बच्चों को सिखाना चाहते हैं आजादी का महत्व, तो उत्तर प्रदेश की इन 3 जगहों पर जाएं

आजादी का महत्व समझने से बच्चों में देशभक्ति और राष्ट्रप्रेम की भावना विकसित होती है। वे अपने देश के लिए गर्व महसूस करते हैं और उसकी रक्षा और सम्मान करने के लिए प्रेरित होते हैं।

 

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बच्चों में स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व का महत्व समझाने के लिए आप उन्हें किसी ऐसी जगह पर लेकर जाएं, जहां उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिले। जो बातें बच्चों को किताबों से सीखने को मिलती है, उससे ज्यादा उन्हें देखकर ज्यादा समझ आएंगी।

यहां जाने के बाद आपको बच्चों को अनुशासन और जिम्मेदारी का महत्व समझा आएगा। आज के इस आर्टिकल में हम आपको उत्तर प्रदेश की कुछ ऐतिहासिक जगहों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। यहां जाने के बाद आपको बच्चों को स्वतंत्रता संग्राम के नायकों और उनकी बलिदान की कहानियां समझने का मौका मिलेगा।

झांसी (Jhansi) का किला

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यह किला रानी लक्ष्मीबाई के वीरता को दर्शाता है। रानी लक्ष्मीबाई ने यहां से ब्रिटिश सेना के खिलाफ अपनी अंतिम लड़ाई लड़ी थी। उनके साहस और संघर्ष का देश को आजाद कराने में बड़ा योगदान है। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में, रानी लक्ष्मीबाई ने इसी किले से लड़ाई लड़ी थी।

यह किला वास्तुकला की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। किले के अंदर कई महत्वपूर्ण भवन और मंदिर हैं, जो उसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाते हैं। अगर आप बच्चों के साथ झांसी जा रहे हैं, तो यहां रानी महल, कड़ाह सागर, पंच महल, शिव मंदिर, और कई अन्य ऐतिहासिक स्थलों को देखना न भूलें। यह इतिहास और संस्कृति के विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण जगह है। इसलिए आप बच्चों को यहां 15 अगस्त पर घुमाने लेकर आ सकते हैं।

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लखनऊ छतर मंजिल

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बच्चों को 15 अगस्त पर देश के आजादी का महत्व समझाने के लिए आप बच्चों को यहां ला सकते हैं। यह भी 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहां विद्रोहियों ने ब्रिटिश सैनिकों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। छतर मंजिल लखनऊ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। बच्चों के साथ 15 अगस्त पर घूमने के लिए अच्छी जगह में से एक है।

यह स्थान हमें नवाबी दौर की शानदारता और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण घटनाओं की याद दिलाता है। छतरी की आकृति के कारण ही इसका नाम छतर मंजिल पड़ा। 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, छतर मंजिल का उपयोग ब्रिटिश सेना द्वारा किया गया था। यह स्थान देश आजाद होने के पहले विद्रोह के कई महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाता है।

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आनंद भवन,प्रयागराज

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यहां आप आनंद भवन और स्वराज भवन बच्चों के साथ जा सकते हैं। आनंद भवन नेहरू परिवार का पैतृक घर था। साथ ही, स्वराज भवन का भी नेहरू परिवार से संबंधित है। यहां बच्चों को स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी कई जानकारी जानने को मिलेगी। आनंद भवन को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास, नेहरू-गांधी परिवार के योगदान, और भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए जाना जाता है।

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image credit- freepik

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