कढ़ी का नाम सुनते ही बच्चों के ही नहीं बड़ों के मुंह में भी पानी आ जाता है। ऐसा हो भी क्यों न, यह बहुत ही स्वादिष्ट होती है। जी हां दही या छाछ और हल्के मसालों को मिलाकर इसे बनाया जाता है। यह एक ऐसा व्यंजन है, जो हर घर में बनाया जाता है। इसे हर कोई अलग-अलग अंदाज में बनाता है।
एक अच्छी कढ़ी वह है जिसे अच्छी तरह से उबाला जाता है और धीमी आंच पर पकाया जाता है, जिससे उसमें सुगंध, स्वाद, बनावट आदि पैदा होती है, जिसे सभी मौसमों के लिए पौष्टिक और रिलैक्स देने वाला गुण के लिए जाना जाता है। हम जानते हैं कि कढ़ी को कई तरह जैसे पंजाबी स्टाइल दही पकौडेे कढ़ी, हल्की गुजराती कढ़ी, पौष्टिक सिंधी कढ़ी, राजस्थानी कढ़ी आदि में कई तरह से बनाया जा सकता है। इसलिए आज हम आपके लिए 3 ऐसी ऑल-टाइम पसंदीदा कढ़ी रेसिपी लेकर आए हैं। इन रेसिपीज के बारे में हमें शेफ कविराज खिलयानी जी बता रहे हैं।
रेसिपी -1: सिंधी कढ़ी
सामग्री
- तेल- 3-4 बड़े चम्मच
- जीरा- 1/2 छोटा चम्मच
- मेथी के बीज- 1/2 छोटा चम्मच
- सूखी लाल मिर्च- 2
- हरी मिर्च 2
- करी पत्ते -12-15
- हींग- 1/2 चम्मच
- बेसन- 3/4 कप
- हल्दी पाउडर- 1/2 छोटा चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर- 1/2 छोटा चम्मच
- नमक- स्वादनुसार
- इमली का गूदा- 1/2कप
- चीनी- स्वाद और संतुलन के लिए
- गर्म पानी- 6- 8 कप
- धनिया पत्ती- 2 बड़े चम्मच
- कटी हुई मिक्स वेजिटेबल- भिंडी, ड्रमस्टिक, आलू, रतालू, क्लस्टर बीन्स, गाजर, छोटा बैंगन
रेसिपी
- एक मोटी तली वाली कड़ाही में तेल गरम करें, उसमें हींग, करी पत्ता, जीरा, मेथी के बीज, लाल और हरी मिर्च डालें और कुछ सेकेंड के लिए उन्हें चटकने और फूटने दें। फिर इसमें बेसन डालकर 4-5 मिनट तक थोड़ा डार्क होने तक भूनें। अच्छे से पकाने से बेसन से सुगंध आती है।
- अब हल्दी पाउडर और लाल मिर्च पाउडर के मिश्रण को अच्छी तरह से मिलाएं और बर्तन में गर्म पानी डालें और अच्छी तरह से मिलाएं।
- इमली का गूदा, स्वाद के लिए चीनी, नमक और इच्छानुसार सब्जियों को मिलाएं, पहले सख्त सब्जियों को डालें और थोड़ी देर बाद भिंडी डालें, कुछ व्यंजनों में हम पहले सब्जियों को भी तलते हैं और फिर उन्हें कढ़ी में डालते हैं।
- इसे 25-30 मिनट के लिए उबलने दें, बीच-बीच में इसे चलाते रहें और चावल के साथ खाने के लिए आवश्यकतानुसार मसाले और बनावट की जांच करें।
- अच्छी तरह से उबाल आने के बाद धनिया की पत्तियों को अच्छी तरह से धोकर डालें और नमक, खट्टा और मिठास के बैलेंस को भी चेक कर लें। इसे उबले हुए चावल के साथ गरम परोसें।
रेसिपी -2: डबकी कढ़ी
भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ का यह दही आधारित पकवान है, डबकी शब्द का अर्थ है गोता लगाना और यहां हम उड़द की दाल से बने छोटे पकौड़ी का इस्तेमाल करते हैं और कढ़ी में मिलाए जाते हैं, पारंपरिक रूप से उन्हें अलग से तला नहीं जाता है बल्कि इसे स्वस्थ बनाने के लिए कैलोरी सामग्री को रोकने या कम करने के लिए कढ़ी में पकाया जाता है।
