जन्माष्टमी का पर्व हर साल बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस खास पर्व पर परिवार के साथ धार्मिक यात्रा पर जाना आपके लिए यादगार तो होगा ही, साथ में भगवान के दर्शन भी हो जाएंगे। अगर आप कई दिनों से परिवार के साथ के साथ कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, लेकिन समझ नहीं आ रहा है कि कहां जाएं, तो यह आर्टिकल आपके काम आएगा। जन्माष्टमी के अवसर पर आप भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए उनके खास मंदिरों में जाने का प्लान बना सकते हैं। इससे आपका घूमना भी हो जाएगा और भगवान के दर्शन भी हो जाएंगे।
उड़ीसा, जगन्नाथ मंदिर (पुरी)
ओड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में जन्माष्टमी का माहौल देखने वाला होता। जगन्नाथ मंदिर में भगवान कृष्ण रूप में पूजे जाते हैं। यहां जन्माष्टमी के अवसर पर विशेष अनुष्ठान और पूजा होती हैं, इसलिए इसमें शामिल होने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। अगर आप अपने परिवार के साथ कहीं जाने का प्लान बना रहे हैं, तो यहां दर्शन के लिए जा सकते हैं। मंदिर में महाप्रसाद का खास महत्व है। यहां भगवान जगन्नाथ को भव्य भोजन चढ़ाया जाता है। इसके बाद इसे श्रद्धालुओं में बांटा जाता है। ओडिश में परिवार के साथ घूमने के लिए जगहों की कोई कमी नहीं है।
- ट्रेन से- परिवार के साथ ट्रेन से यात्रा शुरू कर रहे हैं, तो पुरी रेलवे स्टेशन के लिए टिकट ले सकते हैं। यहां पर देश के विभिन्न शहरों से सीधी ट्रेन मिलती है। इसके बाद पुरी रेलवे स्टेशन से मंदिर तक पहुंचने के लिए टैक्सी या ऑटो-रिक्शा लेनी होगी।
- फ्लाइट से- भुवनेश्वर में स्थित बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है, जो पूरी से लगभग 60 किलोमीटर दूर है।
द्वारका, गुजरात

द्वारकाधीश मंदिर में भी परिवार के साथ दर्शन करने का प्लान बना सकते हैं। द्वारकाधीश मंदिर भगवान श्री कृष्ण के जीवन का सबसे खास मंदिर है। यह मंदिर द्वारका के प्राचीन शहर में स्थित है। द्वारकाधीश मंदिर से भगवान कृष्ण के जीवन से खास कनेक्शन है, इसलिए जन्माष्टमी में घूमने के लिए यह बेस्ट जगह है। द्वारका शहर समुद्र तट के करीब स्थित है इसलिए आप यहां दर्शन के साथ-साथ और समुद्र के सुंदर नजारों का आनंद ले सकते हैं। द्वारका के आस पास स्थिथ बीच पर घूमने भी जा सकते हैं।
- नजदीकी एयरपोर्ट- डॉ. भीमराव अंबेडकर एयरपोर्ट, जो द्वारका से लगभग 230 किलोमीटर दूर है।
- ट्रेन से- द्वारका रेलवे स्टेशन दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, और कोलकाता जैसे बडे शहरों से आपको आसानी से सीधी ट्रेन मिल जाएगी।
मथुरा-वृंदावन
अगर श्री कृष्ण की नगरी की बात हो रही है, तो इसमें मथुरा-वृंदावन का नाम तो आएगा ही। भगवान श्री कृष्ण के बचपन का स्थल वृंदावन, जन्माष्टमी के लिए सबसे ज्यादा खास है। जन्माष्टमी के अवसर पर दोनों ही जगह का वातावरण देखकर आपको ऐसा लगेगा, जैसे भगवान आज भी यहां मौजूद है। भव्य झांकियाँ, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और धार्मिक अनुष्ठान जैसी कई चीजें आपको यहां देखने को मिलेगी।
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image credit- freepik
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