भारत की प्रथम राजधानी यानि पश्चिम बंगाल में प्राचीन काल से लेकर मध्य काल तक ऐसे कई ऐतिहासिक मंदिर, इमारत और महल का निर्माण हुआ, जो आज भी पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है। प्राचीन और मध्य काल में कुछ राजाओं और मध्य काल में ब्रिटिश हुकूमत द्वारा कई ऐतिहासिक भवन का निर्माण करवाया गया, जहां हर साल हजारों सैलानी घूमने के आते हैं। इन्हीं ऐतिहासिक महल में से एक है 'कूचबिहार पैलेस' जिसे कई लोग राजबाड़ी के नाम से भी जानते हैं।
विश्व प्रसिद्ध इस पैलेस को विक्टर जुबली पैलेस के रूप में भी जाना जाता है। इस पैलेस के बारे में कहा जाता है कि लंदन में स्थित बकिंघम पैलेस से प्रेरित होकर इस पैलेस का निर्माण करवाया गया था। आज इस लेख में हम आपको इस कूचबिहार पैलेस के बारे में कुछ रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं, जिससे शायद आप भी अभी तक अंजान होंगे। तो चलिए जानते हैं इस पैलेस के बारे में।
कहा जाता है कि प्रसिद्ध कूचबिहार पैलेस का निर्माण उस समय के राजा महाराजा नृपेंद्र नारायण ने साल 1887 में करवाया था। साल 1887 के बाद महाराजा नृपेंद्र नारायण के बाद उनके बेटे राजेंद्र नारायण और जितेंद्र नारायण ने साल 1970 के आसपास तक इस महल पर राज किया और बाद में इस पैलेस को भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने अपने अधिकार में कर लिया। भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा अपने अधिकार में लेने के बाद इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया, जहां हर साल हजारों देशी और विदेशी सैलानी घूमने के लिए आते हैं।
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कहा जाता है कि इस महल का निर्माण इतालवी वास्तुकला में किया है, जो एक भव्य भवन है। बलुआ पत्थर और संगमरमर से तैयार कूचबिहार पैलेस के कमरों की दीवारों और छत पर बेहद ही सुंदर पेंटिंग हैं, जिसे देखने के बाद सबकी निगाहें टिक जाती है। कहा जाता है कि साल 1987 के आसपास पश्चिम बंगाल में आये भूकंप के कारण इस महल को काफी नुकसान पहुंचा, जिसके बाद इस महल के कई हिस्सों को पर्यटकों के लिए बंद कर दिगा। ये भी कहा जाता है कि इस पैलेस का मुख्य दरवाजा रोम में स्थित सेंट पीटर चर्च से मिलता जुलता है।(रामबाग पैलेस)
पश्चिम बंगाल के पर्यटक विभाग द्वारा इस महल में शनिवार और रविवार को लाइट एंड साउंड शो प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है। यहां आप भी शाम 6 बजे से लेकर 8 बजे के बीच कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं। इस पैलेस में बिलियर्ड रूम, लाइब्रेरी और म्यूजियम आदि ऐसे कई प्रमुख आकर्षण के केंद्र है, जिसे देखने और घूमने के लिए जा सकते हैं। कहा जाता है कि इस महल में लगभग पच्चास से अधिक कमरे मौजूद है।(लक्ष्मी विलास पैलेस)
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ऐसे नहीं है कि इस पैलेस के आसपस घूमने के लिए कोई जगह नहीं है। अगर आप यहां घूमने के लिए जा रहे हैं, तो आप मदन मोहन मंदिर, झील और स्वादिष्ट स्थानीय भोजन का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं। कहा जाता है कि यहां हर साल रश मेला और हुजूर साहेब मेला भी आयोजित होता है, जिसमें आप शामिल होने के लिए जा सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कूचबिहार पैलेस में घूमने के लिए प्रति व्यक्ति दस रुपये है और बच्चों के लिए कोई टिकट नहीं है।
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