सामग्री
पकौड़ी के लिए
- सफेद उड़द दाल -1/2 कप
- अदरक- 1 छोटा चम्मच कटा हुआ
- लहसुन- 1 छोटा चम्मच कटा हुआ
- हरी मिर्च- 1 छोटा चम्मच कटी हुई
- नमक- स्वादानुसार
पकौंडे के लिए तैयारी
- उड़द दाल को पानी से कई बार साफ कर लें।
- 3-4 घंटे के लिए पानी में भिगो दें।
- फिर पानी को निकालकर अदरक-लहसुन-मिर्च के साथ दाल को ग्राइंडर जार में स्थानांतरित करें।
- इसे थोड़ा अच्छी तरह से पीस लें लेकिन बहुत अधिक पानी न डालें।
- एक बाउल में निकालें और स्वाद के लिए नमक मिलाएं, अच्छी तरह से मिक्स करें और अगले स्टेप तक अलग रखें।

कढ़ी के लिए सामग्री
- तेल/घी- 1 बड़ा चम्मच
- लहसुन- 1 छोटा चम्मच कटा हुआ
- सरसों के बीज- 1/2 छोटा चम्मच
- हींग- 1/4 छोटा चम्मच
- दही- डेढ़ कप फेंटा हुआ
- हल्दी पाउडर- 1/2 चम्मच
- करी पत्ते- 12-15
- सूखी लाल मिर्च- 2
- नमक- स्वादानुसार
- पानी- 2-3 कप
- धनिया पत्ती -2 बड़े चम्मच कटा हुआ
कढ़ी की रेसिपी
- एक बाउल में दही को डालकर अच्छी तरह से तब तक फेटें जब तक सभी गांठ हट नहीं जाती है।
- फिर इसमें 1 बड़ा चम्मच तैयार उड़द दाल मिक्स का पेस्ट डालें और दही के साथ अच्छी तरह से मिलाएं।
- अब एक पैन में तेल गरम करें, उसमें राई, हींग, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च और करी पत्ता डालें।
- आंच को स्लो करें और दही और दाल के मिश्रण को तड़के वाले मसाले में डालें और अच्छी तरह से ब्लेंड करें।
- 2-3 कप गर्म पानी डालें और कढ़ी को अच्छी तरह से उबलने दें।
- उंगलियों का उपयोग करके छोटी पकौड़ी बनाएं और उन्हें एक-एक करके उबालें या हल्के उबलने वाली कढ़ी में डालें।
- इन्हें अच्छी तरह से पकने के लिए कढ़ी में 10-12 मिनट के लिए उबाल लें, नमक चेक करें और जरूरत महसूस होने पर इसमें एक चुटकी चीनी डालें। जब पकौड़ें कढ़ी में तैरने लगें तो इसका मतलब है कि यह तैयार हैं और अंत में धनिया पत्ती डालें और चावल के साथ परोसें।
रेसिपी -3: गुजराती कढ़ी
सामग्री
- दही- 1 कप फेंटा हुआ
- बेसन- 2 बड़े चम्मच
- चीनी- 1/2 चम्मच (कुछ व्यंजनों में थोड़ा गुड़ भी इस्तेमाल किया जाता है।)
- गर्म पानी- 1 या आधा कप
- घी- 1 छोटा चम्मच
- तेल- 1 छोटा चम्मच
- लौंग- 2-3
- दालचीनी- 1 इंच का टुकड़ा
- सूखी लाल मिर्च- 1
- सरसों के बीज- 1/2 छोटा चम्मच
- जीरा- 1/2 छोटा चम्मच
- हींग- 1/4 चम्मच
- मेथी के बीज- 1/4 छोटा चम्मच
- अदरक- 1 इंच का टुकड़ा कटा हुआ
- हरी मिर्च- 2
- करी पत्ते- 10-12
- नमक- स्वादानुसार
- धनिया पत्ती- 2 बड़े चम्मच कटा हुआ
रेसिपी
- दही और बेसन को एक साथ मिलाएं, पानी डालें और अच्छी तरह से ब्लेंड करें, इसमें किसी भी तरह की गांठ नहीं होनी चाहिए। इसमें चीनी मिलाएं और 20 मिनट के लिए अलग रखें।
- एक मोटी तली वाली कड़ाही में तेल या घी मिलाकर एक-एक करके तड़का सारी सामग्री को तड़कने और फूटने दें।
