लोहित नदी वन्य-जीवों के लिए बेहद खास मानी जाती है। नदी के किनारे-किनारे हजारों पशु-पक्षी रहते हैं। इन दोनों ही राज्यों के पर्यावरण में लोहित नदी मुख्य भूमिका निभाती है।

 

इसे भी पढ़ें: क्या आप जानते हैं गोरी गंगा नदी के उद्गम स्थल और पौराणिक कथा के बारे में?

लोहित नदी सैलानियों के लिए बेहद खास है?

lohit river travel

लोहित नदी अरुणाचल प्रदेश और असम में घूमने जाने वाले पर्यटकों के लिए भी बेहद खास है। इन दोनों ही राज्यों के कई शहरों में वाटर स्पोर्ट्स का लुत्फ उठाने के लिए पहुंचते हैं। किसी-किसी स्थान रिवर राफ्टिंग का भी लुत्फ उठा सकते हैं।

लोहित नदी अरुणाचल प्रदेश और असम में शानदार दृश्य भी प्रस्तुत करती है। कई लोग नदी के किनारे-किनारे फोटोग्राफी के लिए पहुंचते हैं। (ये हैं भारत की श्रापित नदियां)

  • नोट: लोहित नदी मानसून में खतरनाक भी लगती है और खूबसूरत भी। इसलिए नदी के आसपास घूमने से पहले नदी के बारे में जानकारी जरूर रखें। 

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो, तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

FAQ
लोहित नदी कहां बहती है?
लोहित नदी अरुणाचल प्रदेश की एक प्रमुख नदी है।
लोहित नदी का दूसरा नाम क्या है?
लोहित नदी को ज़ायू नदी के नाम से भी जाना जाता है।
Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।