अकसर हमारे घरों में जब लोग ताजी हरी सब्जी खाकर बोर हो जाते हैं तो बीन्स, मटर और झुरगा जैसे बीजों की स्वादिष्ट सब्जी और दाल बनाकर भोजन में नयापन लाने की कोशिश करते हैं। हमारे रसोई में ऐसे बहुत सी चीजें, अनाज, मसाले,तिलहन और दलहन होते हैं जो दिखने में तो बिल्कुल एक जैसे होंगे लेकिन इनका उपयोग और स्वाद एक दम अलग। कई बार ऐसा होता है कि हम एक जैसे दिखने वाले इन खाद्य पदार्थों के बीच का फर्क पहचान नहीं पाते हैं और हमे जो चाहिए उसके बजाए उसके समान दिखने वाली चीजों को घर ले आते हैं। आज के इस लेख में आपको एक जैसे दिखने वाली दो अलग-अलग चीजों के बारे में बताएंगे, कि ये क्या है और एक दूसरे से कैसे अलग है।
सोयाबीन और झुरगा (लोबिया) के बीच क्या अंतर है?
सोयाबीन
सोयाबीन एक प्रकार की फली है जिसकी खेती मुख्य रूप से पूर्वी एशिया के क्षेत्रों में होती है। सालों से लोग इसे अपने आहार में शामिल किया जाता है।
आमतौर पर सोया आटा, सोया प्रोटीन, टोफू, सोया मिल्क, सोया सॉस और तेल जैसे विभिन्न खाद्य पदार्थों का निर्माण सोयाबीन के बीज से किया जाता है। सोयाबीन में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है साथ ही कार्ब और वसा (फैट) भी पाए जाते हैं।
सोयाबीन को तिलहन के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, इसका मुख्य रूप से और ज्यादा मात्रा में तेल बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। घरों में खाना पकाने के लिए सोयाबीन के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। शाकाहारी और वीगन लोगों के लिए सोयाबीन से बने प्रोडक्ट फायदेमंद है।
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ऐसे करें आहार में शामिल
सोयाबीन से बने टोफू को आप पनीर की जगह खा सकते हैं।
सोया नगलेट, सोया चंक्स (सोया चंक्स रेसिपी), सोया नट्स और सोया ग्रैनुएल के रूप में खा सकते हैं।
सोया मिल्क, सोया आटा से बने व्यंजन और दाल बनाकर डाइट में शामिल कर सकते हैं।
झुरगा
झुरगा जिसे लोबिया के नाम से भी जाना जाता है। दुनियाभर में उगाई जाने वाली आम फलियों में से एक है। इसे लोग काली आंखों वाले मटर के नाम से भी जानते हैं। यह दिखने में सोयाबीन (सोयाबीन रेसिपी) की तरह दिखता है, इसके काले रंग के कारण ही आप इसमें फर्क कर सकते हैं। यह भारतीय और दक्षिण भारतीय व्यंजनों का मुख्य हिस्सा है। पोषक तत्वों से भरपूर झुरगा में आपको प्रचुर मात्रा में फाइबर और प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है।
अपने आहार में कैसे शामिल करें?
झुरगा से आप दाल और सब्जी बनाने के अलावा और भी कई तरह के व्यंजन बना सकते हैं। यदि आप भोजन के लिए सूखे झुरगा (लोबिया रेसिपी) का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसे कम से कम 6 घंटे पहले भिगोकर रखें, ताकि ये जल्दी पके और पचाने में आसानी हो। इसे अन्य बीन्स और दलहन की तरह भिगोने में ज्यादा समय नहीं लगता है। किसी भी व्यंजन में शामिल करने से पहले इसे धीमी आंच में 45 मिनट तक नरम होने तक उबाल लें। आमतौर पर इसे पारंपरिक दक्षिण भारतीय व्यंजनों में मसाले और हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ मिलाया जाता है। आप इससे सूप, दाल, सब्जी और सलाद के रूप में भी खा सकते हैं।
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ये रहे एक जैसी दिखने वाली झुरगा और सोयाबीन में अंतर। आपको भी इन दोनों में कोई और अंतर पता हो या इससे कोई विशेष रेसिपी बनाते हैं तो हमें कमेंट कर बताएं। यदि यह लेख पसंद आई हो तो इसे लाइक और शेयर करें। ऐसे ही आर्टिकल पढ़ते रहने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।
Image credit- Freepik
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