छत्तीसगढ़ की इन गुफाओं को देखने का अलग है आनंद

छत्तीसगढ़ अपने समृ़द्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए बहुत अधिक प्रसिद्ध है। हालांकि, यहां पर आप अन्य भी कई चीजों को एक्सपीरियंस कर सकते हैं।

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पुरानी गुफाओं में घूमने का अपना एक अलग ही आनंद होता है। अमूमन ये गुफाएं प्राकृतिक होती हैं और इसलिए इनकी अनूठी सरंचना हमें अचंभित करती हैं। जो लोग कुछ एडवेंचर्स करना चाहते हैं या फिर इतिहास को करीब से महसूस करना चाहते हैं, वे इस तरह की गुफाओं में अवश्य जाते हैं। छत्तीसगढ़ भी एक ऐसा ही राज्य है, जहां पर इस तरह की एक या दो नहीं, बल्कि कई गुफाएं मौजूद हैं। इसलिए यहां पर आना व घूमना आपके लिए एक नया अनुभव हो सकता है।

यूं तो छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत काफी समृद्ध है। राज्य की एक बहुत ही अनूठी और जीवंत संस्कृति है। इस क्षेत्र में 35 से अधिक बड़ी और छोटी रंगीन जनजातियां फैली हुई हैं। जिनका संगीत व नृत्य देखने लायक होता है। लेकिन अगर आप यहां के कल्चर के अलावा कई गुफाओं को भी एक्सप्लोर कर सकती हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको छत्तीसगढ़ की इन गुफाओं के बारे में बता रहे हैं-

कुटुमसर गुफाएं

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कुटुमसर गुफाएं जगदलपुर से 38 किमी दूर कांगेर घाटी नेशनल पार्क में स्थित हैं। यह संभवतः विश्व स्तर पर दूसरी सबसे बड़ी प्राकृतिक गुफा है। इसमें पांच चैम्बर है। कुटुमसर गुफाएं आनुवंशिक रूप से एक खास तरह की मछली की एक अनोखी प्रजाति का घर भी हैं। मानसून के दौरान और उसके बाद कुछ समय के लिए गुफाएं बंद हो जाती हैं। वे आम तौर पर बस्तर लोकोत्सव के उत्सव के आसपास खुलते हैं।

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कैलाश गुफा

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बस्तर घने जंगलों, सर्पीन घाटियों और नदियों वाली एक रहस्यमय भूमि है। कांगेर वैली नेशनल पार्क में तीन असाधारण गुफाएं हैं। कैलाश गुफा इस क्षेत्र की सबसे पुरानी गुफा है। इस गुफा की खोज 1993 को हुई थी। बस्तर की भूमिगत गुफाओं में कैलाश गुफा में प्राचीनतम चूना पत्थर की संरचना है। इस गुफा की ज्ञात लंबाई 120 फीट की गहराई के साथ 1000 फीट है। लुभावनी चूना पत्थर की संरचनाओं के कारण यह शिवलिंग जैसी आकृति बनाता है।

सीताबेंगा और जोगीमारा गुफा

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छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में रामगढ़ गांव के पास स्थित रामगढ़ पहाड़ी पर सीताबेंगा और जोगीमारा दो गुफाएं हैं। पहाड़ियों में विभिन्न स्तरों पर कई गुफाएं हैं, लेकिन इनमें सबसे महत्वपूर्ण और अक्सर देखी जाने वाली सीताबेंगा और जोगीमारा गुफाएं हैं। जोगीमारा गुफा को सबसे प्राचीन गुफा के रूप में जाना जाता है। वहीं, सीताबेंगा गुफा को लेकर ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान सीता और लक्ष्मण के साथ इन पहाड़ियों में समय बिताया था। गुफाएं रामगढ़ पहाड़ियों के उत्तरी भाग के पश्चिमी ढलान पर स्थित हैं। इन गुफाओं तक पहुंचने के लिए एक विलक्षण आकार की सुरंग से होकर गुजरना पड़ता है। इस सुरंग की कुल लंबाई लगभग 180 फीट है और इसकी ऊंचाई 15 से 20 फीट के बीच है।

कबरा गुफा

कबरा गुफा छत्तीसगढ़ के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। गुफाएं राज्य के रायगढ़ जिले में स्थित हैं। गुफाएं 800 मिलियन वर्ष पहले बनाई गई थीं और विश्व स्तर पर सबसे पुरानी हैं। गुफाएं एक महत्वपूर्ण पर्यटक आकर्षण हैं और अपने स्टैलेक्टाइट्स, स्टैलेग्माइट्स और अन्य संरचनाओं के लिए जानी जाती हैं। दरअसल, उस समय आदिवासी लोग गुफाओं में रहा करते थे और वे गुफाओं में चित्रित करते थे, जिन्हें शैल चित्र कहते हैं। कबरा गुफा में भी गहरे लाल चाक, गेरुए रंग से रंगे हुए शैलचित्र हैं। इसमें कछुआ, घोड़ा और हिरण की आकृतियां हैं।

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Image Credit- sahasahobbyistmagazine, chhattisgarhtourism, wikimedia

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