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भारत की समृद्ध विरासत को जानना हो, तो इन 6 म्यूजियम की सैर करना न भूलें

भारत के कई शहरों में ऐसे म्यूजियम हैं, जो हमें कई अद्भुत जानकारियों और हमारी संस्कृति और विरासत से रूबरू कराते हैं। आइए इनके बारे में आप भी जानें।
Editorial
Updated:- 2021-07-05, 08:07 IST

म्यूजियम सुनते ही जो एक चीज दिमाग में आती है, वो यह कि ये बोरिंग होते हैं। आप बस वहां रखी चीजों को देखते रहो, उसमें भला क्या है?लेकिन यही म्यूजियम आपको कई सारी जानकारियों से रूबरू कराते हैं। आपके शहर में स्थित तमाम संग्रहालय उन चीजों को सजों कर रखते हैं, जो शायद अब मौजूद नहीं हैं। भारत के कई शहरों में ऐसे पुराने और डायनैमिक म्यूजियम्स है, जो हमारे देश की समृद्ध संस्कृति और विरासत को दर्शाते हैं। आप भी जानें ऐसे ही अद्भुत म्यूजियम के बारे में।

क्रांति मंदिर म्यूजियम, लाल किला

lal quila kranti mandir museum

जनवरी 2019 में लाल किले के पुनर्निर्मित ब्रिटिश बैरक में चार नए संग्रहालयों का उद्घाटन किया गया था। संग्रहालय परिसर, जिसे क्रांति मंदिर के नाम से जाना जाता है, भारत के स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि है। इसमें 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम, सुभाष चंद्र बोस की भारतीय राष्ट्रीय सेना, प्रथम विश्व युद्ध में भारत की भागीदारी और जलियांवाला बाग हत्याकांड सहित 160 वर्षों का भारतीय इतिहास शामिल है। वहीं एक अन्य, संग्रहालय 'दृश्यकला' में राजा रवि वर्मा, अमृता शेरगिल, रवींद्रनाथ टैगोर, अबनिंद्रनाथ टैगोर और जामिनी रॉय के 450 दुर्लभ ऐतिहासिक कार्यों को संजोकर रखा गया है।

पार्टीशन म्यूजियम, अमृतसर

अगर वाघा बॉर्डर घूमने जाएं, तो आप पार्टीशन म्यूजियम की भी सैर जरूर करें। 17000 वर्ग फुट का विभाजन संग्रहालय 1947 के भारत के विभाजन (जो भारत की स्वतंत्रता के हिस्से के रूप में हुआ था) से प्रभावित लोगों के अनुभवों को रिकॉर्ड को संरक्षित करता है। पुनर्निर्मित टाउन हॉल में स्थित, संग्रहालय के कुछ सेक्शन अक्टूबर 2016 में खोले गए थे, जिसका पूरा शुभारंभ 17 अगस्त, 2017 (विभाजन की 70 वीं वर्षगांठ) पर हुआ। हाइलाइट्स में से एक गैलरी ऑफ होप है, जो उन लोगों की प्रेरक कहानियां बताती है जो बिना कुछ लिए भारतीय पक्ष में चले गए और सफल व्यवसाय बनाने में कामयाब रहे।

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हेरिटेज ट्रांसपोर्ट म्यूजियम, गुड़गांव

heritage transport museum

यह हेरिटेज म्यूजियम गुड़गांव में साल 2013 में शुरू हुआ था। यह भारत में ट्रांसपोर्ट इवॉल्यूशन को दर्शाता है। हालांकि यहएक निजी म्यूजियम है, जिसे विंटेज कार कलेक्टर तरुण ठकराल ने खोला है। उन्होंने इस संग्रहालय के एक्सपेंसिप डिसप्ले में अपने कलेक्शन को भी शामिल किया है। ग्रामीण भारत में इस्तेमाल होने वाले हाउदाह, बैलगाड़ी, बकरी गाड़ी, पालकी, विंटेज स्कूटर, एयरक्राफ्ट्स, बोट, ट्रेन और तमाम कलेक्शन भी आपको यहां मिलेंगे। इसके अलावा यहां एक लाइब्रेरी, रेफ्रेंस सेंटर, कॉन्फ्रेंस रूम, मिनी ऑडिटेरियम, सूवेनीर शॉप और रेस्तरां भी हैं। यह म्यूजियम चार मंजिला इमारत पर बना है।

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सिटी पैलेस म्यूजिम, उदयपुर

मेवाड़ की रॉयल फैमिली ने अपने उदयपुर सिटी पैलेस कॉम्प्लेक्स को एक वर्ल्ड क्लास म्यूजियम में तब्दील किया है। भारत के राजशाही इतिहास और विरासत को जानने के लिए यह एक उत्कृष्ट जगह है। इस म्यूजियम को पैलेसेस की सीरीज में रखा गया है। आप साल 1559 से इसके इतिहास को जान सकते हैं। इसके प्रदर्शन में कीमती शाही चीजें जैसे चांदी के बर्तन, संगीत के वाद्ययंत्र, फैमिली फोटोग्राफ्स और पोट्रेट्स, कलाकृतियां और हथियार शामिल हैं। कभी आपका जाना उदयपुर हो, तो इस म्यूजियम की सैर कर अपने समृद्ध इतिहास को जानें।

विक्टोरिया मेमोरियल हॉल, कोलाकाता

victoria memorial hall kolkata

कोलकाता का एक प्रतिष्ठित और भव्य लैंडमार्क, विक्टोरिया मेमोरियल का निर्माण भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान महारानी विक्टोरिया की स्मृति में किया गया था। इसे अब फाइन आर्ट हिस्टरी म्यूजियम में तब्दील कर दिया गया है, जिसमें 25 गैलरीज हैं। यहां 3900 पेंटिंग्स और 28000 से ज्यादा कलाकृतियों का संग्रह है। नई बनी गैलरी कलकत्ता गैलरी, ईस्ट इंडिया कंपनी के शुरुआती दिनों से लेकर 1911 में भारत की राजधानी के दिल्ली स्थानांतरण तक शहर के इतिहास और विकास का विवरण देती है।

ट्राइबल म्यूजियम, भोपाल

इसे जून 2013 में राज्य की जनजातीय संस्कृति के उत्सव के रूप में खोला गया था। जो बात इस म्यूजियम को खास बनाती है, वह यह है कि इसके प्रदर्शनों का निर्माण स्वयं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की विभिन्न प्रमुख जनजातियों के आदिवासी कलाकारों द्वारा किया गया है। जनजातीय जीवन, सौंदर्यशास्त्र और आध्यात्मिकता की आकर्षक और रंगीन गैलरीज रचनात्मकता और कलात्मक अभिव्यक्ति दर्शाती है। यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। यहां आकर आपको लगेगा जैसे आप किसी आदिवासी गांव में आ गए हों।

इसी तरह कई और ऐसे अद्भुत और भव्य म्यूजियम भारत में हैं, जो हमारे देश की विरासत से रूबरू करवाते हैं। आप अगर किसी म्यूजियम में गई हैं, तो हमें हमारे फेसबुक पेज पर कमेंट करके जरूर बताएं। साथ ही ऐसे रोचक आर्टिकल्स पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी के साथ।

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