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भारत के इन हिस्सों में बड़े ही अलग अंदाज में मनाई जाती है दिवाली, आप भी जानें

देशभर में दिवाली की रौनक ही अलग होती है। इसी तरह देश के कई हिस्सों में अलग-अलग तरह से दिवाली मनाई जाती है।
Editorial
Updated:- 2021-10-18, 12:52 IST

भारत पर्वों का देश है और कार्तिक महीने में सबसे बड़ा त्योहार आता है। दीपों का यह त्योहार बहुत हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस दिन भारत के कई हिस्सों में दीयों और रोशनी की अलग ही छटा देखने को मिलती है। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। भारत के विभिन्न हिस्सों में लोग विभिन्न प्रथाओं, अनुष्ठानों और बहुत कुछ के साथ विविध तरीकों से दिवाली मनाते हैं।

भारत के अधिकांश हिस्सों में, दिवाली को देवी लक्ष्मी की पूजा करके, घरों को दीयों से रोशन करके, प्रियजनों को उपहार देकर और पटाखे फोड़कर मनाया जाता है। आज इस आर्टिकल में आइए जानें कि भारत के अलग-अलग हिस्सों में दिवाली कैसे मनाई जाती है।

वाराणसी

diwali celebration in varanasi

वाराणसी में देवताओं की दिवाली मनाई जाती है, जिसे देव दीपावली के नाम से जाना जाता है। भक्तों का मानना है कि इस दौरान देवी-देवता गंगा में डुबकी लगाने के लिए धरती पर आते हैं। गंगा नदी में प्रार्थना और दीये की जलाएं जाते हैं। और दीपों और रंगोली से सजे किनारे बेहद मंत्रमुग्ध कर देने वाले लगते हैं। देव दीपावली कार्तिक मास की पूर्णिमा में आती है और दिवाली के 15 दिन बाद आती है।

ओडिशा

diwali celebration in odisha

ओडिशा में, दिवाली के अवसर पर, लोग कौरिया काठी करते हैं। यह एक ऐसा अनुष्ठान है जिसमें लोग स्वर्ग में अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं। वे अपने पूर्वजों को बुलाने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए जूट की छड़ें जलाते हैं। दिवाली के दौरान, उड़िया देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और देवी काली की पूजा करते हैं।

महाराष्ट्र

diwali in maharashtra

महाराष्ट्र में दिवाली की शुरुआत 'वासु बरस' की रस्म से होती है जो गायों के लिए होती है। प्राचीन चिकित्सक धन्वंतरि को श्रद्धांजलि देने के लिए लोग धनतेरस मनाते हैं। दिवाली के अवसर पर, महाराष्ट्रीयन देवी लक्ष्मी की पूजा (घर में सुख समृद्धि लाने के लिए मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान रखें इन बातों का ध्यान) करते हैं और पति और पत्नी के प्यार का जश्न मनाते हुए 'दिवाली चा पड़वा' मनाते हैं। भाई बीज और तुसली विवाह के साथ त्योहार खत्म होता है जो शादियों की शुरुआत का प्रतीक है।

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गोवा

diwali celebration in goa

गोवा में, दिवाली भगवान कृष्ण को समर्पित है जो राक्षस नरकासुर का नाश करते हैं। दिवाली से एक दिन पहले नरकासुर चतुर्दशी के दिन राक्षस के विशाल पुतले बनाए और जलाए जाते हैं। दिवाली के दौरान, गोवा और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में कई लोग पाप से मुक्त होने के लिए अपने शरीर पर नारियल का तेल लगाते हैं।

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बंगाल

diwali celebration kali pooja in bengal

बंगाल में दिवाली काली पूजा या श्यामा पूजा के साथ मनाई जाती है जो रात की जाती है। देवी काली को हिबिस्कस के फूलों से सजाया जाता है और मंदिरों और घरों में पूजा की जाती है। भक्त मां काली को मिठाई, दाल, चावल और मछली भी चढ़ाते हैं। कोलकाता में दक्षिणेश्वर और कालीघाट जैसे मंदिर काली पूजा के लिए प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा, काली पूजा से एक रात पहले, बंगाली घरों में 14 दीये जलाकर बुरी शक्ति को दूर करने के लिए भूत चतुर्दशी अनुष्ठान का पालन करते हैं। कोलकाता के पास बारासात जैसी जगहों पर, काली पूजा (इस मंदिर में चाइनीज करते हैं मां काली की पूजा, प्रसाद में चढ़ाते हैं नूडल्स) दुर्गा पूजा के रूप में भव्य तरीके से होती है, जिसमें थीम वाले पंडाल और मेले होते हैं। काली पंडालों के सामने, डाकिनी और योगिनी राक्षसों की आकृतियां भी देखी जा सकती हैं।

भारत के इन कोनों में अलग-अलग तरीके से दिवाली मनाई जाती है। आपके यहां दिवाली कैसे मनाई जाती है, हमारे फेसबुक पेज पर कमेंट करके बताएं। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे ही आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: natgeo & ytimg.com

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