Oldest Dam In India And Who Built: देश में स्थित डैम भौगोलिक दृष्टि से बेहद ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इसलिए देश के कई राज्यों में बड़े-बड़े डैम आसानी से देखने को मिल जाते हैं। भारत में स्थित डैम सिंचाई से लेकर औद्योगिक उपयोग और हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
भारत में स्थित बड़े-बड़े डैम देशी और विदेशी पर्यटकों को भी खूब आकर्षित करते हैं। खासकर, मानसून के समय कई लोग देश के चर्चित डैम के आसपास घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं।
डैम को लेकर अगर आपसे यह सवाल किया जाए कि भारत का सबसे बड़ा बांध कौन सा है?, तो आपका जवाब होगा-टिहरी बांध, लेकिन अगर आपसे यह पूछा जाए कि देश के सबसे पुराने बांध का नाम क्या है, तो फिर आपका जवाब क्या होगा?
इस आर्टिकल में हम आपको देश के सबसे पुराने बांध के बारे में बताने जा रहे हैं कि कब और किसने बांध का निर्माण किया था। देश के सबसे पुराने बांध को पर्यटन केंद्र भी माना जाता है।
देश के सबसे पुराने बांध का नाम क्या है? (Name Of Oldest Dam In India)
देश के सबसे पुराने बांध की खासियत जानने से पहले आपको यह बता दें कि उसका नाम 'कल्लनई बांध' है। यह बांध कावेरी नदी पर बना है। देश के इस चर्चित बांध को इंजीनियरिंग कौशल का बेहतरीन उदाहरण माना जाता है। इस बांध को लेकर कहा जाता है कि यह दुनिया का चौथा सबसे पुराना बांध भी है। कल्लनई बांध को ग्रैंड एनीकट के नाम से भी जाना जाता है।
कल्लनई बांध कहां है? (Where Is Kallanai Dam)
देश के सबसे पुराने बांध का नाम जानने के बाद यह जान लेते हैं यहां देश के किस राज्य और शहर में मौजूद है। कल्लनई बांध, दक्षिण भारत के तमिलनाडु के तंजावुर जिले में मौजूद है, जो कावेरी नदी पर बना हुआ है।
आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि कल्लनई बांध, तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 336 किमी दूर है। इस बांध के आसपास अन्य बड़े शहर करीब पुदुकोट्टई, जो करीब 67 किमी और तिरुचिरापल्ली शहर करीब 20 किमी दूर है।
कल्लनई बांध निर्माण कब और किसने करवाया था? (Who Built Kallanai Dam)
कल्लनई बांध के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण करीब 150 ईस्वी के आसपास में हुआ था। इस बांध को लेकर कई लोगों का माना कि इसका निर्माण चोल वंश के शासक करिकलन के कल हुआ था।
कहा जाता है कि 150 ईस्वी में निर्मित कल्लनई बांध आज भी शीना ताने खड़ा है और हर दिन अपनी खूबसूरती से पर्यटकों को आकर्षित करता है। कहा जाता है कि बांध के पास करिकला चोल की मूर्ति भी मौजूद है।
इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना है कल्लनई बांध (Kallanai Dam Architecture)
कल्लनई बांध अपनी खूबसूरती के साथ-साथ बेहतरीन इंजीनियरिंग कौशल का उदाहरण भी माना जाता है। कहा जाता है कि उस जमाने में कई सुविधाओं के न होने के बाद इसका निर्माण करना इंजीनियरिंग बेहतरीन नमूना माना जाता है। कल्लनई बांध का निर्माण ऐसा किया है कि यह 2,000 सालों के बाद भी सीना ताने खड़ा है। इस बांध को दुनिया की सबसे पुरानी सिंचाई प्रणालियों में से एक माना जाता है।
कल्लनई बांध का निर्माण क्यों किया गया था? (Why Built Kallanai Dam)
कहा जाता है कि कल्लनई बांध के निर्माण से पहले कावेरी नदी की तेज धारा की वजह से बरसात के मौसम में डेल्टा क्षेत्रों में बाढ़ आती थी, इसलिए इस बांध का निर्माण किया गया था।
कल्लनई बांध को लेकर यह भी कहा जाता है कि करिकलन के शासन काल में आसपास के इलाकों में कई बार सुखा पड़ जाता है और सिंचाई के लिए बहुत परेशानी होती है। इसलिए राज्य में पानी की सिंचाई के लिए इसका निर्माण किया गया था। कई लोगों का यह भी मानना है कि 19वीं शताब्दी में अंग्रेजों ने इस बांध का पुनर्निर्माण भी किया था।
इसे भी पढ़ें:Chhattisgarh Travel: छत्तीसगढ़ का स्वर्ग माना जाता है औरापानी, सर्दियों में यहां घूमना है जन्नत के बराबर
पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है कल्लनई बांध (Kallanai Dam For Travel)
कल्लनई बांध, देश का सबसे पुराना बांध तो है ही, साथ में यह पर्यटन स्थल के रूप में भी काम करता है। इस बांध को एक्सप्लोर करने के लिए तमिलनाडु से लेकर देश के अन्य अन्य राज्यों से भी पर्यटक पहुंचते हैं। मानसून में कल्लनई बांध की खूबसूरती चरम पर होती है। इसलिए मानसून में इस बांध के आसपास सबसे अधिक भीड़ देखी जाती है।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो, तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
[email protected],danie_clickz/insta
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों