जब भी केरल घूमने की बात होती है तो अधिकतर लोगों के मस्तिष्क में शांत बैकवाटर से लेकर नारियल के पेड़, समुद्री भोजन और नाव की सवारी जैसे कई चित्र उभर आते हैं। यकीनन प्राकृतिक सुंदरता के दृष्टिकोण से केरल एक बेहद खूबसूरत शहर है। इसकी खूबसूरती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे भगवान का अपना देश कहा गया है। लेकिन सिर्फ प्रकृति प्रेमियों के लिए ही यह राज्य स्वर्ग नहीं है, बल्कि अगर आप इतिहास में रूचि रखते हैं तो भी यह राज्य आपको निराश नहीं करेगा।
दरअसल, केरल राज्य में कई किले मौजूद हैं, जो ऐतिहासिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण हैं। इनमें से कुछ 16 वीं शताब्दी के हैं, जो आज खंडहर में बदल चुके हैं। लेकिन फिर भी पर्यटकों से लेकर इतिहासकारों तक को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। तो चलिए आज इसे लेख में हम आपको केरल में स्थित कुछ प्राचीन किलों के बारे में बता रहे हैं-
सेंट एंजेलो किला
इस फोर्ट का निर्माण 1505 में किया गया था। जिसे भारत के पहले पुर्तगाली वायसराय डोम फ्रांसिस्को डी अल्मेडा ने स्थानीय शासक अली राजस की अनुमति से बनाया था। इसे कन्नूर किले के रूप में भी जाना जाता है। यह विशाल संरचना अरब समुद्र के सुंदर मनोरम दृश्य प्रस्तुत करती है। इस किले का निर्माण लेटराइट पत्थरों की मदद से किया गया है।
पल्लीपुरम किला
पल्लीपुरम किला को लोग अयिकोट्टा या अलीकोट्टा भी कहते हैं। एर्नाकुलम में स्थित पल्लीपुरम किला आज भारत में सबसे पुराना मौजूदा यूरोपीय किलों में से एक है। इसका निर्माण 1503 में पुर्तगालियों द्वारा करवाया गया था। लेटराइट, चूने और लकड़ी का उपयोग करके निर्मित, किले में एक हेक्सागोनल संरचना है। अफसोस की बात है कि यह किला आज खंडहर में तब्दील हो चुका है और यह क्षेत्र घनी वनस्पतियों से घिरा हुआ है।
पलक्कड़ किला
पलक्कड़ के केंद्र में स्थित, यह किला दक्षिणी भारत में सबसे अच्छी तरह से संरक्षित किलों में से एक है। इसे 1766 में मैसूर साम्राज्य के शासक हैदर अली खान की देखरेख में बनाया गया था। इस किले को टीपू के किले के रूप में भी जाना जाता है। यह कहा जाता है कि एक बार किले पर जमोरिन की सेना ने थोड़ी देर के लिए कब्जा कर लिया था। आज, किले में सरकारी कार्यालय, एक सब-जेल और एक छोटा मंदिर भी है।
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होसदुर्ग किला
यह भी एक प्राचीन किला है, जो कासरगोड में स्थित हे। इस होसदुर्ग किले का निर्माण इक्केरी के केलाडी नायक वंश से सोमशेखर नायक द्वारा करवाया गया था। आज किले के केवल खंडहर बचे हैं और पास में स्वामी नित्यानंद का एक आश्रम है, जिसमें 45 गुफाओं का संग्रह है। (इन मदिंरों में होती है जानवरों की पूजा)
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चंद्रगिरि किला, कासरगोड
कासरगोड में चंद्रगिरि किला पायस्विनी नदी और अरब सागर के संगम पर स्थित है। इस किले का निर्माण 17वीं सदी में करवाया गया। यह किला विजयनगर साम्राज्य के पतन के बाद बेदनापुर के शिवप्पा नाइक द्वारा बनाया गया था। यह समुद्र तल से 46 मीटर (150 फीट) की ऊंचाई पर एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है।
बेकल किला, कासरगोड
इस किले का निर्माण केलाडी के शिवप्पा नायक द्वारा 1650 ईस्वी में करवाया गया था। 40 एकड़ में फैला बेकल किला केरल का सबसे बड़ा किला है। अगर आप यहां पर हैं, तो आपको आसपास के समुद्र तट का एक सुखद अहसास होता है। यहां से सूर्यास्त को देखने का भी अपना एक अलग ही अनुभव है।
तो अब आप जब भी केरल जाएं, तो इन ऐतिहासिक किलों को देखना ना भूलें। यह किले आपको एक अलग ही अनुभव करवाएंगे। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकीअपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- keralatourism
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