- अब धीमी आंच पर तैयार दही और बेसन के तैयार मिश्रण को इसमें डालें और 1 मिनट तक अच्छी तरह से हिलाएं जब तक कि पैन में सभी अच्छी तरह से मिल न जाएं।
- कढ़ी को 15-20 मिनट के लिए उबलने दें, स्वाद और पानी को संतुलित करने के लिए नमक और मिठास की चेक करें यदि आवश्यक हो तो ताजा धनिया पत्ती डालें और गरमागरम उबले हुए चावल के साथ परोसें।
कढ़ी के फायदे
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कढ़ी के फायदों के बारे में बताते हुए रुजुता दिवेकर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करके कैप्शन में लिखा, ''अच्छे पाचन और साफ़ त्वचा के लिए कढी को अपनी डाइट में शामिल करें। पारंपरिक कढ़ी कम से कम 2000 साल पुरानी है। आयुर्वेदमें इसका उपयोग भूख बढ़ाने, गर्मियों के दौरान रिकवरी को तेज करने और त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए एक चिकित्सा के रूप में किया जाता है।''
''गर्मी के दौरान भूख कम हो जाती है और गर्मी त्वचा और पेट को नुकसान पहुंचाती है। पेट में ऐंठन महसूस होती है, कब्ज और गैस अक्सर बन जाती है और यहां तक कि पीरियड्स भी दर्दनाक हो जाते हैं। दोपहर का खाना खाने का मन नहीं करने पर डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है।''
आगे उन्होंने लिखा, ''हमारी दादी और नानी मां इस स्थिति से बाहर निकलने में हमारी मदद करने के लिए क्या करती थी, क्या आप जानते हैं? जी हां वे जानते थे कि भूख कम होने का मतलब है कि विटामिन-बी का कम होना और आंत के बैक्टीरिया से समझौता किया जा रहा है। ऐसे में वह गर्मी के कारण थोड़ा खट्टे हो रहे दही और दाल को मिलाकर मसाले और करी पत्ते के साथ तड़का लगाकर इसे बेहतर बनाती थीं। आप इस धीमी पकी कढ़ी को चावल के साथ खा सकते हैं और घर पर ही एक और स्वादिष्ट भोजन का उपयोग कर सकते हैं, जो प्री + प्रो-बायोटिक का एक आदर्श कॉम्बो है और एक पूर्ण एमिनो एसिड प्रोफाइल के साथ है। यह संपूर्ण भोजन है।''
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कढ़ी सूजन, कब्ज, मुंहासे को कम करने के लिए जानी जाती है और यहां तक कि इसे माइग्रेन और मूड स्विंग के लिए रोकथाम के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। यह भारत का जल्द ही खो जाने वाला सीक्रेट में से एक है। आपके परिवार के पास कढ़ी का अपना संस्करण होगा। हालांकि ज्यादातर लोग इसे बेसन से बनाते हैं। खट्टी दही को रागी जैसे दलिया के साथ मिलाया जाता है या कुल्थ जैसे दालों के साथ देसी खीरे के साथ हाइपर-मौसमी सब्जियों के साथ बनाया जाता है।
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इसलिए, अगर आपकी भूख कम हो रही है, कब्ज महसूस कर रहे हैं तो इन सभी समस्याओं से बचने के लिए कढ़ी को वापस अपनी डाइट में लाएं। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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