भारतीय किचन में देसी घी का इस्तेमाल सदियों से किया जाता रहा है। जहां घरों में दादी-नानी घी का सेवन करने की सलाह देती हैं, वहीं कुछ लोग इसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानते हैं। इतना ही नहीं, हेल्थ कॉन्शियस खासतौर से वेट कॉन्शियस लोग इसका सेवन करने से बचते हैं। उन्हें लगता है कि इसे सेवन से उनका वजन बढ़ने लगेगा। यही कारण है कि घी को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह की भ्रांतियां हैं और वह घी से जुड़े मिथ्स के कारण उससे बचने की कोशिश करते हैं। आजकल घी के स्थान पर कई ब्रांड्स के तरह-तरह के रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल होने लगा है। हो सकता है कि आप भी ऐसा सोचती हों कि घी से आपका वजन बढ़ने लगेगा या फिर यह आपके हद्य के लिए सही नहीं है। हालांकि इसके पीछे की वास्तविक सच्चाई से आप अनभिज्ञ ही हों। तो चलिए आज हम आपको घी से जुड़े कुछ मिथ्स और उनकी वास्तविक सच्चाई के बारे में आपको बता रहे हैं-
मिथ 1: घी का सेवन करने से बढ़ेगा वजन
तथ्यः यह शुद्ध देसी घी के सेवन से जुड़े सबसे आम मिथकों में से एक है। आजकल महिलाएं अपने बॉडी शेप व वजन को लेकर काफी सजग रहती हैं। उन्हें लगता है कि घी के सेवन से उनका वजन बढ़ने लगेगा और इसलिए वह घी को अपनी डाइट से बाहर ही रखती हैं। लेकिन तथ्य यह है कि घी में कान्जगैटिड लिनोलिक एसिड वास्तव में, वजन कम करने में मदद करता है। ऐसे में आप दाल में थोड़ी मात्रा में देसी घी या आपकी रोटी पर एक चम्मच की घी इस्तेमाल करके खुद को फिट रख सकती हैं।
मिथ 2: देसी घी ओवरऑल हेल्थ के लिए नहीं है अच्छा
तथ्यः शुद्ध देसी घी को लेकर यह मिथ इसलिए फैला क्योंकि इसमें सैचुरेटिड फैट पाया जाता है। यह सच है, लेकिन घी में उस तरह का सैचुरेटिड फैट नहीं होता, जैसा कि मक्खन या एनिमल सैचुरेटिड फैट में होता है। घी शॉर्ट चेन फैटी एसिड से बना होता है, जो तुरंत पेट में जाकर ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है। इसके अलावा घी का एक बड़ा हिस्सा मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड से बना होता है जो फैट का एक अच्छा और स्वस्थ रूप है और शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाता है। जब सीमित मात्रा में घी का सेवन किया जाए तो यह आपको कई स्वास्थ्य लाभ पहुंचाता है। यह कार्सिनोजेन डिटॉक्सीफिकेशन को बढ़ाता है और किसी भी कैंसर के बढ़ने की संभावना को कम करता है।
मिथ 3: घी दिल को पहुंचाता है नुकसान
सच्चाई- यह घी से जुड़ा अब तक का सबसे बड़ा मिथक है। वास्तव में, घी ए, ई, डी और अन्य एंटीऑक्सिडेंट जैसे विटामिन से भरा होता है, जो इसे दिल के लिए सुपर अनुकूल बनाता है। घी के नियमित सेवन से पाचन और चयापचय में सुधार होता है। घी का स्मोकिंग प्वाइंट काफी अधिक होता है और इसलिए डीप फ्राईंग के लिए भी यह आदर्श है। (त्वचा को यूथफुल और ग्लोइंग बनाएंगे घी के ये 3 फेस मास्क)
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मिथ 4: लैक्टोज इनटॉलरेंस लोगों के लिए सही नहीं है घी
तथ्यः लैक्टोज इनटॉलरेंस लोगों के बीच यह एक बहुत ही आम मिथक है। ऐसे लोग मानते हैं कि देसी घी का सेवन उनके स्वास्थ्य को खराब करता है। जबकि वास्तविकता यह है कि घी से दूध के ठोस पदार्थ निकाल दिए जाते हैं, जिसके कारण यह व्यावहारिक रूप से किसी भी लैक्टोज इनटॉलरेंस को ट्रिगर नहीं कर सकता है। क्योंकि इसमें से लैक्टोज प्रॉपर्टीज को पहले ही निकाल लिया जाता है। इस तरह आप बिना किसी रिस्क के इसका सेवन कर सकती हैं। अगर आप लैक्टोज इनटॉलरेंस हैं तो आप अपने आहार में इसे शामिल करें। वहीं जिन्हें लैक्टोज से कोई समस्या नहीं है, वह गर्म दूध के साथ गाय के घी का सेवन करके कई फायदे प्राप्त कर सकती हैं।
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Image Credit:(@freeppik)
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