रमज़ान का महीना चल रहा है जो बहुत ही बरकत और रहमतों वाला होता है। इस मुबारक महीने में अल्लाह की इबादत करने का दोगुना सवाब मिलता है। यही वजह है कि हर मुस्लिम पूरे महीने रोज़ा रखता है, पांचों वक्त की नमाज़ अदा करता है, ज़कात देता है और अल्लाह की खूब इबादत करता है। इतना ही नहीं, रमजान के महीने में ज्यादातर मुसलमान के घरों में इफ्तार के समय स्वादिष्ट और लजीज पकवान बनाए जाते हैं और रोजेदार को परोसे जाते हैं।
आप भी यकीनन कई स्वादिष्ट पकवान अपने घरों में बना रहे होंगे, लेकिन एक बहुत ही पुरानी और पारंपरिक डिश है जिसे बड़े ही चाव से खाया जाता है। मगर बहुत कम लोगों को हलीम के बारे में जानकारी होती है। अगर आप भी उन्हीं लोगों में शामिल हैं तो आइए जानते हैं हलीम क्या है और रमजान के दौरान यह इतना बड़ा क्यों है?
हलीम क्या है?
हलीम मांस (मटन, बीफ या चिकन), पिसा हुआ गेहूं, दाल, घी, अदरक-लहसुन का पेस्ट और हल्दी से बना एक पेस्ट जैसा स्टू है। इसमें जीरा, जीरा, दालचीनी, इलायची, लौंग, काली मिर्च, केसर और गुड़ जैसे मसाले और पिस्ता, काजू, अंजीर और बादाम जैसे सूखे मेवे भी शामिल हैं।
इसे गरमा-गरम परोसा जाता है। ऊपर से घी की ग्रेवी, नींबू के टुकड़े, कटा हरा धनिया और तले हुए प्याज को गार्निश के रूप में परोसा जाता है। (इलायची का पाउडर बनाने का तरीका)
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यह कैसे बना है?
इसे गेहूं, जौ और चने की दाल को रात भर भिगोकर बनाया जाता है और फिर मसालेदार मांस की ग्रेवी तैयार की जाती है। गेहूं, जौ और चने को खारे पानी में उबाला जाता है। फिर इसे मांस की ग्रेवी के साथ मिलाया जाता है। एक चिपचिपा-चिकना, पेस्ट जैसी स्थिरता प्राप्त करने के लिए भारी लकड़ी के पैडल या हैंड मैशर के साथ मिलाया जाता है। खाना पकाने की प्रक्रिया में लगभग 6-7 घंटे कम जलाऊ लकड़ी की लौ पर लगते हैं
कहां से आया?
हलीम की उत्पत्ति लोकप्रिय अरबी व्यंजन से हुई है, जिसे हरेस के नाम से जाना जाता है। (अरबी से बनाएं ये 3 स्वादिष्ट रेसिपीज) इसका पहला लिखित नाम किताब अल-तबीख (व्यंजनों की पुस्तक) के हिस्से के रूप में 10 वीं शताब्दी में किया गया है। बता दें कि ये अरब मुंशी अबू मुहम्मद द्वारा संकलित दुनिया की सबसे पुरानी जीवित अरबी रसोई की किताब अल-मुजफ्फर इब्न सय्यर। इसे भारत में हैदराबाद निज़ाम की सेना के अरब सैनिकों द्वारा शहर में पेश किया गया था।
कैसे बनाएं?
आवश्यक सामग्री
- 1 किलो- मटन
- 1/2 किलो- गेहूं का दलीया
- 1 कप- चना दाल
- 1 बड़ा चम्मच- अदरक लहसुन पेस्ट
- 3 छोटी चम्मच- लाल मिर्च पाउडर
- 3 छोटी चम्मच हल्दी पाउडर
- 3 छोटी चम्मच- धनिया पाउडर
- 1/2 कप- दाल
- 3 बडी- इलायची
- 1/2 कप- मसूर दाल
- 1/2 कप- मूंग दाल
- 5 कटी- प्याज़
- 1 छोटी चम्मच- जीरा
- 8-10- काली मिर्च
- 8- लौंग
- 1/2 छोटा चम्मच- गरम मसाला पाउडर
- आवश्यकतानुसार- पुदीना पत्ती
- आवश्यकतानुसार- धनिया पत्ती
- 1- नींबू
- स्वादानुसार-नमक
- 1 कप- तेल
विधि
- लीम बनाने के लिए दलीया को पानी में 8 घंटे के लिए भिगोकर रख दें। साथ ही, सारी दालों को भी दूसरे बर्तन में 2 से 3 घंटे तक भिगोकर रखना है।
- अब प्रेशर कुकर को एक गैस पर रखें और भिगोई हुई दाल और दलिया को छान कर निथार लें। फिर थोड़ा पानी और नमक डालकर कुकर बंद कर दें।
- 4-5 सीटी आने पर गैस बंद कर दें और हल्का ठंडा करके बड़े चम्मच से घोट लें। अगर आपको दरदरा नहीं पसंद तो आप बारीक पीस सकती हैं। (इफ्तार में झटपट तैयार करें ये स्वादिष्ट पकौड़े)
- अब आप प्रेशर कुकर में मटन, थोड़ा पानी,नमक,1 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर, 1 छोटा चम्मच अदरक-लहसुन पेस्ट, आधा चम्मच हल्दी आदि को डालकर 3 सिटी आने तक पका लें।
- फिर अब बड़े पतीले में तेल गर्म करके 1 प्याज को काटकर हल्का ब्राउन होने तक पका लें। इसी तेल में सारे कुटे हुए खड़े मसाले और बना हुआ मटन डालकर 10 से 15 मिनट भुन लें।
- अब नमक और जरूरत के हिसाब से पानी डालकर ऊपर से ढक्कन बंद कर दें। कुटी हुई दलिया और दाल 10 मिनट धीमी आंच पर ढक्कन ढक कर पका लें।
- जब पानी सूख जाए तो गैस बंद करदें। गर्म मसाला पाउडर छिड़के। हलीम को हमें ज्यादा पतला या गाढ़ा नहीं रखना है।
- बस ऊपर से नींबू, चाट मसाला, प्याज और हरा धनिया डालकर गरमा गरम सर्व करें।
यकीन मानिए हलीम को सबने इतना पसंद किया था। आप भी इस रेसिपी को जरूर ट्राई करें।
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