Mcleodganj name history: हिमाचल प्रदेश देश के सबसे खूबसूरत और लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। इस राज्य की खूबसूरती इस कदर प्रचलित है कि यहां हर दिन हजारों देशी और विदेशी पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं।
हिमाचल प्रदेश में ऐसे कई हिल स्टेशन है, जहां घूमने का सपना लगभग हर कोई देखता है। इस राज्य में स्थित कई हिल स्टेशनों को ब्रिटिश शासन काल में निर्मित किया गया था, जिसे आज भी अंग्रेजी नाम से जाना जाता है।
हिमाचल प्रदेश की हसीन वादियों में मौजूद मैक्लॉडगंज भी एक ऐसा हिल स्टेशन है, जिसे आज भी अंग्रेजी नाम से जाना जाता है। इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि मैक्लॉडगंज को आज भी अंग्रेजी नाम से क्यों जाना जाता है और इसका इतिहास क्या है?
मैक्लॉडगंज को अंग्रेजी नाम कैसे मिला, इसका जवाब जानने से पहले इस हिल स्टेशन की खासियत जानना बहुत ज़रूरी है। इस खूबसूरत हिल स्टेशन के बारे में कहा जाता है कि आज से नहीं, बल्कि ब्रिटिश काल में ब्रिटिश हुकूमत के अधिकारी भी इसके दीवाने थे।
जी हां, उस समय भी मैक्लॉडगंज की खूबसूरती हर दिन हजारों ब्रिटिश हुकूमत को खींचती थी। जब उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ती थी, तो कई बड़े ब्रिटिश अधिक मैक्लॉडगंज की हसीन वादियों में ठंडी हवाओं का लुत्फ उठाने के लिए पहुंच जाते हैं। इह हिल स्टेशन की खूबसूरती आज भी लाखों सैलानियों को आकर्षित करती है।
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मैक्लॉडगंज का नाम अंग्रेजी में कैसे पड़ा, इसका इतिहास काफी दिलचस्प है। 18वीं शताब्दी में देश के अन्य हिस्सों की तरह पंजाब प्रान्त में भी ब्रिटिश हुकूमत थी। कहा जाता है कि उस समय पंजाब प्रान्त के लेफ्टिनेंट गवर्नर डेविड मैकलोड थे। माना जाता है कि वो स्कॉटलैंड से थे। (धर्मशाला में घूमने की बेस्ट जगहें)
डेविड मैकलोड अक्सर छुट्टियों में मैक्लॉडगंज घूमने के लिए पहुंचते थे। कहा जाता है कि डेविड मैकलोड को मैक्लॉडगंज अपने गृह नगर स्कॉटलैंड जैसी ही लगी। इसके बाद इस जगह को उनके नाम पर जाना जाने लगा। तब से इस हिल स्टेशन का नाम मैक्लॉडगंज ही है।
शायद आप मैक्लॉडगंज की सिर्फ खूबसूरती के बारे में जानते हों, लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 1950 में यहां भयंकर भूकंप आया था। इस भूकंप में न सिर्फ लोग मरे थे, बल्कि यहां स्थित कई पहाड़ और चोटियां तहस-नहस हो गई थी।
कहा जाता है कि 1950 में आए भूकंप के बाद मैक्लॉडगंज को फिर से खूबसूरत बनाने में कई साल लग गए। इस खूबसूरत हिल स्टेशन को फिर से बसाने में तिब्बती लोगों का अहम योगदान माना जाता है। मैक्लॉडगंज को तिब्बती लोगों का घर भी बोला जाता है।
शायद आपको मालूम हो, अगर नहीं मालूम है, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मैक्लॉडगंज को दलाई लामा का घर भी बोला जाता है। यह भी कहा जाता है कि चीन से निर्वासित होने के बाद दलाई लामा ने मैक्लॉडगंज में ही अपना घर बनाया।
कई लोगों का मानना है कि जब 1950 में मैक्लॉडगंज तहस-नहस हो गया था तब दलाई लामा के नेतृत्व में दोबारा पूरी तरह बसाया। यहां हिंदू संस्कृति के साथ ही तिब्बती सभ्यता भी देखने को मिलती है।
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मैक्लॉडगंज का अंग्रेजी नाम कैसे पड़ा यह जानने के बाद यहां स्थित कुछ शानदार जगहों को भी आप एक्सप्लोर कर सकते हैं। जैसे- नामग्याल मठ, तिब्बत संग्रहालय, डल झील, भागसूनाग वॉटरफॉल और त्रिउंड ट्रेक जैसी शानदार जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं।
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