कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है ट्रैवलिंग करने पर। शुरुआती समय में जहां एक तरफ गिनी चुनी फ्लाइट्स उड़ान भर रही थीं। वहीं बढ़ते हालातों को देख वो भी रद्द कर दी गईं। कई सारे देश ऐसे हैं, जो ट्रैवल करने के तरीकों और उपायों को खोज रहे हैं। कोरोना से बचाव के लिए दुनिया भर में वैक्सीनेशन हो रहा है। इस बीच लोगों को उम्मीदें हैं कि जल्द ही एक बार फिर सब ट्रैवल कर सकेंगे। सरकारों के साथ-साथ दुनिया भर के लोगों को यह उम्मीद है कि चीजें पटरी पर जल्द ही आएंगी। इसी बीच कुछ देशों ने वैक्सीन पासपोर्ट जारी किया है। हालांकि विश्व संगठन ने इसे जरूरी न करने पर जोर दिया। आखिर क्या है यह वैक्सीन पासपोर्ट आइए विस्तार से जानें।
आम तौर पर, लोग इस शब्द का उपयोग टीकाकरण के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के लिए कर रहे हैं। यह एक डिजिटल कार्ड या हेल्थ कार्ड है, जिसे एक क्यूआर कोड के रूप में, स्मार्टफोन के माध्यम से आसानी एक्सेस किया जा सकता है।इसे डिवाइस पर स्टोर भी किया जा सकता है और आप इसे प्रिंट भी करवा सकती हैं। इसमें कोरोना वैक्सीनेशन से जु़ड़ी सभी जानकारी मौजूद होंगी। यह एक तरह का डिजिटल सर्टिफिकेट है जिसका आप सार्वजनिक स्थानों पर आने-जाने के लिए इस्तेमाल कर सकेंगी।
कई देशों को पहले से ही प्रवेश के लिए हाल ही में नेगेटिव कोरोनावायरस टेस्ट के प्रमाण की आवश्यकता होती है। अब दस्तावेज लगभग पूरी तरह से कागज पर या किसी यात्री के फोन पर मौजूद होगा और इसे एयरपोर्ट अथॉरिटी चेक कर सकती है। हालांकि डोमेस्टिक ट्रैवलिंग के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। लेकिन कुछ सरकारों और व्यवसायों को पहले से ही कुछ भीड़-भाड़ वाली जगहों में प्रवेश के लिए नेगेटिव कोरोनावायरस टेस्ट के प्रमाण की आवश्यकता होती है। इसी को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक विकल्प की डिमांड बढ़ने लगी है।
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इजरायल पहला ऐसा देश बना है जिसने वैक्सीन पासपोर्ट जारी किया है। फरवरी में, इज़राइल की सरकार ने उन लोगों को अपना डिजिटल ग्रीन पास या फिजिकल सर्टिफिकेट जारी किया था, जिन्हें टीका लगाया गया था, और होटल और थिएटर जैसी जगहों में प्रवेश करने के लिए यह दस्तावेज दिखाना जरूरी है। इसके अलावा चिली, ग्रीस, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, जर्मनी, आदि ऐसे कुछ देश हैं, जहां वैक्सीन पासपोर्ट आवश्यक हो गया है।
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कॉमनपास एक ऐसा पास होगा, जिसमें कोई भी व्यक्ति अपने टेस्ट का रिजल्ट और वैक्सीनेशन से जुड़ा सारा डेटा देख सकता है। कोविड-19 स्टेट्स जानने के लिए आदमी की सहमति लेना अनिवार्य होगा। कॉमन पास में किसी भी व्यक्ति का निजी डेटा उजागर नहीं किया जाएगा। इसकी अधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक कॉमन पास देखता है कि किसी का लैब रिजल्ट या फिर वैक्सीनेशन की जानकारी किसी विश्वसनीय स्रोत से ही आ रही हो। इस पर अभी काम चल रहा है, जिसमें कोरोना से जुड़ी जानकारी दर्ज होगी और लोग अलग-अलग देशों की यात्रा के दौरान कोविड-19 से जुड़े नियमों को पूरा कर सकेंगे।
यह डिजिटल सर्टिफिकेट आपका महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो बताएगा कि आप स्वस्थ हैं और वैक्सीनेटेड हैं। कई जगहों पर लोगों को क्वारंटीन पर रहने पर जोर दिया जाता है। इससे उन्हें क्वारंटीन में छूट मिलेगी। वैक्सीन पासपोर्ट होने पर आपको बार-बार टेस्ट कराना और निगेटेवि रिपोर्ट दिखाने की जरूर नहीं पड़ेगी। यह फोन में सुरक्षित रहेगा, जिसे आप कभी भी और कहीं भी पूछे जाने पर दिखा सकते हैं।
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