बिहार की प्राचीन भूमि का 3000 से अधिक वर्षों का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां के कई महत्वपूर्ण आकर्षण रहे हैं, जैसे यहां विश्व की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी है। इतना ही नहीं, बिहार को विश्व के दो सबसे बड़े धर्मों बौद्ध और जैन धर्म की जन्मस्थली भी माना जाता है। यही कारण है कि आध्यात्मिक दृष्टिकोण से यह राज्य बहुत अधिक महत्वपूर्ण है।
यह एक ऐसा राज्य है, जहां पर बड़ी संख्या में लोग विभिन्न मंदिरों के दर्शन के लिए आते हैं। यहां पर स्थित हर धार्मिक स्थल की अपनी एक अलग कहानी है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बिहार के कुछ बेहद ही फेमस मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको अपनी ट्रेवल बकिट लिस्ट में अवश्य शामिल करना चाहिए-
मंगला गौरी मंदिर
यदि आप पवित्र शहर गया में हैं, तो आपको बिहार के सबसे फेमस मंदिरों में से एक मंगला गौरी मंदिर को भी अवश्य देखना चाहिएए। मंगला गौरी मंदिर भारत के 18 शक्तिपीठों में से एक है। पद्म पुराण, वायु पुराण, अग्नि पुराण जैसे पवित्र ग्रंथों में इसका उल्लेख किया गया है। यह पवित्र मंदिर सती को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर सती के शरीर का एक अंग गिरा था। इस छोटे से मंदिर की वास्तुकला और भव्यता कुछ ऐसी है जो निश्चित रूप से आपको मोहित कर लेगी। यह मंदिर सुबह छह बजे से लेकर रात 8 बजे तक खुला रहता है।
मिथिला शक्ति पीठ
यह मंदिर बिहार के दरभंगा में स्थित है। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित मिथिला शक्ति पीठ बिहार के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। यह मंदिर 52 पौराणिक शक्ति पीठों में से एक है, क्योंकि देवी सती का बायां कंधा यहां गिरा था। इस मंदिर में बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं।
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जल मंदिर
व्हाइट मार्बल से बना यह मंदिर जैन समुदाय के लिए सबसे प्रतिष्ठित तीर्थस्थलों में से एक है। 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर को समर्पित, जल मंदिर को यह नाम इसलिए मिला है क्योंकि मंदिर एक जलाशय के केंद्र में है। यह मंदिर अपने बेहतरीन आर्किटेक्चर के कारण बिहार के सर्वश्रेष्ठ मंदिरों में से एक है।
यह मंदिर बिहार में नालंदा जिले के पावापुरी में स्थित, राजगीर से सिर्फ 19 किलोमीटर और राजधानी पटना में लगभग 100 किलोमीटर दूर है। किंवदंती के अनुसार, भगवान महावीर ने यहां मोक्ष प्राप्त किया था और जल मंदिर ठीक उसी स्थान पर स्थित है जहां अहिंसा के प्रतीक ने निर्वाण प्राप्त किया था। मंदिर में भगवान महावीर की “चरण पादुका“ है।
बैद्यनाथ मंदिर
बिहार में स्थित यह प्रमुख मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। देवघर का यह बैद्यनाथ मंदिर दुनिया भर के सबसे प्रमुख बारह शिव मंदिरों में से एक है। ऐसा मान्यता है कि बिहार में बैद्यनाथ मंदिर वह स्थान है जहां रामायण के हिंदू पौराणिक महाकाव्य के अनुसार रावण भगवान शिव की पूजा करता था। इस मंदिर में भगवान शिव की एक मेडिकल स्पेशलिस्ट के रूप में पूजा की जाती है।
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जानकी मंदिर
भारत में ऐसे बहुत कम ही मंदिर हैं जो देवी सीता को प्रमुख देवता के रूप में पूजते हैं। हालांकि, सीतामढ़ी शहर का जानकी मंदिर इस मामले में बहुत ही विशेष है। रामायण के अनुसार, भगवान राम सीता को वन में छोड़ने के बाद, उन्हें वापस अपने राज्य में ले जाने के लिए वापस आते हैं। तब तक देवी सीता धरती मां की गोद में लौट आती हैं। माना जाता है कि इस जमीन पर मंदिर का निर्माण किया गया था। यह मंदिर बिहार में एक प्रमुख पर्यटक और तीर्थयात्री आकर्षण में से एक है।
तो अब आप जब भी बिहार जाएं, इन मंदिरों के दर्शन करना ना भूलें। इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- wikipedia
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