जानिए झारखंड से जुड़े कुछ अमेजिंग फैक्ट्स

पूर्वी भारत में स्थित झारखंड राज्य की अपनी अलग महत्ता है। बिहार से अलग होकर बने इस राज्य से जुड़े ऐसे कई इंटरस्टिंग फैक्ट्स हैं, जिसे हर किसी को जानना चाहिए। 

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झारखण्ड भारत का एक राज्य है, जिसके उत्तर में बिहार, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़, पूर्व में पश्चिम बंगाल और दक्षिण में ओडिशा है। 15 नवंबर 2000 को इसका गठन किया गया। पहले झारखंड बिहार राज्य का ही हिस्सा था, बाद में इसे एक अलग राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ।

इस राज्य में मौजूद घने जंगलों के कारण झारखंड को वनांचल भी कहा जाता है। यह राज्य कई मायनों में बेहद खास है। घने जंगलों के अलावा यहां पर मिनरल रिसोर्स की भी कोई कमी नहीं है। यह राज्य अपने इतिहास, प्राकृतिक सुंदरता और परंपराओं के लिए जाना जाता है। तो चलिए आज हम आपको इस राज्य से जुड़े कुछ अमेजिंग फैक्ट्स से रूबरू करवा रहे हैं-

मौजूद हैं झरने ही झरने

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झारखंड एक बेहद ही खूबसूरत राज्य है और यहां पर कई झरने मौजूद हैं। इनमें हुंडरू फॉल्स, दशम फॉल्स, जोन्हा फॉल्स और हिरनी फॉल्स आदि काफी पॉपुलर हैं और अक्सर टूरिस्ट यहां आना व वक्त बिताना पसंद करते हैं। यहां तक कि झारखंड की राजधानी रांची को सिटी ऑफ वॉटरफॉल यानी झरनों का शहर भी कहा जाता है। झारखंड के आसपास के क्षेत्रों में कई बेहद ही खूबसूरत झरने हैं।

राज्य में हैं घने जंगल

इस राज्य का प्राकृतिक सौंदर्य अनुपम है। यहां पर घने जंगल मौजूद हैं, जो इसके लगभग 29 % भूमि क्षेत्र को कवर करते हैं। ये जंगल अपनी जैव विविधता के लिए जाने जाते हैं और यहां पर भारतीय हाथी से लेकर बाघ और स्लॉथ भालू जैसी कई जानवरों की प्रजातियां रहती हैं।

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कई जनजातियों का है घर

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झारखंड विविध प्रकार के जनजातीय समुदायों का घर है। इस राज्य में 30 से अधिक विभिन्न जनजातियां निवास करती हैं। प्रमुख जनजातियों में संथाल, मुंडा, ओरांव, खरिया और भूमिज शामिल हैं। बता दें कि राज्य की 30 प्रतिशत से अधिक आबादी विभिन्न जनजातीय समुदायों से संबंधित है। इन स्वदेशी जनजातियों में अद्वितीय परंपराएं, कलाएं और संस्कृतियां हैं जो राज्य में विविधता जोड़ती हैं।(झारखंड में घूमने की जगह)

बेहद महत्वपूर्ण है पारसनाथ हिल

झारखंड की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पारसनाथ हिल है। इसे जैनियों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थान के रूप में माना जाता है। वास्तव में यह उनका सबसे बड़ा तीर्थस्थल है। इसे सम्मेद शिखर के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि 24 जैन तीर्थंकरों में से 20 ने इसी स्थान पर निर्वाण प्राप्त किया था।

बिरसा मुंडा का जन्मस्थान

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झारखंड महान आदिवासी नेता बिरसा मुंडा का जन्मस्थान भी है। झारखंड में जन्मे बिरसा मुंडा एक स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आदिवासी आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आदिवासी समुदायों के अधिकारों और कल्याण के लिए लड़ाई लड़ी। राज्य में लोग उनके लोक नायक के रूप में पूजते हैं।

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एजुकेशन हब के रूप में है पॉपुलर

झारखंड भले ही अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता हो। यहां पर कई वॉटरफॉल और जंगल हो या फिर यहां पर बड़ी संख्या में जनजातियां रहती हों, लेकिन फिर भी शिक्षा के मामले में यह बिल्कुल पिछड़ा नहीं है। झारखंड की राजधानी रांची एक महत्वपूर्ण एजुकेशनल सेंटर रही है। यहां पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) रांची, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) रांची और अन्य कई एजुकेशनल सेंटर मौजूद हैं।

मनाए जाते हैं विशेष त्यौहार

यूं तो कई त्यौहार पूरे देश में मनाए जाते हैं, लेकिन जहां तक बात झारखंड की है तो यहां पर कुछ विशिष्ट त्यौहार मनाए जाते हैं। झारखंड में सरहुल, कर्मा, सोहराई और टुसु परब सहित कई तरह के त्यौहार पूरे जोश के साथ मनाए जाते हैं। ये त्यौहार राज्य और यहां पर रहने वाले आदिवासी समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।

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Image Credit- freepik, wikipedia

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