आपने इतिहास में पढ़ा होगा कि प्राचीन मिस्र सभ्यता में बड़े पैमाने पर ममी (Mummy) होती थी। इसमें किसी भी इंसान की मौत के बाद उसके शव यानी मृत शरीर को केमिकल्स से संरक्षित करके रखा जाता था जिसे ममी कहते थे। सिर्फ मिस्र में ही नहीं बल्कि अन्य देश में भी ममी का अस्तित्व देखा गया है। लेकिन अगर आपसे यह सवाल किया जाए कि क्या भारत में ममी को देखा गया है, तो फिर आपका जवाब क्या होगा? शायद आपको मालूम हो, अगर नहीं मालूम है तो आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में ममी है जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं।
लगभग 500 साल प्राचीन है ममी
जी हां, हिमाचल प्रदेश में मौजूद यह ममी (Mummy) लगभग 550 साल से अधिक प्राचीन मानी जाती है। इस ममी को लेकर ऐसी कई कहानी है जिसके बारे में पढ़कर लोग कुछ देर सोच में पड़ जाते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार हैरान करने वाली बात यह है कि इस ममी के बाल और नाख़ून बढ़ते रहते हैं। इस अजीब घटना के चलते आज भी यह ममी लोगों के बीच प्रचलित है। कहा जाता है कि यह ममी एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु थी।
गियू गांव में है ये ममी
जी हां, हिमाचल प्रदेश के गियू/ग्यू गांव में यह ममी है। कहा जाता है कि लगभग 1974-75 के आसपास स्पीति में भूकंप के कुछ साल बाद जवान को कुछ मिला, जब देखा गया तो यह एक ममी थी। इस ममी को एक कांच के बॉक्स में रखा गया है। कहा जाता है कि यह ममी सांघा तेंजिन का है जो एक बौद्ध भिक्षु थे।(रेड रिवर नदी का क्या है रहस्य)
कहा जाता है सांघा तेंजिन की मृत्यु लगभग 15वीं शताब्दी में हुई थी जब वो 45 साल के आसपास थे। यह एक ऐसी ममी है जो नेचुरल रूप में है यानी इसे किसी भी केमिकल के द्वारा संरक्षित नहीं किया गया है। इसे लेकर कहा जाता है कि यह भारत के साथ-साथ दुनिया की एकमात्र ममी है जो बैठी हुई अवस्था में है।
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आईटीबीपी के जवानों को मिली थी ममी
ग्यू गांव में मिली ममी के बार में कहा जाता है कि जब आईटीबीपी के जवान सड़क के लिए खुदाई का रहे थे तो ये ममी मिली थी। जब जवानों को पता चला कि यह ममी है तो इसे संरक्षित रखने के लिए घर का निर्माण किया गया था। कहा जाता है कि कई वर्षों तक इस ममी को आईटीबीपी कैम्पस में रखी गई थी। जब कुछ विदेशी वैज्ञानिकों ने इस ममी पर शोध किया तो मालूम चला कि यह 550 साल से भी प्राचीन है।(यहां होती है भीम की पत्नी की पूजा)
कैसे पहुंचे यहां?
अगर आप इस ममी को देखना चाहते हैं तो फिर आप आसानी से पहुंच सकते हैं। जी हां, ग्यू गांव किसी और स्थान नहीं बल्कि स्पीती घाटी के पास है। ऐसे में अगर आप जब भी स्पीती घूमने के लिए जा रहे हैं तो आप इस गांव में पहुंच सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कई लोग इस ममी की पूजा भी करते है और चढ़ावा भी चढ़ाते हैं।
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