क्यों इस जगह को कहा जाता है सबसे भूतिया, यहां रात तो दूर दिन में भी जाने से डरते हैं लोग

भारती में कई ऐसी जगहें हैं, जो अपनी डरावनी घटनाओं और अनुभव के लिए चर्चा का विषय रही है। लेकिन इन जगहों की सच्चाई का खुलासा आज तक नहीं हुआ है। 

 

kolkata national library story

दुनियाभर में ऐसी कई डरावनी जगहें हैंं, जहां आज भी जाने से लोग डरते हैं। इन डरावनी जगहों की लिस्ट में एक नाम कोलकाता की लाइब्रेरी का आता है। माना जाता है कि यहां आज भी लोगों ने आत्माओं का अनुभव किया है। आखिर इस जगह का क्या इतिहास है और क्यों इसे भूतिया कहा जाता है, इसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

कहां स्थित है यह डरावनी जगह

India most Haunted Places

कोलकाता में स्थित नेशनल लाइब्रेरी, भारत के हॉरर प्लेस की लिस्ट में शामिल है। यह शहर के बेलवेडर रोड के पास स्थित है। ये जगह अपनी पुरानी ऐतिहासिक किताबों और डरावने अनुभव के लिए जानी जाती है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ये जगह भारत की आजादी से पहले भी मौजूद थी। यह जगह पर पहले गवर्नर जनरल ऑफ़ इंडिया का आवास होता था। इस जगह पर आज लगभग 22 लाख किताबे हैं।

लाइब्रेरी में महसूस की गई है डरावनी आहट

kolaka horor place

यहां आने वाले कुछ लोगों ने कई बार इस लाइब्रेरी को लेकर अजीब बातें की है। कुछ लोगों का कहना है कि जब इस बिल्डिंग का निर्माण कार्य चल रहा था, तो कई लोगों की यहां मौत हो गई थी। लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है, इसके बारे में कहा नहीं जा सकते हैं। (दिल्ली की डरावनी जगह)

कुछ लोगों का मानना है कि इस जगह कई बार किसी अदृश्य शक्ति के चलने का अहसास किया गया है। लोगों का मानना है कि यह कोई डरावना साया मौजूद है। इसके अलावा कई लोग हैं, जिनका कहना है कि पूर्व गवर्नर जनरल की पत्नी की आत्मा यहां घूमती है। हालांकि इन बातों की सच्चाई का अभी तक कोई खुलासा नहीं किया गया है।

लाइब्रेरी में हैं एक गुप्त खाना

इस लाइब्रेरी के मरम्मत के समय सभी लोग हैरान हो गए थे। क्योंकि इस इमारत में एक गुप्त खाना का पता चला था। यह एक तहखाने जैसा था, लेकिन इसमें कोई दरवाजा और खिड़की नहीं बनाई गई थी। यह तहखाना लगभग 1000 वर्ग फ़ुट का था। (कोलकाता के हॉन्टेड प्लेस)

इस तहखाने के बारे में पता चलने के बाद लोगों ने इसे लेकर अलग-अलग धारणाएं बना ली। लोगों का मानना है कि जरूर इस तहखाने में लोग खजाना छिपाकर रखने होंगे। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि तहखाना एक यातना कक्ष होगा।

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क्या लाइब्रेरी में लोग जा सकते हैं?

जी हां, 2010 में इस भवन का मरम्मत कार्य पूरा हो गया था। साल 1836 में नेशनल लाइब्रेरी को कलकत्ता में पब्लिक लाइब्रेरी के रूप में शुरू कर दिया गया था।

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Image Credit- Freepik

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