शारदीय नवरात्रि का पर्व 15 अक्टूबर 2023 से शुरू हो रहा है। नौ दिनों के इस पर्व में आप माता रानी के दर्शन के लिए उनके 51 शक्तिपीठ पर जाने की तैयारी कर सकते हैं।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको माता के ऐसे शक्तिपीठ के बारे में बताने वाले हैं, जो नेपाल में स्थित है। यहां नवरात्रि में माता के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में लोग ट्रैवल करते हैं। इस नवरात्रि आप भी माता के दर्शन के लिए यहां जा सकते हैं।
गुह्येश्वरी शक्तिपीठ
वैसे तो माता रानी के अधिकतर शक्तिपीठ भारत में ही स्थित है, लेकिन नेपाल में माता का 51 शक्तिपीठों में से एक गुह्येश्वरी शक्तिपीठ मौजूद है। माता का यह मंदिर पशुपतिनाथ मंदिर के कुछ ही दूरी पर स्थित है। मंदिर के पास ही बागमती नदी है।
माना जाता है कि जब जब माता सती ने स्वयं को अग्निकुंड में सौंप दिया था, तब भगवान शिव माता के वियोग में तांडव करने लगे थे। वह माता के मृत शरीर को हाथ में उठाकर तांडव नृत्य करने लगे थे। (यहां हैं देवी के प्रसिद्ध मंदिर)
इसे भी पढ़ें- Shardiya Navratri 2023: भारत में नहीं इस जगह है मां दुर्गा का पहला शक्तिपीठ, यहां नवरात्रि में सजता है खास पंडाल
भगवान विष्णुने माता के शरीर को 51 भागों में काट दिया था
भगवान शिव का ऐसा हाल देखकर पूरे संसार में हाहाकार मच गया था, कोई भी भगवान को शांत नहीं करवा पा रहा था। यह देखकर भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता के शरीर को 51 भागों में काट दिया था।
माता के शरीर के 51 भाग जहां भी गिरे, वहां माता का शक्तिपीठ स्थापित हो गया। माता के शरीर को भाग को ही शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। इसी 51 भागों में से एक माता के दोनों घुटने नेपाल में गिरे थे।
इसलिए माता के इस शक्तिपीठ को गुह्येश्वरी शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है।(वैष्णो देवी माता की रहस्यमयी कहानियां)
इसे भी पढ़ें-Shardiya Navratri 2023: माता का अनोखा मंदिर, यहां फूल-माला नहीं देवी को चढ़ाया जाता है पत्थर
मंदिर है सबसे खास
इस मंदिर के छिद्र में हमेशा जल बहता रहता है। यहां भगवान शिव भैरव कपाल रूप में मौजूद हैं। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 17वीं सदी में करवाया गया था। मंदिर को राजा प्रताप मल्ला ने बनवाया था।
हर साल नवरात्रि के अवसर पर मंदिर के बाहर मेले का आयोजन होता है। यह काफी बड़ा मेला है, जहां हजारों की संख्या में लोग आते हैं।
इसी तरह नेपाल में एक और मनकामना देवी मंदिर स्थित है। नेपाल के भक्त इस मंदिर को भी शक्तिपीठ की तरह ही मानते हैं। यह मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू से 105 किमी दूर स्थित है।
अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं।
हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। साथ ही आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।
Image Credit- Insta
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों