Matka Water Safety Tips: मिट्टी का मटका गर्मी में किसी वरदान से कम नहीं है। इसका ठंडा पानी आपकी सेहत को दुरुस्त रखता है। इसमें पानी को सही ढंग से स्टोर किया जाए, तो पानी फ्रिज से ज्यादा ठंडा रहता है। लेकिन अक्सर हम इसके रख-रखाव में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो पानी की क्वालिटी और हमारी सेहत दोनों को नुकसान पहुंचा सकती हैं, जैसे- बिना धुले मटके में बार-बार पानी भरना, नया मटका सीधे इस्तेमाल करना, आदि, ये सभी छोटी-छोटी आदतें बड़ी समस्याओं का कारण बन सकती हैं।
अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए, तो ना सिर्फ पानी का स्वाद बना रहेगा, बल्कि आपका मटका भी लंबे समय तक चलेगा। मटके में पानी भरते समय की गई कुछ गलतियों के कारण पानी ठंडा नहीं होता और साथ ही मटके में बदबू आ सकती है।
इस लेख में हम आपके साथ शेयर करेंगे, वो गलतियां जो आमतौर पर हम कर बैठते हैं। आप इन चीजों को नोट करें और ऐसी गलतियां करने से बचें।
बार-बार बिना धोए पानी भरना
मटका एक नेचुरल फिल्टर की तरह काम करता है, लेकिन अगर उसे बार-बार बिना धोए पानी भरा जाए तो उसमें धूल, बैक्टीरिया और गंदगी जमा हो सकती है। लंबे समय तक ऐसा करने से पानी में गंध, बैक्टीरिया या फंगस पनप सकता है। इसके अलावा, मटका की मिट्टी में जमा गंदगी पानी के स्वाद को भी प्रभावित कर सकती है।
क्या करें-
हर 3-4 दिन में मटके को खाली करके अच्छे से धोएं, ब्रश और खौलते पानी से साफ करें। इसे पूरी तरह सूखने के बाद ही उसमें ताजे पानी भरें। इससे मटका हमेशा ताजगी से भरा रहेगा और पानी शुद्ध रहेगा।
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ढक्कन को इग्नोर करना
अक्सर लोग मटके पर कोई भी ढक्कन लगा देते हैं चाहे वो स्टील हो या प्लास्टिक। इससे मटके की खासियत, यानी उसकी सांस लेने की क्षमता, खत्म हो जाती है और नमी अंदर बनी रहती है, जो पानी में दुर्गंध पैदा कर सकती है। इसके अलावा, प्लास्टिक ढक्कन से मटका के अंदर की हवा का संतुलन बिगड़ जाता है।
क्या करें-
हमेशा मटके के लिए मिट्टी या लकड़ी का ढक्कन ही उपयोग करें। यह मटके को सांस लेने में मदद करता है और पानी में कोई भी गंध या बैक्टीरिया पनपने से बचता है।
एक ही मटके में महीनों तक पानी भरना
मटका का इस्तेमाल एक लिमिटेड समय तक ठीक रहता है, लेकिन जैसे-जैसे उसका इस्तेमाल बढ़ता है, मटके की अंदरूनी सतह रफ हो जाती है। उसमें दरारें बनने लगती हैं। यह दरारें बैक्टीरिया को पनपने का मौका देती हैं, जिससे पानी की क्वालिटी खराब हो सकती है।
क्या करें-
हर 4-6 महीने में मटका बदलें या उससे अंदर से अच्छी तरह से जांच करें। अगर मटका बहुत पुराना हो गया है, तो उसे गार्डनिंग या प्लांट पॉट के रूप में री-यूज किया जा सकता है। इससे न केवल पानी की क्वालिटी बनी रहती है, बल्कि आप पुराने मटके का दोबारा उपयोग भी कर सकते हैं।
मटके की सफाई में डिशवॉश लिक्विड का इस्तेमाल
मटके की मिट्टी झरझरी और पोरस होती है, जिससे उसमें कोई भी रासायनिक पदार्थ आसानी से समा सकता है। जब आप मटके की सफाई के लिए डिशवॉशिंग लिक्विड या डिटर्जेंट का उपयोग करते हैं, तो उनके रासायनिक तत्व मिट्टी में समा सकते हैं। ये रासायनिक अंश पानी में मिलकर उसकी शुद्धता को प्रभावित कर सकते हैं और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
क्या करें-
मटके की सफाई के लिए सिर्फ खौलते पानी और हल्के ब्रिसल्स वाले ब्रश का इस्तेमाल करें। इससे मटका साफ रहेगा और पानी भी साफ और ताजा रहेगा।
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मटके के पानी को बार-बार फ्रिज में ठंडा करना
कुछ लोग मटके से पानी निकालकर फ्रिज में रखते हैं और फिर उसे दोबारा मटके में डालते हैं, जो एक गलत आदत है। मटके की मिट्टी की नेचुरल थर्मल रेगुलेशन की प्रक्रिया इससे प्रभावित होती है। जब आप मटके का पानी फ्रिज में ठंडा करते हैं और फिर उसे मटके में डालते हैं, तो मटके की मिट्टी की परफॉर्मेंस घट जाती है और यह पानी की शुद्धता को भी कम कर सकता है।
क्या करें-
मटके में हमेशा ताजे और ठंडे पानी का इस्तेमाल करें, लेकिन उसे फ्रिज में रखने की आदत से बचें।
अगर आप चाहते हैं कि मिट्टी का मटका लंबे समय तक चले। उसमें पानी भी ताजा और साफ रहे, तो इन गलतियों को करने से बचें। हमें उम्मीद है कि ये गलतियां आप नहीं दोहराएंगे।
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Image Credit: Freepik
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