भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के कन्नौज जिले में चिंतामणि नाम का एक चमत्कारी मंदिर है। इस मंदिर में प्रभु श्री राम की मूर्ति की जगह उनके चरण पादुकाओं की पूजा होती है। माना जाता है कि प्रभु श्री राम ने यहां अपने कदम रखे थे, जिसके बाद इस जगह पर मंदिर का निर्माण कर दिया गया। मंदिर परिसर में करीब 10 जगह प्रभु श्री राम के चरणों के निशान है। दिवाली पर लोग यहां भगवान श्री राम के चरण पादुकाओं का आशिर्वाद लेने दूर- दूर से मंदिर दर्शन के लिए आते हैं।
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श्रद्धालु भगवान के चरणों को छू कर मस्तक पर लगाते हैं और फूल अर्पित करते हैं। चिंतामणि मंदिर गंगा तट के किनारे बसा हुआ है। इस मंदिर की एक और खास बात यह है कि घाट पर हजारों साल पुराना एक कदंब का पेड़ खड़ा है, पेड़ की छाल उतारने पर प्रभु श्री राम का नाम पेड़ पर लिखा हुआ नजर आता है।
इसलिए मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु पेड़ की छाल उतारते हैं। अगर पेड़ की छाल पर प्रभु श्री राम का नाम दिखाई देता है, तो माना जाता है कि भगवान, श्रद्धालु की आस्था से बेहद प्रसन्न है। मंदिर में दिवाली और रामनवमी सहित प्रत्येक रविवार को लोगों की भारी भीड़ जमा होती है। (मध्यप्रदेश में फेमस मंदिर)
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माना जाता है कि लंका पर विजय हासिल करने के बाद भगवान श्री राम यहां माता सीता के साथ आए थे। यहां चिंतामणि घाट पर माता सीता ने अपने हाथों से भोजन बनाकर ब्राह्मणों को भोज कराया था। इसलिए यहां भगवान राम के साथ-साथ माता सीता के भी चरणों के निशान बने हुए हैं। लोगों का कहना है कि जब भगवान ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद यहां से वापस लौट रहे थे, तब उन्होंने अपने चरण पादुकाओं को यहीं छोड़ दिया था।
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