हिमालय की गोद में मौजूद हिमाचल प्रदेश देश एक बेहद ही खूबसूरत और मनमोहक प्रान्त है। हिमाचल की खूबसूरती इस कदर प्रचलित है कि यहां हर दिन हजारों देशी और विदेशी पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं।
शिमला, कुल्लू-मनाली, शिमला, डलहौजी और धर्मशाला में घूमने के लिए हर दिन हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। इन जगहों की हसीन वादियों में ऐसी कई अद्भुत जगहें मौजूद हैं, जो सैलानियों को काफी आकर्षित करती हैं।
हिमाचल प्रदेश की हसीन वादियों में स्थित कांगड़ा किला एक ऐसा फोर्ट है, जिसके बारे में एक या दो नहीं बल्कि, कई रहस्यमयी कहानियां फेमस हैं। इस आर्टिकल में हम आपको कांगड़ा फोर्ट के बारे में बताने जा रहे हैं।
कांगड़ा फोर्ट हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा कस्बे की बाहरी सीमा पर मौजूद है। यह फोर्ट हिमाचल के धर्मशाला से करीब 20 किमी की दूरी पर मौजूद है। आपको यह भी बता दें कि यह मैक्लोडगंज से करीब 28 किमी की दूरी पर एक पहाड़ की चोटी पर स्थित है।
कांगड़ा फोर्ट को धर्मशाला और मैक्लोडगंज के आसपास में स्थित एक ऐतिहासिक और लोकप्रिय पर्यटन स्थल माना जाता है। इसे एक्सप्लोर करने हर दर्जन से भी अधिक पर्यटक पहुंचते हैं।
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कांगड़ा फोर्ट का इतिहास काफी पुराना है। कहा जाता है कि इस भव्य फोर्ट का इतिहास करीब 3,500 से भी अधिक प्राचीन है। माना जाता है कि इस भव्य फोर्ट का निर्माण कटोच वंश के महाराजा सुशर्मा चंद्र ने करवाया था।
कांगड़ा फोर्ट के बारे में कहा जाता है कि इस फोर्ट पर कई शासकों से राज किया है। लोगों का मानना है कि करीब 1615 ईस्वी में अकबर किले को जीतने के लिए घेराबंदी की थी, लेकिन वो इसमें सफल नहीं हुआ। इसके बाद 1620 ईस्वी में अकबर के बेटे जहांगीर ने इस किले पर कब्जा कर लिया था। (इस फोर्ट में छुपा है अरबों का खजाना?)
कांगड़ा फोर्ट हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ भारत का सबसे प्राचीन फोर्ट माना जाता है। माना जाता है कि यह तत्कालीन समय में इस कदर भव्य था कि इस पर हर कोई कब्जा करना चाहता था।
कांगड़ा फोर्ट करीब 400 से भी अधिक एकड़ में फैला हुआ है और इसे भारत का सबसे विशाल फोर्ट भी माना जाता है। माना जाता है कि तत्कालीन समय में इस फोर्ट की वास्तुकला भी अन्य शासकों आकर्षित करती थी। एक अन्य मिथक है कि किले का उल्लेख सिकंदर महान के युद्ध संबंधी रिकार्डों में भी मिलता है।
कांगड़ा फोर्ट की रहस्यमयी कहानियां बेहद ही दिलचस्प है। इस फोर्ट में बारे में कहा जाता है कि तत्कालीन समय में यह फोर्ट खजाने से भरा रहता था। इसलिए महमूद गजनी से लेकर सिकंदर महान और अन्य जैसे कई राजाओं ने फोर्ट पर कब्जा करने का भी प्रयास किया था। (धर्मशाला में घूमने की बेस्ट जगहें)
कहा जाता है कि इस फोर्ट में ऐसी कई सुरंग थी, जहां राज्य का सोना-चांदी आदि कीमती आभूषण रखा जाता था। अन्य राज्यों से लुटा हुआ खजाना भी इन्हीं सुरंगों में रखा जाता था।
कांगड़ा फोर्ट के बारे में हर बार यह अफवाह फैलाती रहती है कि फोर्ट में ऐसे कई कुआं मौजूद थे, जो खजाने से भरा रहता था। कई लोगों का मानना है कि इस फोर्ट में करीब 20 से अधिक कुएं मौजूद थे, जहां राज्य का खजाना रखा जाता था।
एक अन्य मिथक के अनुसार खजाने से भरे कुएं को कई शासकों ने लूट लिया था, लेकिन आज भी कई लोगों का मानना है कि आज भी इस फोर्ट के अंदर ऐसे कई कुएं मौजूद हैं, जो सोना-चांदी से भरा हुआ है।
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कांगड़ा फोर्ट पहुंचना बहुत ही आसान है। इसके लिए आप सबसे पहले धर्मशाला या मैक्लोडगंज पहुंच सकते हैं। आपको बता दें कि यह फोर्ट धर्मशाला से करीब 20 किमी और मैक्लोडगंज से करीब 28 किमी दूर है।
धर्मशाला या मैक्लोडगंज पहुंचने के बाद लोकल टैक्सी या कैब लेकर आप आसानी से कांगड़ा फोर्ट पहुंच सकते हैं।
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