Uttarakhand Travel: खूबसूरती और रहस्यमयी की मिसाल है उत्तराखंड में छिपी हुई यह अद्भुत जगह

उत्तराखंड हसीन वादियों का घर माना जाता है। इस राज्य में ऐसी कई खूबसूरत और रहस्यमयी जगहें हैं, जहां आप भी कई लोग घूमने का सपना देखते रहते हैं।

 

best places to visit in dronagiri parvat uttarakhand

Best Places To Visit In Uttarakhand: उत्तराखंड की हसिसं वादियों में ऐसी कई मनमोहक और रहस्यमयी जगहें मौजूद हैं, जहां हर रोज हजारों देशी और विदेशी पर्यटक पहुंचते रहते हैं।

उत्तराखंड की हसीन वादियों में मौजूद मसूरी, नैनीताल, कौसानी आदि चर्चित हिल स्टेशन्स के बारे में आप जरूर जानते होंगे, लेकिन हिमालय की हसीन पहाड़ियों में एक ऐसी जगह है जिसे अद्भुत और रहस्यमयी जगहों से तुलना की जाती है।

आर्टिकल में हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड की हसीन वादियों में मौजूद द्रोणागिरी पर्वत के बारे में बताने जा रहे हैं। द्रोणागिरी पर्वत को भगवान हनुमान जी से भी जोड़कर देखा जाता है।

द्रोणागिरी पर्वत कहां है? (Dronagiri Parvat Kahan Hai, Uttarakhand)

Dronagiri Parvat Kahan Hai, Uttarakhand

सबसे पहले आपको यह बता दें कि द्रोणागिरी को कई लोग द्रोणागिरी पर्वत के नाम से भी जानते हैं। द्रोणागिरी पर्वत की ऊंचाई 7,066 मीटर है। दरअसल, द्रोणागिरी पर्वत उत्तराखंड के चमोली जिले में मौजूद है।

यह पर्वत जोशीमठ से करीब 50 किमी दूर स्थित नीति गांव में मौजूद है। कई एकड़ में फैला हुआ द्रोणागिरी पर्वत हसीन और अद्भुत नजारों के लिए जाना जाता है। स्थानीय लोगों के लिए यह पर्वत पूजनीय भी है।

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द्रोणागिरी पर्वत की पौराणिक कथा (Dronagiri Parvat Hanuman)

Dronagiri Parvat Hanuman

द्रोणागिरी पर्वत की पौराणिक कथा बेहद ही दिलचस्प है। इस खूबसूरत पर्वत को रामायण काल से जोड़कर देखा जाता है। मान्यता के अनुसार जब लक्ष्मण मेघनाद के दिव्यास्त्र मूर्छित हो गए थे तब हनुमान जी द्रोणागिरी पर्वत ही संजीवनी बूटी लेने के लिए आए थे।(उत्तराखंड की 5 खूबसूरत जगहें)

एक अन्य कहानी है कि हनुमान जी द्वारा द्रोणागिरी पर्वत का एक हिस्सा लेकर जाने की वजह से स्थानीय लोग हनुमान जी का पूजा-पाठ नहीं करते हैं। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यह पर्वत दैवीय शक्ति प्रदान करता है।

क्यों द्रोणागिरी पर्वत छोड़कर लोग चले जाते हैं? (Dronagiri Parvat In Ramayana)

Dronagiri Parvat In Ramayana

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कई लोग द्रोणागिरी पर्वत छोड़कर चले जाते हैं। दरअसल, यह कहा जाता है बर्फबारी के समय पूरा का पूरा द्रोणागिरी पर्वत बर्फ की चादरों से ढक जाता है। अधिक बर्फ पड़ने की वजह से काफी अधिक ठंड लगती है। इसलिए सर्दियों के मौसम में कई लोग पर्वत को छोड़कर अन्य हिस्सों में पहुंच जाते हैं।

ट्रेकिंग के लिए बेहद खास है द्रोणागिरी पर्वत (Dronagiri Trek)

Dronagiri Trek

द्रोणागिरी पर्वत सैलानियों के लिए बीच काफी फेमस है। खासकर ट्रेकिंग करने वालों के बीच में यह पर्वत कुछ अधिक ही लोकप्रिय है। जोशीमठ से करीब 50 किमी की दूरी पर जुम्मा नाम की एक जगह है। जुम्मा से ही द्रोणागिरी पर्वत के लिए ट्रेकिंग शुरू होती है। छोटे-बड़े पहाड़, घर के मैदान और झील-झरनों के बीच ट्रेकिंग करने का एक अलग ही मजा है।(उत्तराखंड की जन्नत है यह जगह)

द्रोणागिरी में घूमने की जगहें (Dronagiri Uttarakhand Tourism Places)

द्रोणागिरी में स्थित प्राचीन शिव मंदिर घूमने जा सकते हैं। यह पहाड़ी की चोटी पर मौजूद है। इसके अलावा द्रोणागिरी पर्वत व्यू पॉइंट भी घूमने जा सकते हैं। व्यू पॉइंट से द्रोणागिरी पर्वत की खूबसूरती को निहार सकते हैं। इसके अलावा द्रोणागिरी में प्रकृति का अद्भुत नजारा देख सकते हैं। एक से एक खूबसूरत और यादगार फोटोग्राफी भी कर सकते हैं।

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द्रोणागिरी कैसे पहुंचें? (How To Reach Dronagiri Uttarakhand)

How To Reach Dronagiri Uttarakhand

द्रोणागिरी आप आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको जोशीमठ पहुंचना होगा। जोशीमठ से फिर आपको तपोवन पहुंचना होगा। तपोवन से टैक्सी, कैब या ऑटो लेकर द्रोणागिरी पहुंच सकते हैं। आपको बता कि सबसे पास में देहरादून रेलवे स्टेशन है। जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से द्रोणागिरी की दूरी करीब 272 किमी है।

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Image Credit:(@insta)

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