Travel Tips: मथुरा जा रहे हैं तो कंस किला में ज़रुर घूमने पहुंचें

कृष्ण नगरी यानि मथुरा जा रहे हैं तो भगवान कृष्ण के मामा कंस को समर्पित कंस किला घूमने के लिए ज़रूर पहुंचें।

kans qila mathura history travel

मथुरा! यानि मथुरा का नाम सुनते ही दिमाग में सबसे पहले ख्याल भगवान कृष्णा के बारे में ही आता है। यमुना तट के किनारे स्थित यह शहर कई ऐतिहासिक और दैविक इमारत, महल और पवित्र मंदिरों के लिए जाना जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी या फिर होली के अवसर पर यहां लाखों भक्तों की भीड़ कृष्ण के दर्शन, होली खेलने और अन्य पर्यटक स्थलों पर घूमने के लिए आते हैं।

लेकिन, मथुरा में कृष्ण मंदिर के अलावा घूमने के लिए कोई जगह सबसे अधिक प्रसिद्ध है तो वो है 'कंस किला'। फोर्ट के बारे में अधिक जानकारी नहीं होने के चलते अक्सर सैलानी इस किले में घूमना भूल जाते हैं। आपको बता दें कि भगवान कृष्ण के मामा कंस को समर्पित यह किला प्राचीन समय से लेकर आज तक सैलानियों के लिए एक मुख्य पर्यटक केंद्र रहा है। आज इस लेख में हम आपको कंस किले के बारे में कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।

किले का इतिहास

kans qila mathura history inside

मथुरा में यमुना नदी के तट पर कई प्राचीन महल स्थित है लेकिन, इन महलों में सबसे अधिक किसी महल के बारे में जिक्र होता है तो उसका नाम है कंस किला। कहा जाता है कि इस महल का इतिहास महाभारत काल से भी पुराना है। कई लोगों का मानना है कि महाभारत काल में यह किला पांड्वो के लिए एक विश्राम घर हुआ करता था। हालांकि, कई इतिहासकार का मानना है कि 16 वीं में जयपुर के राजा मान सिंह द्वारा इस महल को पुन: निर्मित किया गया था।

इसे भी पढ़ें:श्रीकृष्ण की जन्म भूमि मथुरा में मंदिर घूमने के साथ इन एक्टिविटीज का लीजिए मजा

किले की वास्तुकला

kans qila mathura history know inside

मथुरा में ऐसे बहुत कम ही उदहारण मिलते हैं जहां यह देखने को मिले कि कोई महल या मंदिर हिन्दू और मुस्लिम शैली में निर्मित हो। लेकिन, कहा जाता है कि मथुरा का कंस किला एक ऐसा फोर्ट है जो हिंदू और मुगल शैली दोनों के मिश्रण को मिलाकर इस फोर्ट का निर्माण किया गया है। कंस किले की दीवारों में हिन्दू देवी-देवताओं के साथ-साथ मुग़ल शैली के भी बेहद खूबसूरत वास्तुकला का उदहारण देखा जा सकता है। हालांकि, कई दिवार आज खंडहर में तब्दील हो चुके हैं।(कलिंजर फोर्ट)

क्या सच में फोर्ट में वेधशाला था?

kans qila mathura history inside

इस महल को लेकर एक ऐसी धारण है कि इस महल में एक वेधशाला हुआ करता था। कहा जाता है कि उस महाराजा सवाई जय सिंह ने किले के परिसर में एक वेधशाला का निर्माण करवाया था लेकिन, कहा जाता है कि अब इसका कोई भी अवशेष नहीं है। आज के समय में कंस किले को लेकर वेधशाला एक कौतुहल का केंद्र है। जो भी मथुरा घूमने के लिए आता है किले के साथ-साथ वेधशाला की तरफ रुख ज़रूर करता है। लाल बलुआ पत्थर से निर्मित इस फोर्ट में ऐसे कई विशाल स्तंभ जिसे देखते ही बनता हैं।(नाहरगढ़ फोर्ट)

किले के आसपास घूमने के लिए जगह

about kans qila mathura history inside

एक प्रसिद्ध पर्यटक और तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध मथुरा में कंस किला के अलावा घूमने के लिए बहुत कुछ है। अगर आप लठमार होली खेलने के लिए इस बार मथुरा जा रहे हैं तो भगवान कृष्ण की सखी यानि राधा की नगरी बरसाना घूमने के लिए ज़रुरु पहुंचें। इसके अलावा आप भगवान कृष्ण द्वारा सात दिन तक गोवर्द्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर धारण करने वाली जगह गोवर्धन पहाड़ी भी घूमने के लिए जा सकते हैं। इसके अवाला आप कृष्ण जन्म भूमि मंदिर और राधा कुंड आदि जगहों पर भी घूमने के लिए जा सकते हैं।

इसे भी पढ़ें:कृष्‍ण की जन्‍मभूमि मथुरा के बारे में कितना जानती हैं आप, क्विज खेलें और जानें


किले में घूमने और टिकट की जानकारी

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कंस किले में घूमने के लिए आप सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे के बीच कभी भी जा सकते हैं। हालांकि, किसी विशेष मौके पर ही इस किले में जाने की अनुमति नहीं होती है। कहा जाता है कि इस किले के घूमने के लिए सैलानियों से किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है। यानि आप बिना किसी टिकट के इस फोर्ट में घूमने के लिए जा सकते हैं। अक्टूबर से अप्रैल के महीनों में मथुरा घूमने के लिए बेस्ट समय माना जाता है।

यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit:(@ontent.jdmagicbox.com,www.touristplaces.net.in)

Recommended Video

Embed Code:
HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP