इन दिनों उत्तर भारत के राज्यों में बहुत ज्यादा गर्मी पड़ रही है और हर दिन तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा रहा है। इतनी भयानक गर्मी में अगर आप किचन में काम करती हैं, तो गैस सिलेंडर का इस्तेमाल बहुत सावधानी से करें, वरना आग लगने जैसी घटनाएं हो सकती हैं। इसलिए, हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि गर्मी के महीनों में गैस सिलेंडर का सही तरीके से कैसे इस्तेमाल किया जाए, ताकि आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकें।
भारतीय किचन में खाना पकाने के लिए आजकल ज्यादातर घरों में गैस सिलेंडर यानी LPG सिलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है। ये सिलेंडर खास कार्बन स्टील से बनाए जाते हैं और इन्हें इस तरह से डिजायन किया जाता है कि ये ज्यादा दबाव झेल सकें और उनमें किसी तरह की लीकेज या फटने का डर न हो। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के हिसाब से ही सिलेंडर का डिजायन तैयार किया जाता है, ताकि ये गर्मी, दबाव या इस्तेमाल के दौरान सुरक्षित रहें। एलपीजी सिलेंडर में आमतौर पर प्रोपेन और ब्यूटेन गैस का मिश्रण भरा होता है। ये दोनों गैसें बहुत ही ज्या्दा तेजी से आग पकड़ लेती हैं। इन दोनों गैसों को सिलेंडर के अंदर दबाव डालकर लिक्विड रूप में भरा जाता है ताकि उन्हें आसानी से स्टोर किया जा सके।
गर्मी के मौसम में, जब बाहर का तापमान बहुत ज्यादा होता है, तो गैस सिलेंडर को सही जगह पर रखना बहुत जरूरी होता है। अगर आपने नया सिलेंडर मंगवाया है और अभी पुराने सिलेंडर का इस्तेमाल कर रही हैं, तो आपको नए वाले को ठंडी, हवादार और खुली जगह पर रखना चाहिए। सिलेंडर को कभी भी किसी कोने में या ऐसी जगह पर न रखें, जहां ढेर सारा सामान रखा हो या हवा न आती हो। अगर आप बंद जगह पर सिलेंडर को रखती हैं, तो उसका बाहरी हिस्सा गर्म हो सकता है और सिलेंडर का तापमान भी बढ़ सकता है। इसकी वजह से अंदर की गैस भी गर्म हो सकती है, जिससे दबाव बढ़ने का खतरा पैदा हो सकता है और यह स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है। इसलिए, हमेशा सिलेंडर को हवादार जगह में रखें, जहां सीधी धूप न आती हो और आसपास ज्यादा सामान न हो।
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गर्मी के मौसम में गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करते समय आपको गैस लीक की जांच करते रहना चाहिए। अगर आप सिलेंडर का इस्तेमाल कर रही हैं, तो आपको इन 3 चीजों को जरूर चेक करना चाहिए। गैस पाइप और रेगुलेटर की जांच करनी चाहिए।
गैस लीकेज को चेक करने के लिए आपको साबुन और पानी का घोल तैयार करना चाहिए और उसे सिलेंडर और चूल्हे के कनेक्शन वाले हिस्से पर लगाना चाहिए। अगर वहां पर बुलबुले बनने लगें, तो समझ लीजिए कि गैस लीक हो रही है। अगर पाइप में कहीं भी दरार, कट या ढीलापन है, तो उसे तुरंत बदलवाना चाहिए।
अगर आप गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करती हैं, तो आपको सिलेंडर से जुड़े सभी सामान जैसे रेगुलेटर, पाइप और स्टोव आदि की खरीददारी करते समय ISI मार्क चेक करना चाहिए। ISI मार्क का मतलब होता है कि इन सामानों को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने परखा है और सुरक्षा के लिहाज से सही पाया है। गैस पाइप को हर 2 साल में और रेगुलेटर को हर 5 साल में बदलना चाहिए।
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जब आपका सारा किचन का काम खत्म हो जाए, तो आखिर में सिलेंडर के ऊपर लगे वाल्व को जरूर बंद कर दें। अगर आप सोने जा रही हैं या घर से बाहर जा रही हैं, तो सिलेंडर बंद करके जाने की आदत डाल लेनी चाहिए। कई बार जब आप सिलेंडर के वाल्व को खुला छोड़ देते हैं, तो पाइप से गैस का रिसाव हो सकता है और गैस पूरे घर में फैल सकती है, जिससे आग लगने का खतरा पैदा हो सकता है।
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