स्पार्कल बैरी या मोकाया के नाम से प्रसिद्ध यह फल सर्दियों में पकता है। आम मार्केट में स्पार्कल बैरी मिल पाना मुश्किल है। स्पार्कल बैरी का पेड़ आमतौर पर जंगली इलाकों में होता है। खाने में यह काफी स्वादिष्ट लगता है। हरे, पीले और काले रंग के इस फल के अलग-अलग स्वाद होता है। हरे रंग के स्पार्कल बैरी का स्वाद खट्टा और थोड़ा कड़वा होता है, वहीं पीले रंग का बैरी खट्टा होता है और काले रंग का मोकाया या स्पार्कल बैरी खाने में मीठा और हल्का खट्टा होता है। स्पार्कल बैरी, क्रैनबेरी, ब्लूबेरी और दूसरे बैरी के परिवार से संबंधित हैं। यदि आपको यह कभी खाने का मौका मिले तो इस फल को जरूर ट्राई करें। बिना देर किए चलिए जान लेते हैं, इस फल के बारे में थोड़ा और...
वैक्सीनियम अर्बोरियम या मोकाया के बारे में
वैक्सीनियम अर्बोरियम या मोकाया किसी पेड़ या पौधे में नहीं बल्कि झाड़ में फलता है। इसके पौधे को यदि आप लगाते हैं, तो यह फैलते हुए झाड़ की तरह बढ़ता है। 8-12 फीट तक बढ़ने वाले पेड़ को यदि आप लगाते हैं, तो इसके लिए आपको अच्छे खासे स्पेस की जरूरत पड़ेगी। जिस जगह ठंड अच्छी पड़ती है वहां इसके झाड़ अच्छे से ग्रो करते हैं। भारत में झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात और उड़ीसा (उड़ीसा के फेमस फूड) समेत कई राज्यों में पाया जाता है। सूखी पहाड़ी, तराई भूमि, मैदानी इलाका और चट्टानी जंगलों में वैक्सीनियम अर्बोरियम या मोकाया अच्छे से बढ़ता है।
वैक्सीनियम अर्बोरियम या मोकाया का स्वाद और उपयोग
वैक्सीनियम अर्बोरियम या मोकाया को गांवों में लोग नमक और मिर्च के साथ खाना पसंद करते हैं। बहुत से लोग इसके बीज को निकलकर उसके गुदा से चटपटी चटनी (टमाटर की चटनी) पीसकर खाना पसंद करते हैं। मोकाया का उपयोग खाने-पीने के अलावा आयुर्वेद में रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। आजकल बड़े-बड़े शहरों में भी वैक्सीनियम अर्बोरियम या मोकाया मिलने लगा है। बाजारों और दफ्तरों के सामने दूसरे जंगली फलों के साथ काले रंग के इस मोकाया या स्पार्कल बैरी के फल को बेचते हैं। दिखने में काले और छोटे-छोटे आकार का यह फल कहीं दिखे तो इसे जरूर ट्राई करना, एक चटपटापन के साथ मीठी सी मिठास वाली यह फल आपको दोबारा खाने के लिए जरूर मजबूर करेगी।
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वैक्सीनियम अर्बोरियम को और क्या कहा जाता है
वैक्सीनियम अर्बोरियम को अंग्रेजी में स्पार्कल बैरी, छत्तीसगढ़ी में मोकाया और दूसरी भाषा और बोली में इसे इन अलग-अलग नामों से जाना जाता है, कलहंदी,छानी बोर, सूरापल्लम, परीम पालू आदि।
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