भारत की सबसे पवित्र नदियों के संगम तट पर बसा प्रयागराज शहर यूं तो कई मायनों में प्रसिद्ध है। पर इसकी सबसे खास बात यहां के घाट हैं, शाम के समय इन घाटों पर अच्छी-खासी रौनक देखने को मिलती है। प्रयागराज का असली समय कुंभ के दौरान होता है,उस समय यह शहर आस्था के रस से डूबा हुआ होता है।
हर साल माघ के समय में इन घाटों के आस-पास ही माघ मेला का आयोजन किया जाता है। दूर-दूर से सैलानी और साधु-संत यहां तीर्थराज प्रयाग के दर्शन करने आते हैं। आप कभी भी इन घाटों पर जा कर सुकून पा सकते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको प्रयागराज में बने 5 खूबसूरत घाट के बारे में बताएंगे, साथ ही बताएंगे इनसे जुड़ी दिलचस्प कहानियां।
मां सरस्वती के नाम पर रखा गया यह घाट प्रयागराज के फेमस टूरिस्ट पॉइंट में से एक है। शाम के समय यहां अक्सर लोगों की भीड़ देखने को मिल जाती है। सरस्वती घाट यमुना नदी के किनारे बनाया गया है। इसके पास ही भगवान शिव का मनकामेश्वर मंदिर बना हुआ है। जहां सावन के मौके पर भारी भीड़ देखने को मिलती है। अगर आप चाहें तो इस घाट के आस-पास के इलाकों में नाव की मदद से घूम सकते हैं। पास ही अकबर का किला स्थित है, जिसकी रौशनी शाम के समय नदी पर पड़ती है। जिसके बाद घाट और भी खूबसूरत लगने लगता है।
नैनी इलाके में स्थित यह घाट हाल ही नए तरीके से बनाया गया है। गंगा किनारे बने इस घाट पर शाम को कपल्स और बैचलर्स की काफी भीड़ देखने को मिलती है। इसके पास ही भगवन शिव का सोमेश्वर माहादेव मंदिर भी स्थित है, जहां शाम के समय में लोग दर्शन करने जाते हैं। कुंभ मेले के दौरान लोग इस घाट पर गंगा नदी में स्नान करने के लिए जाते हैं। घाट के किनारे बनी सीढ़ियों पर आप आराम से बैठकर मौसम का मजा उठा सकते हैं।
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प्रयागराज के सबसे प्रसिद्ध संगम घाट पर जाकर स्नान करना हर हिंदू धर्म के व्यक्ति का सपना होता है। क्योंकी धरती की 3 सबसे पवित्र नदियों का मेल प्रयागराज के इस घाट पर होता है। कहा जाता है कि इस घाट पर स्नान करके इंसान सभी पाप से मुक्त हो जाता है और उसे सीधा मोक्ष मिलता है।
इस घाट के आस-पास ही हर 12 साल पर महा कुंभ और हर 6 साल पर अर्ध कुंभ का आयोजन किया जाता है। इस घाट पर सूर्योदय और सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है।
बलुआ घाट मुट्ठी गंज के पास यमुना नदी के किनारे स्थित है। इस घाट का नाम बलुआ घाट इस कारण पड़ा क्योंकि इस जगह पर बेहतर तरह की बालू पाई जाती है। इस घाट को 1899 में बनवाया गया था, जिसे लाला मनोहर दास की याद में बनवाया गया था। यहीं से थोड़ी दूर पर बलुआ ब्रिज बना हुआ है आप वहां भी जाकर अपनी शाम बिता सकते है।
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यमुना नदीके किनारे बना बरगद घाट शांत जगहों में से एक है। यहां और घाटों की तरह भीड़ नहीं देखने को मिलती है। इस कारण यह अकेले बैठने वालों के लिए सबसे सही जगहों में से एक है। यह घाट एक बरगद के पुराने पेड़ के पास बना हुआ है। मेन शहर से दूर होने के कारण यहां ज्यादा लोग नहीं जाते हैं, जिस कारण आपको बहुत शांत माहौल देखने को मिल जाता है।
तो आप जब भी प्रयागराज जाएं एक बार इन घाटों पर समय गुजारने जरूर जाएं। तो यह था हमारा आज का आर्टिकल अगर आपको पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें। साथ ही ऐसी खूबसूरत जगहों के बारे में जानने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image credit- tripadviser, wikipedia and google searches
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